राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
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विदेश मंत्रालय के सहयोग से वैश्विक दक्षिण के आठ देशों के एनएचआरआई का मानवाधिकारों पर छह दिवसीय आईटीईसी विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम संपन्न


 वरिष्ठ कार्यकारी स्तर के 33 प्रतिभागी मानवाधिकार, मानव कल्याण और संबंधित सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के विभिन्न पहलुओं से अवगत

प्रख्यात विशेषज्ञों ने लोकतंत्र, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकार, डिजिटल सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार ढांचे सहित विविध विषयों पर 19 सत्रों में आपस में चर्चा की

प्रतिभागियों ने ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से वैश्विक दक्षिण के देशों को सशक्त बनाने के लिए एनएचआरसी की पहल की सराहना की

यह पहल एनएचआरसी इंडिया की वैश्विक भागीदारों के साथ सहयोग को मजबूत करने, न्याय, समानता और मानव गरिमा के सिद्धांतों को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा

Posted On: 16 NOV 2024 8:14PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने केन्‍द्रीय भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग मंत्रालय (आईटीईसी) के सहयोग से मानवाधिकारों पर अपने छह दिवसीय कार्यकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय के सहयोग से 11 से 16 नवम्‍बर, 2024 तक वैश्विक दक्षिण के आठ देशों के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (एनएचआरआई) के 33 प्रतिभागियों के लिए आयोजित किया गया था। इनमें मालदीव, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और जॉर्डन शामिल थे। कार्यक्रम का उद्देश्य संवाद को बढ़ावा देना, अनुभव साझा करना, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना और दुनिया भर में और विशेष रूप से ग्लोबल साउथ में मानवाधिकारों की रक्षा और उन्‍हें बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण करना था। यह पहल वैश्विक भागीदारों के साथ सहयोग को मजबूत करने, न्याय, समानता और मानवीय गरिमा के सिद्धांतों को मजबूत करने की एनएचआरसी इंडिया की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

उद्घाटन और समापन सत्रों के अलावा, प्रतिभागियों को लोकतंत्र, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकार, डिजिटल सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार ढांचे सहित विविध विषयों पर प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा आयोजित 19 सत्रों में मानवाधिकार, मानव कल्याण और संबंधित सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। प्रतिभागियों ने सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान भी किया, जिससे मानवाधिकारों की सुरक्षा, समावेशिता को बढ़ावा देने और सतत विकास हासिल करने के लिए वैश्विक दक्षिण की प्रतिबद्धता को बल मिला। उन्हें भारतीय कला और संस्कृति को समझने के लिए फील्ड विजिट के लिए भी ले जाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत एनएचआरसी, इंडिया की कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमती विजया भारती सयानी द्वारा संबोधित उद्घाटन सत्र से हुई। उन्होंने वैश्विक दक्षिण, विशेष रूप से एशियाई समुदायों के साझा विचारों, सांस्कृतिक लोकाचार और आकांक्षाओं को याद किया, जो सभी मनुष्यों की बुनियादी गरिमा और समानता को महत्व देते हैं। एनएचआरसी, इंडिया के महासचिव श्री भरत लाल ने उद्घाटन भाषण में एशिया में उत्पन्न विभिन्न सभ्यताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में विविधता, मानवाधिकारों के सम्मान और अहिंसा को जीवन शैली के रूप में अपनाने के बारे में बात की।

उद्घाटन के बाद, पहले दिन कार्यक्रम में चार तकनीकी सत्र हुए, जिनमें संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार, लोकतंत्र की भूमिका: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, मानवाधिकार ढांचे और स्‍थायी विकास लक्ष्यों का मिलना और एनएचआरसी भारत, इसका शासनादेश और कार्यप्रणाली शामिल थी। इन सत्रों को एनएचआरसी, भारत के पूर्व सदस्य डॉ. डी.एम. मुले, भारत के निर्वाचन आयोग के पूर्व महानिदेशक श्री अक्षय राउत, भारत के संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शोम्पी शार्प और एनएचआरसी के पूर्व रजिस्ट्रार (कानून) श्री सुरजीत डे ने संबोधित किया।

