विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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­­विकसित नैनो सामग्री कोटिंग उर्वरकों के उत्सर्जन को धीमा करके उनकी दक्षता बढ़ाने में सहायक

Posted On: 11 NOV 2024 4:18PM by PIB Delhi

यांत्रिक रूप से स्थिर, बायोडिग्रेडेबल, हाइड्रोफोबिक नैनोकोटिंग सामग्री रासायनिक उर्वरकों की पोषक तत्व उपयोग दक्षता को धीमी गति से उत्सर्जन के लिए तालमेल करके बढ़ा सकती है जिससे राइजोस्फीयर मिट्टी, पानी और सूक्ष्मजीवों के साथ उनकी परस्पर क्रिया सीमित हो जाती है। नैनोक्ले-प्रबलित बाइनरी कार्बोहाइड्रेट से बनी यह कोटिंग अनुशंसित उर्वरक खुराक में कमी लाकर फसल उत्पादन वृद्धि को बनाए रख सकती है।

पिछले 50 वर्षों से हरित क्रांति के एक हिस्से के रूप में, मिट्टी की पोषकता को बनाए रखने के लिए लगातार रासायनिक उर्वरक इनपुट तरीकों का उपयोग किया गया है ताकि पौधों की उच्च उत्पादकता के स्तर को प्राप्त किया जा सके। लगातार और अत्यधिक उपयोग, वैश्विक सतत विकास का जोखिम पैदा करता है। शोधकर्ता लगातार उर्वरकों का अधिक कुशलता से उपयोग करने के तरीकों की तलाश में रहते हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली के वैज्ञानिकों ने पोटेशियम उर्वरक की 80 प्रतिशत आवश्यकताओं को पूरा करने वाले म्यूरिएट ऑफ पोटाश (केसीएल) को द्विआधारी कार्बोहाइड्रेट्स, अर्थात् चिटोसन और लिग्निन के साथ लेपित किया है। इसमें सुदृढ़ीकरण एजेंट के रूप में स्थिर समन्वय बंधों को बढ़ावा देने वाली एनायनिक मिट्टी का उपयोग किया गया है।

बी.के. साहू, के. स्वामी, एन. कपूर, ए. अग्रवाल, एस. कटारिया, पी. शर्मा, पी. कुंडू, एच. थंगावेल, ए. वट्टाक्कुनियिल, ओपी चौरसिया और वी. शनमुगम ने उर्वरक को एक समान तरीके से कोट करने और उपयोग दक्षता में सुधार करने के लिए ड्रम रोटर विधि का उपयोग किया है। एक समान कोटिंग के लिए इस्तेमाल किए गए नैनोमटेरियल प्रकृति से कम लागत वाली सामग्री जैसे नैनो-क्ले, चिटोसन और स्टार्च इत्यादि प्राप्त हुए थे। यह शोध जर्नल एनवायरनमेंटल साइंस: नैनो में प्रकाशित हुआ है।

नैनो कोटिंग सामग्री की हाइड्रोफोबिसिटी का तालमेल करके, फसल की आवश्यकता के अनुसार रासायनिक उर्वरकों की रिलीज कीनेटिक्स को बदल दिया गया। इसके अतिरिक्त, विकसित उत्पाद की बायोडिग्रेडेबिलिटी और जीवन चक्र मूल्यांकन ने पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में स्थिरता सुनिश्चित की है। इसके साथ ही, लेपित उर्वरक का यांत्रिक प्रदर्शन परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला के दौरान इसके औद्योगिक इस्तेमाल की गारंटी देता है।

प्रकृति से प्रेरित पॉलिमर की 3डी नैनो संरचना अपनी जैव अनुकूलता और जैव अपघटनशीलता के लाभ के साथ विभिन्न इस्तेमालों के लिए संभावित मंच प्रदान करती है। रासायनिक उर्वरकों के धीमी गति से उत्सर्जन के लिए हाइड्रोफोबिक नैनोमटेरियल के संयोजन के लिए अपरिवर्तनीय विकृतीकरण, स्व-संयोजन एमिलॉयड फाइब्रिल गठन और थर्मस-प्रतिक्रियाशीलता जैसे प्राकृतिक अपशिष्ट बहुलक के गुणों का दोहन किया गया। इसके अलावा, रेत एयर गन के साथ अनुकूलित रोटरी ड्रम प्रणाली ने उत्कृष्ट यांत्रिक प्रदर्शन के साथ रासायनिक उर्वरकों की एक समान कोटिंग को सक्षम किया।

पोषक तत्वों के उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए धीमी गति से निकलने वाला उर्वरक पारंपरिक उर्वरक की तुलना में संभावित विकल्प हो सकता है। चावल और गेहूं की बढ़ी हुई उपज के साथ कम अनुशंसित खुराक कम इनपुट से अधिक उत्पादन की सुविधा प्रदान करती है। कुल मिलाकर, पारंपरिक उर्वरक अनुप्रयोगों की तुलना में किसान की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।

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