पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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संसद प्रश्न: विकसित भारत

Posted On: 05 DEC 2024 3:28PM by PIB Delhi

मंत्रालय के कार्यों में - पृथ्वी प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल, महासागर, क्रायोस्फियर और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक अवलोकनों को बढ़ाना और बरकरार रखना; और नई घटनाओं और संसाधनों की खोज की दिशा में पृथ्वी के ध्रुवीय और उच्च समुद्री क्षेत्रों का पता लगाने के लिए मौसम, जलवायु और खतरों के लिए पूर्वानुमान प्रणाली तैयार करना; पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि को सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ के लिए सेवाओं में उपयोग करना ; और समुद्री संसाधनों और सामाजिक अनुप्रयोगों के अन्‍वेषण के लिए महासागर प्रौद्योगिकी का विकास करना- शामिल है।

भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले पांच वर्षों में निम्नलिखित प्रयास किए गए हैं:

·         डॉपलर मौसम रडार नेटवर्क को 39 तक बढ़ाना

·         लाइटनिंग सेंसर नेटवर्क की स्थापना

·         एनडीएमए के समन्वय में हीट एक्शन प्लान का कार्यान्वयन

·         उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का सटीक और समय पर पूर्वानुमान

·         पूर्वानुमान की सटीकता में कुल मिलाकर 40 प्रतिशत सुधार

·         लघु रेंज से मध्यम, विस्तारित रेंज और मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के लिए अत्याधुनिक गतिशील पूर्वानुमान प्रणालियों का विकास

·         किसानों को जिला स्तरीय कृषि संबंधी सलाह प्रदान करना

·         जलवायु अनुमानों के लिए भारत के पहले पृथ्वी प्रणाली मॉडल का विकास

·         मौसम परिवर्तन के विज्ञान को समझने के लिए क्लाउड एरोसोल इंटरएक्शन प्रेसिपिटेशन एनहैंसमेंट एक्सपेरिमेंट (सीएआईपीईईएक्स) किया गया

·         मानसून संवहन और भूमि-वायुमंडल संपर्क को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं की बेहतर समझ के लिए वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना

·         पेयजल उत्पन्न करने के लिए लक्षद्वीप द्वीप समूह में स्वदेशी रूप से विकसित कम तापमान वाली तापीय  विलवणीकरण तकनीक की स्थापना

·         पुडुचेरी और तमिलनाडु के तटों पर समुद्र तटों की बहाली

·         बेहतर तटीय प्रबंधन के लिए भारतीय तट (1990-2018) के लिए वेब-आधारित तटरेखा परिवर्तन मानचित्रों का विकास

·         गहरे समुद्री संसाधनों की खोज और दोहन के लिए भारत की महत्वाकांक्षी योजना डीप ओशन मिशन की शुरुआत

·         मानवयुक्त पनडुब्बी के विकास की शुरुआत

·         मध्य हिंद महासागर में 5270 मीटर की गहराई पर डीप सी माइनिंग सिस्टम के लोकोमोशन परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न

·         लगभग 7 लाख मछुआरों के लिए संभावित मछली पकड़ने वाले क्षेत्र के लिए परामर्श

·         भारत में लगभग 9.45 लाख हितधारकों को समुद्र की स्थिति का पूर्वानुमान

·         भारत और 25 हिंद महासागर रिम देशों के लिए सुनामी की पूर्व चेतावनी का प्रावधान

·         राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क को 168 भूकंपीय वेधशालाओं तक उन्नत किया गया है

·         भूकंप-जोखिम-प्रतिरोधी अवसंरचना के विकास के लिए भूकंपीय, भूभौतिकीय और भू-तकनीकी मापदंडों का सेट तैयार करने के लिए विभिन्न भारतीय शहरों के भूकंपीय माइक्रोज़ोनेशन की शुरुआत

·         जलाशयों के कारण आने वाले भूकंपों को समझने के लिए 3 किमी गहराई वाले पायलट होल की ड्रिलिंग