दूसरे दिन, प्रतिभागियों ने भारत में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए संस्थागत ढांचे, मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों का प्रबंधन और निवारण, एनएचआरसी और अंतर्राष्ट्रीय आउटरीच, सहयोग और भागीदारी, तथा एनएचआरसी के शोध, प्रशिक्षण, आउटरीच और वकालत के दृष्टिकोण पर संवादात्मक सत्र आयोजित किए। इन्हें एनएचआरसी, भारत के महासचिव श्री भरत लाल, एनएचआरसी, भारत के रजिस्ट्रार (कानून), श्री जोगिंदर सिंह, एनएचआरसी, भारत की संयुक्त सचिव श्रीमती अनीता सिन्हा और श्री देवेंद्र कुमार निम ने संबोधित किया।

क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तीसरे दिन चार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें मानवाधिकार उल्लंघन: जांच, मौके पर खोजबीन और रिपोर्ट का विश्लेषण, साइबर स्पेस और मानवाधिकार: साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना, मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए मानव संसाधन विकास, गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज संगठनों के साथ सहयोग शामिल थे। इन सत्रों में आरपीएफ के महानिदेशक श्री मनोज यादव, एनएचआरसी के विशेष मॉनिटर श्री मुक्तेश चंद्र और एक्शन एड एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक श्री संदीप चाचरा ने भाग लिया। इसके बाद पीएम संग्रहालय का दौरा किया गया।

चौथे दिन, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संवर्धन: जीवन की गुणवत्ता और गरिमा, मिशन लाइफ: स्थिरता और मानवाधिकार, भारतीय न्यायशास्त्र में मानवाधिकारों का विकास, भारत और वैश्विक दक्षिण: विकासात्मक सहयोग और भागीदारी जैसे सत्रों को शामिल किया गया। इन सत्रों को क्रमशः एनएचआरसी, भारत के महासचिव श्री भरत लाल, नीति आयोग के मिशन निदेशक श्री युगल किशोर जोशी, एनएचआरसी के पूर्व सदस्य न्यायमूर्ति एम.एम. कुमार और संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क में भारत के पूर्व राजदूत श्री अशोक कुमार मुखर्जी ने संबोधित किया।

पांचवें दिन, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक सार्वभौमिक पहुँच पर एक सत्र को संबोधित किया और पूर्व एनएचआरसी सदस्य श्री राजीव जैन ने कमज़ोर और उपेक्षित समूहों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने पर बात की। एनएचआरसी, भारत की संयुक्त सचिव सुश्री अनीता सिन्हा और एसएसपी विक्रम मीना की अध्यक्षता में अंतिम सत्र में प्रतिभागियों ने उभरते मानवाधिकार मुद्दों पर चर्चा की और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा किया। प्रतिभागियों ने एनएचआरसी इंडिया की पहल की सराहना की और कहा कि यह सच्‍चाई का अहसास कराने वाला एक कार्यक्रम था और इस तरह के कार्यक्रम से ग्लोबल साउथ और उनके मानवाधिकार संस्‍थानों के बीच एकजुटता और मजबूत होगी। यह महत्वपूर्ण है कि हम साथ मिलकर काम करें।

अपने समापन भाषण में विदेश सचिव श्री विक्रम मिस्री ने कहा कि भारतीय संविधान में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के सिद्धांतों को शामिल किया गया है, जो जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान के अधिकारों की रक्षा करते हैं। एनएचआरसी, भारत के महासचिव श्री भरत लाल ने कहा कि इस कार्यक्रम ने हमारे संबंधित देशों में मानव अधिकारों और सम्मान की रक्षा और संवर्धन के लिए अनुभवों और विचारों को साझा करने का अवसर दिया। एनएचआरसी, महानिदेशक (आई), अजय भटनागर, संयुक्त सचिव, सुश्री अनीता सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस छह दिवसीय कार्यक्रम के परिणामस्वरूप वैश्विक दक्षिण में लोगों के मानवाधिकारों और सम्मान की रक्षा और संवर्धन के लिए बेहतर विचार सामने आएंगे। एनएचआरसी, भारत ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है।

समापन के दिन आज प्रतिभागियों को ताजमहल, आगरा की सांस्कृतिक यात्रा का भी आनंद दिलाया गया। इस यात्रा ने मानवाधिकार चर्चा में विरासत के महत्व पर जोर किया, तथा भारत की विविधता और आपसी सम्मान की समृद्ध विरासत की सराहना की।

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एमजी/केसी/केपी


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