आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
AMRUT 2.0 के अंतर्गत परियोजनाओं की स्थिति
Posted On:
02 DEC 2024 5:40PM by PIB Delhi
सभी शहरी स्थानीय निकायों/शहरों में कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (AMRUT) 2.0 योजना 01 अक्टूबर, 2021 को शुरू की गई, जिससे शहर 'आत्मनिर्भर' और 'जल सुरक्षित' बन सकेंगे। इसके अंतर्गत AMRUT 2.0 के प्रमुख क्षेत्रों में 500 चुने गए शहरों में सबके लिए नालों और सेप्टिक टैंक में अपशिष्ट के प्रबंधन की कवरेज प्रदान करना शामिल है। जल निकायों का कायाकल्प, हरित क्षेत्रों और पार्कों का विकास और जल के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों का लाभ उठाने के लिए प्रौद्योगिकी उप-मिशन इस मिशन के अन्य घटक हैं। AMRUT 2.0 के लिए कुल सांकेतिक परिव्यय ₹2,99,000 करोड़ है, जिसमें पांच वर्षों के लिए ₹76,760 करोड़ की कुल केंद्रीय सहायता शामिल है।
AMRUT 2.0 के अंतर्गत परियोजनाओं के लिए ₹66,750 करोड़ की केंद्रीय सहायता आवंटित की गई है। इसमें से ₹63,976.77 करोड़ पहले ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्वीकृत किए जा चुके हैं और अब तक ₹11,756.13 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्रीय हिस्से के ₹6,539.45 करोड़ के उपयोग की सूचना दी है। कुल मिलाकर, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल ₹17,089 करोड़ व्यय की जानकारी दी गई है और ₹23,016.30 करोड़ के कार्य भौतिक रूप से पूरे हो चुके हैं। AMRUT 2.0 पोर्टल पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार (15.11.2024 तक), ₹1,15,872.91 करोड़ की लागत वाली 5886 परियोजनाओं के लिए निविदाएँ जारी की गई हैं, जिनमें से ₹85,114.01 करोड़ की लागत वाली 4,916 परियोजनाओं के लिए अनुबंध प्रदान किए जा चुके हैं। शेष परियोजनाएँ कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
AMRUT के अंतर्गत लंबी अवधि की बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरु की गई हैं। AMRUT 2.0 के दिशानिर्देशों में राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य की उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (एसएचपीएससी) के गठन के विशिष्ट प्रावधान हैं। शहरी विकास और आवास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) राज्य स्तर पर योजना की निगरानी और पर्यवेक्षण में उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति को तकनीकी सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा, मिशन के दिशानिर्देशों के दायरे में गठित एक शीर्ष समिति समय-समय पर इसके कामकाज की समीक्षा और निगरानी करती है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में AMRUT के तहत किए गए कार्यों के आकलन और निगरानी के लिए स्वतंत्र समीक्षा और निगरानी एजेंसियों (आईआरएमए) का प्रावधान है। उनकी रिपोर्ट के संतोषजनक अनुपालन के बाद राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को धनराशि जारी की जाती है। इसके अलावा, AMRUT के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और उनके शहरी स्थानीय निकायों के साथ नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंस/वेबिनार/कार्यशालाओं/साइट-विजिट आदि के माध्यम से प्रगति की समय-समय पर समीक्षा और निगरानी की जाती है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा परियोजनाओं की प्रगति और निगरानी पर नज़र रखने के लिए एक समर्पित AMRUT 2.0 ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध है।
यह जानकारी आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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