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पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण ने कोच्चि में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर कॉर्पोरेट जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया


केरल ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को अपनाने के अपने योगदान में उत्साहजनक वृद्धि दिखाई है, जहां राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत निजी क्षेत्र के 3.38% ग्राहक हैं, जो इस योजना के लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है

Posted On: 29 NOV 2024 8:02PM by PIB Delhi

पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने आज भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) पर एक संवादात्मक कॉर्पोरेट जागरूकता कार्यक्रम को आयोजित किया। इस आयोजन में सेवानिवृत्ति योजना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया और इसका उद्देश्य कॉर्पोरेट संस्थाओं तथा व्यक्तियों को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।

पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती ने अपने मुख्य भाषण के दौरान, भारत में पर्याप्त सेवानिवृत्ति योजना की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से बढ़ती हुई जनसंख्या और बदलती सामाजिक गतिशीलता से उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इसकी चर्चा की।

केरल ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अपनाने में अपने योगदान में उत्साहजनक वृद्धि दिखाई है। एनपीएस के तहत निजी क्षेत्र के ग्राहकों में राज्य की हिस्सेदारी 3.38% है, जो इस योजना के लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। इसके अलावा, देशभर में कुल 18,152 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए इस योजना को अपनाया है, जिनमें से केरल की 216 कंपनियां एनपीएस के तहत पंजीकृत हैं। नवंबर 2024 तक, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली तथा अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के लिए कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) 13.4 लाख करोड़ रुपये है और देश भर में इसका ग्राहक आधार 7.9 करोड़ से अधिक है।

इस कार्यक्रम में पीएफआरडीए के मुख्य महाप्रबंधक श्री सुमित कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से सेवानिवृत्ति योजना के लाभों पर उल्लेखनीय चर्चा हुई। कोचीन शिपयार्ड के महाप्रबंधक श्री सुभाष ए.के. ने एनपीएस के कॉर्पोरेट कार्यान्वयन पर जानकारी साझा की। उन्होंने सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और सफलता की गाथाओं पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, एचडीएफसी पेंशन मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष श्री सौरभ चतुर्वेदी ने एनपीएस के तहत कॉर्पोरेट ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया और कॉर्पोरेट्स तथा उसके कर्मचारियों के लिए इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से सीधे बातचीत करने का मौका मिला। यह कार्यक्रम एनपीएस में कॉर्पोरेट भागीदारी बढ़ाने और इसके लाभों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए पीएफआरडीए के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। कॉर्पोरेट संस्थाओं, एसएमई तथा पेशेवरों को इस संवादात्मक सत्र में शामिल होने और नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों दोनों के लिए एनपीएस द्वारा प्रस्तुत विशाल अवसरों का पता लगाने के उद्देश्य से आमंत्रित किया जाता है।

चुनौतियां और अवसर

भारत की जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियां, जिनमें तेजी से वृद्ध होती जनसंख्या और बढ़ती जीवन प्रत्याशा शामिल हैं, ये सभी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल देती हैं। यह अलग बात है कि भारतीय घरेलू परिसंपत्तियों का केवल 5.7% ही भविष्य निधि और पेंशन निधि में आवंटित किया जाता है, जो सेवानिवृत्ति की तैयारी में महत्वपूर्ण अंतर को दर्शाता है। गिग अर्थव्यवस्था व असंगठित क्षेत्र का उदय, जहां 93% कार्यबल के पास वैधानिक सामाजिक सुरक्षा का अभाव है, एनपीएस की प्रासंगिकता को और बढ़ा देता है।

पीएफआरडीए की पहल, जिनमें व्यवस्थित जागरूकता अभियान, व्यापार निकायों के साथ साझेदारी तथा नवीन ग्राहक-केंद्रित विशेषताएं शामिल हैं, उनका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देकर और पेंशनभोगी समाज का निर्माण करके इस अंतर को पाटना है।

पीएफआरडीए के बारे में

पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की स्थापना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अन्य पेंशन योजनाओं को बढ़ावा देने, विकसित करने तथा विनियमित करने के लक्ष्य के साथ की गई थी, ताकि भारत में सेवानिवृत्ति योजना के लिए एक मजबूत ढांचा सुनिश्चित किया जा सके। अटल पेंशन योजना (एपीवाई) जैसी गतिविधियों ने असंगठित क्षेत्र को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने सरकार के समावेशी विकास के दृष्टिकोण पर बल दिया है।

पीएफआरडीए ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए, हाल ही में एनपीएस-वात्सल्य की शुरुआत की है, जिसके तहत नाबालिगों को भी एनपीएस का लाभ मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य युवा व्यक्तियों में शीघ्र बचत की आदत डालना है, जिससे परिवारों को सुरक्षित वित्तीय भविष्य की नींव रखने में मदद मिलेगी। दो महीने की अवधि में 69,000 से अधिक नाबालिग ग्राहकों को इस योजना के अंतर्गत नामांकित किया गया है। रणनीतिक सहयोग और एनपीएस-वात्सल्य जैसी नवीन योजनाओं के माध्यम से, पीएफआरडीए का लक्ष्य सभी आयु समूहों में सेवानिवृत्ति योजना और वित्तीय स्वतंत्रता की संस्कृति को सशक्त बनाना है।

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