रक्षा मंत्रालय
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और आईआईटी दिल्ली ने विभिन्न क्वांटम संचार प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया
Posted On:
26 NOV 2024 6:46PM by PIB Delhi
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन इंडस्ट्री एकेडेमिया-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई) और आईआईटी दिल्ली ने आज 26 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में क्वांटम संचार प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। इसे सशक्त और सुरक्षित संचार प्रणाली के लिए एंटैंगलमेंट आधारित क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन की उनकी सहयोगी पहल द्वारा विकसित किया गया है, जो प्रयोगशाला में 50 किलोमीटर फाइबर लिंक पर एंटैंगलमेंट डिस्ट्रीब्यूशन और क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) का प्रदर्शन करता है। एक अलग क्षेत्रीय परीक्षण में आईआईटी दिल्ली परिसर में 8 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर पर एंटैंगलमेंट डिस्ट्रीब्यूशन और क्यूकेडी का प्रदर्शन किया गया है।
क्वांटम अनुसंधान की एक अन्य पहल में फ्री-स्पेस एंटैंगलमेंट डिस्ट्रीब्यूशन को बीबीएम-92 प्रोटोकॉल अर्थात एक प्रमुख क्यूकेडी विधि का उपयोग करके प्रयोगशाला के अंदर 20 मीटर और खुले स्थान में 80 मीटर की दूरी पर स्थित दो टेबलों के बीच प्रदर्शित किया गया। इस प्रयोग ने फ्री-स्पेस सेटअप में लघु-दूरी क्वांटम संचार का प्रदर्शन किया।
एक अभिनव प्रयोग में, फ्री-स्पेस वातावरण में हाइब्रिड एंटैंगलमेंट का प्रदर्शन किया गया है, जिससे प्रयोगशाला में 10 मीटर की दूरी पर लगभग 6% की क्वांटम बिट त्रुटि दर (क्यूबीईआर) प्राप्त हुई है। इसके अलावा, एकल स्रोत द्वारा संचालित कई स्वतंत्र चैनलों का सहयोग करने वाले क्यूकेडी सिस्टम का भी पता लगाया जा रहा है, जिसके परिणाम आशाजनक हैं। ये अधिक लचीले, बहु-प्रोटोकॉल क्वांटम संचार प्रणालियों के लिए द्वार खोलते हैं।
हाइब्रिड फोटॉन आधारित फ्री-स्पेस क्वांटम कुंजी वितरण टेस्टबेड
उपरोक्त सफलता प्राप्त करने के लिए, द्वितीय-क्रम सहसंबंध फलन (जी² ~ 0.01) के साथ एक पूर्ण-फाइबर हेराल्ड फोटॉन स्रोत का विकास किया गया, जिसकी दर सैकड़ों किलो हर्टज़ तक पहुंचती है। यह नवाचार सिंगल-फोटॉन उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, जो सुरक्षित क्वांटम संचार हेतु एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उच्च दृश्यता के साथ एक ऑल-फाइबर एंटैंगल्ड फोटॉन स्रोत भी विकसित किया गया है। इस स्रोत के लिए बेल परीक्षण पैरामीटर 2.6 से अधिक है, जो सशक्त क्वांटम एंटैंगलमेंट को प्रदर्शित करता है, जो बीबीएम-92 जैसे प्रोटोकॉल के लिए आवश्यक है।
फ्री-स्पेस क्वांटम संचार प्रयोगों के लिए फ्री-स्पेस हेराल्डेड सिंगल फोटॉन स्रोत को 4 मिलियन से अधिक गणना/सेकंड की हेराल्डिंग दर के साथ प्रदर्शित किया गया है। यह विकास रोबस्ट फ्री-स्पेस क्वांटम संचार को सक्षम बनाता है।
फरवरी 2022 में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं व आईआईटी (डी) द्वारा प्रयागराज तथा विंध्याचल शहरों के बीच 100 किलोमीटर की दूरी पर भारत के पहले क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) प्रदर्शन के बाद, डीआरडीओ और आईआईटी (डी) द्वारा कई नई पहल की गई हैं।
इसके अलावा, क्वांटम सोर्सस और डिटेक्टरों जैसे विभिन्न घटकों का स्वदेशीकरण शुरू किया गया है। इनमें एलएनओआई, एसएनएसपीडी तथा आवधिक ध्रुवित गैर-रैखिक क्रिस्टल पर एकल फोटॉन स्रोत शामिल हैं। ये परियोजनाएं आईआईटी दिल्ली में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे डीवाईएसएल-क्यूटी और एसएसपीएल के सहयोग से शुरू की गई हैं। इन्हें रक्षा प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक नवाचारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने गहन तकनीकी गतिविधियों के तहत फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट निदेशालय द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
डीआरडीओ ने डीआईए-सीओई, आईआईटीडी में अपनी परियोजनाओं के माध्यम से फाइबर और फ्री स्पेस क्षेत्रों में सफलता के साथ क्यूकेडी में एक मजबूत राष्ट्रीय पदचिह्न बनाया है। क्वांटम संचार में रक्षा तथा वित्त जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता है, क्योंकि यह सशक्त व छेड़छाड़-रहित संचार चैनल प्रदान करता है।
डीआरडीओ इंडस्ट्री अकादमी-उत्कृष्टता केंद्र (डीआईए-सीओई) डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली के बीच एक सहयोगात्मक पहल है, जिसे आईआईटी दिल्ली में स्थापित किया गया है। सीओई विभिन्न क्वांटम संचार प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है, जिसमें फाइबर और फ्री-स्पेस (पोलराइजेशन/हाइब्रिड फोटॉन) आधारित क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन्स प्रौद्योगिकियां, क्वांटम सोर्सस, क्वांटम डिटेक्टर और नॉन-लीनियर क्रिस्टल का विकास शामिल हैं।
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एमजी/केसी/एनके/डीए
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