पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

संसद प्रश्न:- वन संरक्षण

Posted On: 28 NOV 2024 2:00PM by PIB Delhi

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) देश में वन और वृक्ष आवरण के विस्तार के साथ-साथ मैंग्रोव तथा आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए कई पहल कर रहा है। योजनाओं का विवरण निम्नानुसार है:

हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन (जीआईएम) का उद्देश्य इस योजना में भाग लेने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों (जेएफएमसी) के माध्यम से भारत के वन क्षेत्र की रक्षा, पुनर्स्थापन तथा वृद्धि करना है। इस योजना के अंतर्गत, वृक्षारोपण/पर्यावरण पुनरुद्धार के लिए 17 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश को 944.48 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

नगर वन योजना (एनवीवाई) एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य शहरी एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वन/हरित स्थान बनाना है और इसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के वन विभागों तथा शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। मंत्रालय ने इस योजना के अंतर्गत 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 546 परियोजनाओं को मंजूरी दी है और 431.77 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

स्कूल नर्सरी योजना (एसएनवाई) एक ऐसी पहल है, जिसका लक्ष्य विद्यार्थियों में पौधों के महत्व को समझने एवं सराहने के लिए जागरूकता पैदा करना और उन्हें प्रेरित करना है, जिसे मान्यता प्राप्त सार्वजनिक तथा निजी स्कूलों में क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 4.80 करोड़ रुपये की लागत से कुल 743 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

मैंग्रोव को अद्वितीय प्राकृतिक इकोसिस्टम के रूप में पुनर्स्थापित करने और बढ़ावा देने तथा तटीय आवासों की स्थिरता को संरक्षित करने बढ़ाने के लिए "तटीय आवास एवं मूर्त आय के लिए मैंग्रोव पहल" (मिष्टी) योजना शुरू की गई है। इसके लिए आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी को कुल 17.96 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

मंत्रालय ने राष्ट्रीय तटीय मिशन के अंतर्गत, मैंग्रोव तथा प्रवाल भित्तियों के संरक्षण एवं प्रबंधन घटक के तहत 9 तटीय राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में मैंग्रोव के संरक्षण के लिए तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की है।

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 5 जून, 2024 को शुरू किया गया एक पेड़ मां के नाम अभियान, धरती माता द्वारा प्रकृति के पोषण और हमारी माताओं द्वारा मानव जीवन के पोषण के बीच एक समानता दर्शाता है। इसका उद्देश्य माताओं के प्रति प्रेम, आदर और सम्मान के प्रतीक के रूप में स्वैच्छिक वृक्षारोपण करके तथा सभी नागरिकों द्वारा वृक्षों धरती माता की रक्षा करने की शपथ लेकर इस संबंध को रेखांकित करना है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय देश में आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना, राष्ट्रीय जलीय पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण योजना (एनपीसीए) को लागू कर रहा है, जो केंद्र सरकार तथा संबंधित राज्य सरकारों के बीच लागत साझाकरण के आधार पर है। उपरोक्त के अलावा, वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के प्रावधान के अनुसार गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए वन भूमि के मोड़ के कारण वन और इकोसिस्टम सेवाओं के नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन तथा योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) के तहत धन का उपयोग किया जाता है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिवर्ष वनरोपण लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। इन लक्ष्यों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों, राज्य सरकार की योजनाओं और गैर-रूपरेखा वाली परियोजनाओं तथा गैर-सरकारी संगठनों, निजी संगठनों, नागरिक समितियों आदि द्वारा वृक्षारोपण प्रयासों के माध्यम से सामूहिक रूप से प्राप्त किया जाता है।

यह मंत्रालय विभिन्न अवसरों जैसे अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस, विश्व पर्यावरण दिवस, वन महोत्सव, वन्यजीव सप्ताह आदि के समय बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही विभिन्न सम्मेलनों, कार्यशालाओं, ब्रोशरों, साइन बोर्डों आदि के माध्यम से जनता के बीच वृक्षारोपण और वनों के संरक्षण के बारे में ज्ञान का प्रसार किया जाता है। इसके अलावा, संबंधित अधिनियमों/नियमों/विनियमों और न्यायालय के आदेशों के सख्त अनुपालन द्वारा वनों, मैंग्रोव तथा आर्द्रभूमि का संरक्षण सुनिश्चित किया जाता है।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

*******

एमजी/केसी/एनके


(Release ID: 2078529) Visitor Counter : 360
Read this release in: English , Urdu , Tamil