रेल मंत्रालय
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गति शक्ति विश्वविद्यालय ने नई दिल्ली के रेल भवन में अपने कोर्ट की पहली बैठक आयोजित की


जीएसवी का लक्ष्य रेलवे, विमानन, समुद्री इंजीनियरिंग, राजमार्ग, शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और रक्षा सहित परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में उद्योग-संचालित, रोजगार-केंद्रित पाठ्यक्रम प्रदान करके वैश्विक नेता बनना है

आईआरएमएस अधिकारी गति शक्ति विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री के साथ परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे-श्री अश्विनी वैष्णव

Posted On: 19 NOV 2024 9:50PM by PIB Delhi

गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) ने आज नई दिल्ली के रेल भवन में अपनी पहली कोर्ट मीटिंग आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “जीएसवी भारत और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में उभरने के लिए तैयार है, यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप है, जिसमें रेलवे, विमानन, समुद्री इंजीनियरिंग, राजमार्ग, शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और रक्षा क्षेत्रों सहित पूरे परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के लिए उद्योग-संचालित दृष्टिकोण और रोजगार-उन्मुख पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने आगे कहा, “भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के सभी नव-नियुक्त अधिकारी गति शक्ति विश्वविद्यालय द्वारा डिजाइन किए गए अपने परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण से गुजरेंगे, जो सीटीआई और उद्योग में सैद्धांतिक और व्यावहारिक अनुभवों का एक संयोजन है, और जिसके परिणामस्वरूप जीएसवी से उन्हें एमबीए की डिग्री प्राप्त होगी।

इस कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ श्री सतीश कुमार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री वी उमा शंकर, डीपीआईआईटी के सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया, उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनआर राजा सुब्रमणि, सीमेंस इंडिया के एमडी और सीईओ सुनील माथुर, एल्सटॉम इंडिया के एमडी ओलिवियर लोइसन, एएमडी इंडिया की एमडी, जया जगदीश, दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष श्री सुशील कुमार सिंह, गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी, उच्च शिक्षा, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन, एआईसीटीई के प्रतिनिधि और गति शक्ति विश्वविद्यालय के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर, गति शक्ति विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. मनोज चौधरी ने 06 दिसंबर 2022 को इसकी स्थापना के बाद से विश्वविद्यालय की विस्तृत प्रगति और स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की। सभी सदस्यों ने इतने कम समय में जीएसवी की बड़ी प्रगति और प्रगति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की, विशेष रूप से इसके उद्योग-संचालित और नवाचार-आधारित दृष्टिकोण, फोकस और इतने कम समय में प्राप्त परिणामों ने एक शीर्ष श्रेणी के विश्वविद्यालय की नींव रखी। कोर्ट के सदस्यों ने राजमार्ग इंजीनियरिंग, बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हरित हाइड्रोजन और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण, रक्षा क्षेत्रों के रसद और आपूर्ति श्रृंखला, बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में राष्ट्रीय अकादमियों को संबद्ध करने, अन्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों के लिए एक नोडल केंद्र होने, बुनियादी ढांचा परियोजना प्रबंधन आदि में भविष्य के लिए कई सुझाव और सहयोगी इनपुट दिए।

गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) उच्च शिक्षा क्षेत्र में, विशेष रूप से परिवहन, रसद और बुनियादी ढाँचा क्षेत्रों में एक गेम चेंजर के रूप में उभरा है।पूरे परिवहन और रसद क्षेत्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के जनशक्ति और प्रतिभा के निर्माण के लिए 2022 में संसद के एक अधिनियम के द्वारा जीएसवी वडोदरा को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था । यह केंद्रीय विश्वविद्यालय रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है और रेलवे, शिपिंग, बंदरगाहों, राजमार्गों, सड़कों, जलमार्गों और विमानन आदि में काम करने के लिए अधिकृत है। मांग-संचालित पाठ्यक्रम का पालन करते हुए और भारतीय रेलवे के सभी केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों के अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाते हुए, जीएसवी बहु-विषयक शिक्षण (स्नातक/स्नातकोत्तर/डॉक्टरेट), कार्यकारी प्रशिक्षण और अनुसंधान सहित प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, प्रबंधन और नीति में पेशेवरों का एक संसाधन समूह तैयार करेगा। जीएसवी भारतीय रेलवे के परिवीक्षार्थियों और सेवारत अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण भी करवाएगा। उद्योग-संचालित और नवाचार-प्रधान विश्वविद्यालय होने के कारण, जीएसवी का दुनिया भर के अग्रणी संस्थानों और उद्योगों के साथ सहयोग पर पूरा ध्यान केंद्रित है।

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