मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 विजेताओं की घोषणा की


केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह 26 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर विजेताओं को सम्मानित करेंगे

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष पुरस्कारों को शामिल किया गया; यह पूर्वोत्तर में डेयरी विकास को बढ़ावा देगा

Posted On: 23 NOV 2024 8:19PM by PIB Delhi

पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (एनजीआरए) के विजेताओं की घोषणा की; यह 2024 के लिए पशुधन और डेयरी क्षेत्र में सबसे उच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है। ये पुरस्कार 26 नवंबर 2024 को मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में राष्ट्रीय दूध दिवस समारोह के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे। यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल और श्री जॉर्ज कुरियन, राज्य मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की गरिमामयी उपस्थिति में एक भव्य समारोह में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, जो विभाग द्वारा राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह 2024 के भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों के संदर्भ में

राष्ट्रीय गोकुल रत्न पुरस्कारों का उद्देश्य स्वदेशी जानवरों का पालन करने वाले किसान, एआई तकनीशियन और डेयरी सहकारी समितियां/ दूध उत्पादक कंपनियां/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन की पहचान करना है जो पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उन्हें प्रोत्साहित करना है। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है, अर्थात्,

  1. स्वदेशी गाय/भैंस नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
  2. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और
  3. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन

इस वर्ष से, विभाग ने राष्ट्रीय गोकुल रत्न पुरस्कारों के अंतर्गत सभी तीन श्रेणियों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के लिए एक विशेष पुरस्कार शामिल किया है, ताकि एनईआर में डेयरी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सके और बढ़ावा दिया जा सके।

इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं:

क्रम संख्या

श्रेणी

एनजीआरए 2024 के विजेताओं के नाम और रैंक

1

स्वदेशी गाय/भैंस नस्ल का पालन करने वाला सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान

पहली विजेता श्रीमती रेनू, झज्जर, हरियाणा,

दुसरा विजेता श्री देवेंद्र सिंह परमार, शाजापुर, मध्य प्रदेश,

तीसरी विजेता श्रीमती सुरभि सिंह, बिजनौर, उत्तर प्रदेश,

एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार:

सुश्री जुना तमुली बर्मन, बजाली, असम,

श्रीमती जुनुमा माली, मोरिगांव, असम

2

सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समाज/दूध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन

पहला गैबट मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अरावली, गुजरात,

दुसरा प्रतापपुरा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड प्रतापपुरा, भीलवाड़ा, राजस्थान,

तीसरा टीएनडी 208 वडापाथी एमपीसीएस लिमिटेड, कडलोर, तमिलनाडु,

एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार:

कामधेनु दूध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड नित्यानंद, बजाली, असम,

3

सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)

पहला श्री भास्कर प्रधान, सुबरनापुर, ओडिशा,

और श्री राजेंद्र कुमार, हनुमानगढ़, राजस्थान,

दुसरा श्री वीरेंद्र कुमार सैनी, हनुमानगढ़, राजस्थान,

तीसरा श्री वी अनिल कुमार, अन्नामैया, आंध्र प्रदेश,

एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार:

श्री अब्दुर रहीम, कामरूप, असम

 

पुरस्कार में प्रथम श्रेणी के लिए 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, दुसरे श्रेणी के लिए 3 लाख रुपये, तीसरे श्रेणी के लिए 2 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र में विशेष पुरस्कार के लिए 2 लाख रुपये शामिल हैं, साथ ही पहले दो श्रेणियों यानी सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान और सर्वश्रेष्ठ डीसीएस/एफपीओ/एमपीसी के लिए एक प्रमाणपत्र और एक स्मृति चिन्ह भी दिया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) श्रेणी के मामले में, राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2024 में एक प्रमाणपत्र और एक स्मृति चिन्ह शामिल है। विजेताओं का चयन कुल प्राप्त 2574 आवेदनों में से किया गया था, जिन्हें एक ऑनलाइन आवेदन पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से आमंत्रित किया गया।

पृष्ठभूमि

पशुपालन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो कृषि और संबद्ध क्षेत्र के जीवीए का एक तिहाई हिस्सा है और इसका वार्षिक वृद्धि दर 8% से ज्यादा है। साथ ही, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियाँ किसानों की आय उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विशेष रूप से भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों और महिलाओं के लिए, इसके अलावा यह लाखों लोगों को सस्ती और पौष्टिक भोजन प्रदान करती हैं। भारत की स्वदेशी गायों की नस्लें मजबूत हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं। स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण पर एक विशेष कार्यक्रम की अनुपस्थिति में, उनकी जनसंख्या कम हो रही है और वर्तमान में उनका प्रदर्शन उनकी क्षमता से कम है। इसलिए, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने दिसंबर 2014 में "राष्ट्रीय गोकुल मिशन" की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य स्वदेशी पशु नस्लों को संरक्षित और विकसित करना है।

***

एमजी/केसी/एके


(Release ID: 2076505) Visitor Counter : 563


Read this release in: English , Urdu