रक्षा मंत्रालय
अखिल भारतीय तटीय रक्षा अभ्यास - 'सी विजिल 24' का समापन
Posted On:
22 NOV 2024 8:15PM by PIB Delhi
पैन-इंडिया कोस्टल डिफेंस एक्सरसाइज सी विजिल 24 का चौथा संस्करण 21 नवंबर 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 36 घंटों तक चले इस अभ्यास ने अपनी समुद्री सुरक्षा और तटीय रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। भारत की 11,098 किमी लंबी तटरेखा और 2.4 मिलियन वर्ग किमी के विशेष आर्थिक क्षेत्र में फैले सी विजिल 24 में छह मंत्रालयों की 21 से अधिक एजेंसियों की भागीदारी देखी गई। इनमें भारतीय नौसेना, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय तटरक्षक, राज्य समुद्री पुलिस, सीमा शुल्क, बीएसएफ, सीआईएसएफ, बंदरगाह प्राधिकरण और मत्स्य पालन विभाग सहित अन्य शामिल थे।
दो दिनों के इस अभ्यास में विभिन्न समुद्री सुरक्षा एजेंसियों की 550 से अधिक सर्फेस असेट्स की व्यापक तैनाती देखी गई और देश की संपूर्ण तटरेखा पर करीब 200 घंटे की उड़ान के साथ 60 हवाई उड़ानें भरी गईं।
सामरिक चरण की शुरुआत से पहले, सात दिनों की अवधि के लिए आयोजित, अभ्यास के तटीय रक्षा और सुरक्षा तैयारी मूल्यांकन (सीडीएसआरई) चरण में 950 से अधिक महत्वपूर्ण तटीय स्थानों का व्यापक ऑडिट देखा गया। ऑडिट में फिशिंग लैंडिंग सेंटर, लाइटहाउस, प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाह, तटीय पुलिस स्टेशन, अपतटीय संपत्ति, तटीय वीए/वीपी और अन्य शामिल थे। खासकर, पहली बार, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारियों ने गुजरात और पश्चिम बंगाल में सीडीएसआरई गतिविधियों में भाग लिया।
फोकस और उद्देश्य
सी विजिल 24 का उद्देश्य देश की तटीय रक्षा को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित है। ऑयल रिग्स, सिंगल पॉइंट मूरिंग्स (एसपीएम), केबल लैंडिंग स्टेशन, गैर-प्रमुख बंदरगाहों तथा तट के साथ परमाणु प्रतिष्ठानों जैसी महत्वपूर्ण समुद्री संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ाना इस अभ्यास के दौरान प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक रहा है और इसी दिशा में कई पहल की गईं हैं। भारतीय वायु सेना ने अपतटीय बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने के लिए अपतटीय प्लेटफार्मों/ऑयल रिग्स पर वायु रक्षा प्रणालियों को तैनात किया है। व्यापारी जहाजों की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया गया, जिसके तहत नकली अपहरण, नौसैनिक सहयोग और नौवहन के लिए मार्गदर्शन और भारतीय व्यापारी जहाजों के मार्ग में परिवर्तन किया गया। सभी राज्यों के मछली पकड़ने वाले समुदायों ने भी अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लिया और समुद्री बलों के साथ विभिन्न कर्तव्यों में उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
इस अभ्यास में एक विस्तारित सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम भी शामिल किया गया, जिसका मकसद युवाओं, खास तौर पर एनसीसी कैडेट, भारत स्काउट्स और गाइड्स और तटीय क्षेत्रों के छात्रों में समुद्री सुरक्षा के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता को बढ़ावा देना था। नौसेना द्वारा एक मजबूत सुरक्षा-सचेत तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए यह पहल आयोजित की गई थी, जो देशों की तटीय रक्षा को मजबूत करेगी।
अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करना
भारत की तटीय रक्षा स्थापत्य के एक प्रमुख घटक के रूप में, सी विजिल 24 ने अंतर-एजेंसी समन्वय का मूल्यांकन करने और भारत के तटीय सुरक्षा बुनियादी ढांचे में कमियों की पहचान करने के लिए एक अहम मंच के रूप में कार्य किया। इसमें भाग लेने वाली एजेंसियों के बीच निर्बाध सहयोग ने उभरते समुद्री खतरों का मुकाबला करने के लिए उनकी तत्परता को साफ दर्शाया।
विरासत और दृष्टिकोण
2018 में अपनी स्थापना के बाद से, सी विजिल ने भारत की तटीय रक्षा तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वास्तविक समय के परिदृश्यों का अनुकरण करके, यह अभ्यास देश की समुद्री रक्षा क्षमताओं में मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है। अभ्यास से सीखे गए सबक, तटीय रक्षा संरचना को मौजूदा स्थिति के लिए अधिक मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
सी विजिल 24 का सफल समापन, अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारत के दृढ़ संकल्प और 'समग्र समुद्री सुरक्षा' की अपनी जिम्मेदारियों को संभालने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंतर-एजेंसी सहयोग में वृद्धि, मजबूत तैयारियों और सक्रिय सामुदायिक जुड़ाव के साथ, यह अभ्यास उभरती सुरक्षा चुनौतियों के खिलाफ देश की तटीय रक्षा स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पड़ाव है।
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एमजी/केसी/एनएस
(Release ID: 2076212)
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