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आईडब्ल्यूएआई ने अंतर्देशीय पोत अधिनियम, नियम और केंद्रीय डेटाबेस पर कार्यशाला आयोजित की


आईडब्ल्यूएआई ने आधुनिक अंतर्देशीय पोत विनियमों के साथ पीएम गति शक्ति विजन को आगे बढ़ाया

Posted On: 05 DEC 2024 6:04PM by PIB Delhi

अंतर्देशीय पोत (IV) अधिनियम, 2021 और नियमों की समझ को बेहतर बनाने के लिए, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने आज नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक कार्यशाला आयोजित की।

 

इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष श्री विजय कुमार ने रेखांकित किया कि कार्यशाला का उद्देश्य अधिनियम और नियमों के विभिन्न प्रावधानों पर स्पष्टता लाना और राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, समुद्री बोर्डों और अन्य हितधारकों के भाग लेने वाले प्रतिनिधियों को अंतर्देशीय जहाजों के केंद्रीय डेटाबेस/ई-पोर्टल की नई अवधारणा से अवगत कराना है।

1917 का मूल अधिनियम सौ साल से भी ज़्यादा पुराना था और उद्योग तथा अन्य हितधारकों की वर्तमान और भविष्य की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसकी व्यापक समीक्षा की आवश्यकता थी। संशोधित IV अधिनियम, 2021 पूरे देश में अंतर्देशीय जहाजों के लिए नियमों की एकरूपता सुनिश्चित करता है और राष्ट्रीय जलमार्गों सहित भारत के सभी अंतर्देशीय जल तक विस्तारित है।

इसमें जहाजों के पंजीकरण और चालक दल के डेटाबेस को बनाए रखने के लिए एक केंद्रीय डेटाबेस/ई-पोर्टल की परिकल्पना की गई है और यह डिजिटल इंडिया अभियान के साथ तालमेल रखता है। यह प्रक्रियाओं, पारदर्शिता को बेहतर बनाने और डेटा तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा।

यह अधिनियम अंतर्देशीय जहाजों से संबंधित पहलुओं को व्यापक रूप से संबोधित करता है जिसमें उनका सर्वेक्षण, पंजीकरण, वर्गीकरण, प्रदूषण निवारण उपाय, मलबे और बचाव प्रक्रिया, बीमा पॉलिसियां और संबंधित पहलू शामिल हैं। यह जहाज निर्माण और उपयोग में भविष्य के विकास और उन्नति को कवर करता है। यह भविष्य के तकनीकी रूप से उन्नत जहाजों को भी अपने दायरे में लेता है जिन्हें विशेष श्रेणी के जहाजों के रूप में पहचाना जाता है।

IV अधिनियम, 2021 के तहत-सर्वेक्षण प्रमाणपत्र और पंजीकरण प्रमाणपत्र पूरे देश में वैध माने जाते हैं। राज्यों से अलग से अनुमोदन की अब आवश्यकता नहीं है। इस तरह के प्रावधान इसे उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाते हैं और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देंगे।

यह अधिनियम राज्य-विशिष्ट नियमों को बदलने के लिए एक केंद्रीकृत ढांचा स्थापित करता है। केंद्र सरकार की भूमिका यांत्रिक रूप से चालित जहाजों के वर्गीकरण और वर्गीकरण के लिए मानकों को निर्धारित करने, जहाजों के पंजीकरण में शामिल मानकों और प्रक्रियाओं, विशेष श्रेणी के जहाजों की पहचान और वर्गीकरण के लिए मानकों तक फैली हुई है। राज्यों की भूमिका राज्य सरकारों के निर्धारित मानकों के अनुपालन में प्रावधानों को लागू करने तक फैली हुई है। इसके अलावा यह अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण के अनुकूल पोत संचालन सहित प्रदूषण रोकथाम उपायों पर भी जोर देता है।

माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और माननीय मंत्री, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग श्री सर्बानंद सोनोवाल के कुशल मार्गदर्शन में- IWAI पीएम गति शक्ति के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। अंतर्देशीय जहाजों के पंजीकरण और प्रमाणन की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और अंतर्देशीय जहाजों पर केंद्रीय डेटाबेस बनाना दूरदर्शी कदम हैं जो राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित करने के प्राधिकरण के जनादेश को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे।

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एमजी/केसी/वीएस


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