रक्षा मंत्रालय
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रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी केंद्र

Posted On: 06 DEC 2024 2:33PM by PIB Delhi

केंद्र सरकार ने भारत को अनुसंधान और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न पहल की हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

(i) प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना: प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा क्रियान्वित किया जाता है। सरकार ने उद्योगों, विशेषकर एमएसएमई और स्टार्टअप को विभिन्न रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए टीडीएफ योजना को अनुमति दी है। यह योजना रक्षा प्रौद्योगिकी के डिजाइन और विनिर्माण के दायरे में नए उद्योगों को लाकर 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के अनुरूप है। अनुदान सहायता के रूप में उद्योग को प्रति परियोजना 50 करोड़ रुपये तक का वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

(ii) डीआरडीओ उद्योग अकादमिक उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई): डीआरडीओ ने पहचाने गए क्षेत्रों में रक्षा और सुरक्षा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए निर्देशित अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए देश भर में आईआईएससी बैंगलोर, विभिन्न आईआईटी और केंद्रीय/राज्य विश्वविद्यालयों में डीआरडीओ उद्योग अकादमिक उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) की स्थापना की है। शोधकर्ताओं और विद्वानों को आकर्षित करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला/अनुसंधान सुविधाएं और बुनियादी ढाँचा इन उत्कृष्टता केंद्रों में स्थापित किया गया है। इन डीआईए-सीओई के माध्यम से, डीआरडीओ का स्टार्ट-अप/उद्योग के साथ प्रभावी सहयोग होगा जो उत्पाद विकास में और सहायता करेगा।

(iii) रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडेक्स) सरकार द्वारा प्रारंभ की इस प्रणाली का उद्देश्य एमएसएमई, स्टार्टअप, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और शिक्षाविदों सहित उद्योगों को सम्मिलित करके रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहन देना है, जिससे आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन दिया जा सके। इसके अलावा, मई 2021 में आईडेक्स को बढ़ाने के लिए एक योजना शुरू की गई है, जिसमें अगले पांच वर्षों यानी 2021-22 से 2025-26 तक के लिए 498.80 करोड़ रुपये का बजटीय सहयोग दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) ढांचे के तहत लगभग 300 स्टार्ट-अप/एमएसएमई/व्यक्तिगत नवोन्मेषकों और 20 भागीदार इनक्यूबेटरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

अब तक रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए टीडीएफ योजना के तहत विभिन्न उद्योगों को 334.02 करोड़ रुपये की लागत की कुल 79 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं और डीआरडीओ ने देश भर में 15 डीआईए-सीओई स्थापित किए हैं। डीआरडीओ की अनुदान सहायता योजना के तहत अब तक लगभग 930 करोड़ रुपये की लागत की 264 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

डीआरडीओ 2019 से हर वर्ष  अखिल भारतीय डेयर टू ड्रीम इनोवेशन कॉन्टेस्ट शुरू कर रहा है, जिसका उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में अभिनव विचारों के लिए इनोवेटर्स, उद्यमियों, 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों और स्टार्ट-अप्स (डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त और भारतीय संस्थापकों के साथ) को एक साथ लाना है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से, डीआरडीओ अभिनव विचारों को आमंत्रित करता है और सर्वश्रेष्ठ विचारों का चयन करके उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।

डेयर टू ड्रीम प्रतियोगिता के चार संस्करण पहले ही सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं। डेयर टू ड्रीम (डी2डी) 5.0 को रक्षा मंत्री ने 18 अक्टूबर, 2024 को शुरू किया था और यह अभी जारी है। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रत्येक श्रेणी में एक निश्चित राशि नकद पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है। डेयर टू ड्रीम प्रतियोगिता के चार संस्करणों के विजेताओं को नकद पुरस्कार राशि के रूप में कुल 543 लाख रुपये जारी किए गए हैं। चयनित व्यक्ति/कंपनी को लाभ मिल रहा है क्योंकि डीआरडीओ उन्हें टीडीएफ योजना के माध्यम से पुरस्कृत विचारों को प्रोटोटाइप में बदलने के लिए सहयोग प्रदान करता है।

यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने आज लोक सभा में श्री अनंत नायक को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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