·         संसद द्वारा 01 अगस्त, 2022 को अंटार्कटिक विधेयक पारित किया गया

·         ‘भारत और आर्कटिक: सतत विकास के लिए साझेदारी का निर्माण’ शीर्षक से भारतीय आर्कटिक नीति 2022 जारी की गई

·         अंटार्कटिका में साल भर चलने वाले दो स्टेशनों (मैत्री और भारती) का संचालन और रखरखाव, आर्कटिक में एक स्टेशन (हिमाद्रि), प्रति वर्ष 100 से अधिक भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों की सुविधा प्रदान करना।

·         पृथ्वी प्रणाली विज्ञान डेटा पोर्टल का शुभारंभ, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित विभिन्न कार्यक्रमों के तहत एकत्रित और अनुरक्षित डेटा को होस्ट करता है।

·         मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए अनेक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किए गए।

 

2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए मंत्रालय के लक्ष्य निम्नलिखित हैं:

• मौसम पूर्वानुमान से मौसम प्रबंधन

• राष्ट्रीय जीडीपी में नीली अर्थव्यवस्था के योगदान को दोगुना करना

• ध्रुवीय और महासागरीय अध्ययनों में अग्रणी बनकर उभरना और वैश्विक ढांचे में भारत के रणनीतिक हितों को बरकरार रखना।

• भूकंप की पूर्व चेतावनी

 

 उपरोक्त लक्ष्य हासिल करने के लिए निम्नलिखित मार्गों की पहचान की गई है:

1.मौसम पूर्वानुमान से लेकर मौसम प्रबंधन

§  मौसम और जलवायु पूर्वानुमान के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करना और अवलोकन लागू करना

§  मौसम प्रबंधन और हस्तक्षेप के लिए प्रौद्योगिकियां

§  बहु-जोखिम आकलन और चेतावनी प्रणालियां

§  भारत को “मौसम के लिए तैयार और जलवायु स्मार्ट” बनाने के लिए मिशन “मौसम”

 

2. राष्ट्रीय जीडीपी में नीली अर्थव्यवस्था के योगदान को दोगुना करना

§  देश के आर्थिक विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था के सजीव और निर्जीव दोनों तरह के संसाधनों का सतत उपयोग

·         महासागर से ऊर्जा

·         महासागर से ताजा पानी

·         महासागर से भोजन

·         समुद्री स्थानिक योजना और तटीय पारिस्थितिकी पर्यटन

·         ऑप्टिमम शिप नेविगेशन

·         डिजिटल महासागर और जलवायु परिवर्तन

 

§  समुद्री क्षेत्र की परियोजनाओं और विकास की अंतर-मंत्रालयी निर्णय लेने की प्रणाली।

 

                                   3. ध्रुवीय और महासागरीय अध्ययनों में अग्रणी बनकर उभरना और

 

                       वैश्विक ढांचे में  भारत के रणनीतिक हितों को बरकरार रखना

 

§  बर्फ की चादर के पिघलने, ढहने, समुद्री बर्फ की क्षति पर जलवायु प्रभाव और निम्न अक्षांशों के साथ इसके दूरसंचार और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में हमारी समझ में उल्लेखनीय सुधार लाना।

 

4. भूकंप की पूर्व चेतावनी

§  भारत को भूकंप के जोखिम से निपटने में सक्षम बनाने का मिशन

§  सामाजिक मुद्दों के लिए उन्नत स्तर के भूकंप-भूभौतिकीय अनुसंधान के लिए मिशन

§  जलाशयों के कारण आने वाले भूकंपों की भौतिकी

उपरोक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रालय द्वारा नियमित रूप से योजना, समीक्षा और विचार-विमर्श किया जा रहा है।

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत को मौसम के लिए तैयार और जलवायु स्मार्ट बनाने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की नई योजना मिशन मौसम को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य है कि किसी भी तरह के मौसम का पता लग सके और सभी को पहले से चेतावनी मिल सके।

यह जानकारी आज केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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