वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
श्री पीयूष गोयल ने सीआईआई के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और विनियामक मामलों के पोर्टल का शुभारंभ किया
राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली पर उद्योग से प्राप्त इनपुट इसके कामकाज के लिए जरूरी हैं: श्री गोयल
तेज और बेहतर प्रोसेसिंग के लिए राज्य और केंद्रीय पोर्टलों में प्रौद्योगिकी उन्नयन आवश्यक: श्री गोयल
Posted On:
28 NOV 2024 3:26PM by PIB Delhi
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज भारत के कारोबारी माहौल के बारे में जानकारियां और सुधार के लिए सुझाव प्राप्त करने एवं उन पर नजर रखने के लिए सीआईआई ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) और विनियामक मामलों के पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल का शुभारंभ आज नई दिल्ली में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) – भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर हुए दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया। पोर्टल सरकार और सीआईआई दोनों द्वारा व्यापार करने में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) से जुड़ी प्रमुख पहलों की स्थिति और नई जानकारी उपलब्ध करने का प्रयास करता है। समर्पित सदस्यों के लिए बने डैशबोर्ड के साथ, उपयोगकर्ता वास्तविक समय के आधार पर प्रगति और प्रस्तुतियों को ट्रैक कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही, सार्थक और चिंताओं का समय पर समाधान सुनिश्चित होता है।
इस अवसर पर, श्री गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद में विश्वास करती है और व्यवसायों तथा नागरिकों के जीवन को बेहतर और आसान बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने उद्योग और राज्य सरकारों के प्रतिभागियों से काम करने से जुड़े नए विचारों के प्रति खुले रहने की अपील करते हुए कहा कि मानसिकता में बदलाव और विचारों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहने से व्यवसायों पर कई गुना प्रभाव पड़ता है।
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि निवेशकों की पहचान करने और उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अनुमोदन के उद्देश्य से आवेदन करने के लिए सरकार की राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) मार्गदर्शिका को उद्योग से इनपुट की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब तक उद्योग राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली से नहीं जुड़ेगा, इसके माध्यम से लाइसेंस प्राप्त नहीं करेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए केंद्र और औद्योगिक भूमि बैंक को इनपुट भी नहीं देगा, तब तक यह पहल सफल नहीं होगी।
जन विश्वास 2.0 विधेयक पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार 300 से अधिक कानूनों को अपराधमुक्त करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। उन्होंने सीआईआई से अपने सदस्यों को कानून की भावना का सम्मान करने के लिए जागरूक करने का आग्रह किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कानूनी खामियों का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति अर्थव्यवस्था और व्यापार करने में सुगमता के लिए हानिकारक है।
श्री गोयल ने बताया कि राज्य और केंद्र स्तर के सरकारी पोर्टलों को अधिक चुस्त, तेज, स्मार्ट और आधुनिक बनाने के लिए उनमें तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने गलत सूचना के प्रसार पर लगाम लगाने की आवश्यकता पर भी बात की और उद्योग से समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और ऐसे सरल बदलाव करने का आग्रह किया जिनका अखिल भारतीय स्तर पर प्रभाव पड़ सके।
श्री गोयल ने कार्यक्रम में उपस्थित हितधारकों से तीन गुना गति से, तीन गुना अधिक परिश्रम से काम करने तथा तीन गुना अधिक उत्पादन प्राप्त करने का आग्रह किया, ताकि भारत अगले तीन वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सके। तीनों की शक्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार, उद्योग संगठन और हितधारकों की शक्ति एक साथ मिलकर व्यापार तथा कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव ला सकती है। आगे सुधार के लिए फीडबैक के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार तथा हितधारकों के बीच तालमेल से व्यापार करने में सुगमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रतिभागियों से बदलाव की गति को बनाए रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि राज्य, केंद्र, स्थानीय निकाय तथा उद्योग एक साथ मिलकर काम करेंगे तो देश में परिवर्तनकारी परिणाम सामने आएंगे।
श्री गोयल ने सुझाव दिया कि सीआईआई को एक ठोस, समयबद्ध कार्य योजना बनानी चाहिए और उद्योगों के साथ मिलकर आर्थिक प्रगति के लिए भारतीय व्यवसायों को प्राथमिकता देने के लिए वचनबद्ध होना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग संगठन विनियमनों को आसान बनाने और व्यवसायों के विस्तार में हितधारकों एवं सरकार के बीच एक सेतु की भूमिका निभाएगा।
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एमजी/केसी/एमपी
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