श्रम और रोजगार मंत्रालय
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ई-श्रम पोर्टल पर 30.43 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत

Posted On: 05 DEC 2024 5:47PM by PIB Delhi

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों का आधार से जुड़ा एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) लॉन्च किया। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को स्व-घोषणा के आधार पर एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्रदान करके पंजीकरण और सहायता करना है। 1 दिसंबर 2024 तक, 30.43 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।

ई-श्रम पोर्टल पर 1 दिसंबर, 2024 तक पंजीकृत ग्रामीण क्षेत्रों के अनौपचारिक श्रमिकों की संख्या 27.22 करोड़ है।

ग्रामीण क्षेत्रों में असंगठित श्रमिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों राज्य के साथ आवधिक समीक्षा बैठकें आयोजित करना।
  2. सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के साथ नियमित बैठक।
  3. रोजगार और कौशल के अवसर प्रदान करने के लिए, ई-श्रम को राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) और स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
  4. पेंशन योजना के तहत नामांकन की सुविधा के लिए, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) के साथ एकीकृत किया गया है।
  5. सरकारी योजनाओं को एक ही जगह पर देखने और उनके बारे में जानकारी के लिए, ई-श्रम को माईस्कीम पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
  6. जागरूकता पैदा करने के लिए एसएमएस अभियान
  7. ई-श्रम पर पंजीकरण के लिए श्रमिकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया जा रहा है। असंगठित श्रमिकों की पंजीकरण में सहायता के लिए राज्य सेवा केंद्रों (एसएसके) और सामान्य सेवा केंद्रों की सेवाओं को शामिल किया गया।
  8. ई-श्रम को नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (उमंग ऐप) से भी जोड़ा गया है, ताकि श्रमिकों के बीच पहुंच बढ़ाई जा सके और उनके मोबाइल पर पंजीकरण/अद्यतन करने की सुविधा प्रदान की जा सके।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” लॉन्च किया। ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” में एकल पोर्टल यानी ई-श्रम पर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा/कल्याण योजनाओं का एकीकरण शामिल है।

अब तक, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की 12 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मैप किया जा चुका है, जिनमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू), प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) शामिल हैं।

यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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