मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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पशु स्वास्थ्य सुरक्षा

Posted On: 04 DEC 2024 5:01PM by PIB Delhi

पशु स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी महामारी निधि परियोजना के माध्यम से महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने का विवरण निम्नानुसार है:

 

  1. विभाग ने निम्नलिखित प्रमुख पहलों के साथ महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा सुदृढ़ीकरणपर जी-20 महामारी निधि परियोजना प्रारम्‍भ की है:
  1. रोग निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को सुदृढ़ और एकीकृत करना।
  2. सीमा-पार के पशु रोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को सुदृढ़ करना।
  3. प्रयोगशाला नेटवर्क को उन्नत करना और उसका विस्तार करना।

2. विभाग राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत खुरपका और मुंहपका रोग (एफएमडी), ब्रूसेलोसिस, पीपीआर और सीएसएफ के टीकाकरण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता प्रदान करता है, जिसमें रोगों की सीरोनिगरानी और सीरोमॉनिटरिंग भी शामिल है। आज की तिथि तक, एफएमडी, ब्रूसेलोसिस, पीपीआर और सीएसएफ के लिए क्रमशः कुल 99.17 करोड़, 4.36 करोड़, 18.40 करोड़ और 0.61 करोड़ टीके लगाए गए हैं।

पशु रोग नियंत्रण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता (एएससीएडी) घटक के अंतर्गत, राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों को संबंधित राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्राथमिकता दी गई महत्वपूर्ण विदेशी, आकस्मिक और जूनोटिक पशु रोगों के नियंत्रण के लिए सहायता प्रदान की जाती है और अब तक कुल 26.25 करोड़ गोपशुओं का एलएसडी के लिए टीकाकरण/पुनः टीकाकरण किया जा चुका है। पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण (ईएसवीएचडी-एमवीयू) घटक के अंतर्गत, राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है और 4016 एमवीयू संचालित की जा रही हैं, जो रोग निदान, उपचार, टीकाकरण, मामूली शल्य चिकित्सा हस्तक्षेप, दृश्य-श्रव्य सहायता और विस्तार सेवाओं के संबंध में किसानों के द्वार पर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मदद कर रही हैं।

महामारी के जोखिम को कम करने के लिए पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश और संकट प्रबंधन योजना की भूमिका का विवरण निम्नानुसार है:

  1. ‘’पशुधन और पोल्‍ट्री के लिए मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश (एसवीटीजी)’’ प्रभावी, किफायती और सुसंगत पशु चिकित्सा उपचार के लिए धारणीय दिशानिर्देशों के साथ एंटीमाइक्रोबियल के जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग से पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए पशु चिकित्सा देखभाल में सर्वोत्तम प्रथाओं को रेखांकित करता है। एसवीटीजी का उद्देश्य साक्ष्य-आधारित उपचारों के माध्यम से देश भर में पशु चिकित्सा प्रथाओं को मानकीकृत करना, एंटीमाइक्रोबियल के विवेकपूर्ण उपयोग का समाधान करना, खाद्य श्रृंखला में अवशिष्ट को कम करना और दिन-प्रतिदिन के पशु चिकित्सा अभ्यास में सहायता करना है।
  2. ‘’पशुधन रोगों हेतु संकट प्रबंधन योजना (सीएमपी)’’ पशु रोग के प्रकोप का प्रबंधन और प्रतिक्रिया करने, पशु स्वास्थ्य संकटों के त्वरित नियंत्रण, शमन और प्रबंधन को सुनिश्चित करने तथा रोकथाम और नियंत्रण उपायों के माध्यम से महामारी के जोखिम को कम करने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करती है।

 

यह जानकारी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने आज

राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

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