स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं पर व्यय की स्थिति
Posted On:
03 DEC 2024 3:34PM by PIB Delhi
31.03.2023 तक भारत में पीएचसी, सीएचसी, एसडीएच, डीएच और मेडिकल कॉलेजों (ग्रामीण + शहरी) में कुल 8,18,661 बेड उपलब्ध हैं
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुसार, स्वास्थ्य पर सार्वजनिक निवेश, 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% तक पहुंचने की कल्पना की गई है। भारत के लिए उपलब्ध राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा अनुमानों के अनुसार, 2017-2018 से सरकारी स्वास्थ्य व्यय (जीएचई) इस प्रकार हैं:
वर्ष
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सरकारी स्वास्थ्य व्यय (जीएचई) ( रु. करोड़ में )
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2017-18
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2,31,104
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2018-19
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2,42,219
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2019-20
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2,71,544
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2020-21
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3,16,554
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2022-23
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4,34,163
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017, प्रति 1000 जनसंख्या पर 2 बेड की उपलब्धता की सिफारिश करती है। हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ह्यूमन रिसोर्सेज) 2022-23 द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 31.03.2023 तक भारत में पीएचसी, सीएचसी, एसडीएच, डीएच और मेडिकल कॉलेजों (ग्रामीण + शहरी) में कुल 8,18,661 बेड उपलब्ध हैं।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- II, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बेड सहित स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान की है। आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत देश में बेड भी उपलब्ध हैं।
भारतीय जन स्वास्थ्य सेवा (आईपीएचएस) मानदंडों के अनुसार, 20,000 से 30,000 की आबादी को कवर करने के लिए 6 इनडोर/ निरीक्षण बेड वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), 80,000-1,20,000 की आबादी को कवर करने के लिए 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 1,00,000-5,000 की आबादी को कवर करने के लिए 31-100 बेड वाले उप-जिला अस्पताल और 30,00,000 तक की आबादी को कवर करने के लिए 101-500 बेड वाले जिला अस्पताल स्थापित किए जाने हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया सिंह पटेल ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
एमजी/केसी/एनएस
(Release ID: 2080208)
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