वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
भारत की राजनीतिक स्थिरता से परिधानों की ओर आकर्षण बढ़ा
Posted On:
11 NOV 2024 3:53PM by PIB Delhi
यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (यूएसआईटीसी) की एक हालिया रिपोर्ट में वैश्विक परिधान सोर्सिंग हब के रूप में भारत के बढ़ते आकर्षण की पुष्टि की गई है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक स्थिरता को एक प्रमुख कारक के रूप में उद्धृत किया गया है, जो अमेरिकी खरीदारों को भारत से अधिक परिधान खरीदने के लिए प्रेरित करता है। वैश्विक परिधान आपूर्ति श्रृंखला अधिक जटिल होने के साथ ही, उत्पादन संबंधी समयसीमा की गारंटी देने और राजनीतिक अस्थिरता से जुड़े जोखिमों को कम करने की क्षमता ने भारत को अमेरिकी खरीदारों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना दिया है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत, अपने स्थिर राजनीतिक माहौल के साथ, उच्च-मूल्य वाले फैशन आइटम के लिए एक विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाधान प्रदान करता है, जो इसे वैश्विक परिधान बाजार में एक मजबूत प्रतियोगी बनाता है।
अमेरिकी परिधान आयात में भारत की बाजार में हिस्सेदारी (2013-2023)
पिछले दशक में अमेरिका में भारत की परिधान बाजार में हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है। 2013 में, भारत के पास अमेरिकी परिधान आयात का मामूली 4 प्रतिशत हिस्सा था। 2023 तक, यह आंकड़ा बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गया। विशेष रूप से उच्च मूल्य वाले परिधान क्षेत्र में यह वृद्धि भारत की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है। जैसे-जैसे अमेरिका चीन के बाद अपने सोर्सिंग में निरंतर विविधता ला रहा है, भारत परिधान सोर्सिंग के लिए एक जिम्मेदार और रणनीतिक भागीदार के रूप में उभर रहा है।
अमेरिकी परिधान आयात में भारत की बाजार हिस्सेदारी 2013 में 4 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 5.8 प्रतिशत हो गई है, जो भारतीय निर्मित परिधानों में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
एक सोर्सिंग कारक के रूप में राजनीतिक स्थिरता
आपूर्ति श्रृंखलाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक स्थिरता महत्वपूर्ण है, खासकर परिधान जैसे उद्योगों में जहां समय पर डिलीवरी महत्वपूर्ण है। यूएसआईटीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश जैसे देशों में राजनीतिक अशांति के कारण व्यवधान, हड़ताल और देरी हो सकती है। इससे वे उच्च-मूल्य और समय के संदर्भ में संवेदनशील परिधान ऑर्डर के लिए कम विश्वसनीय बन जाते हैं। इसके विपरीत, भारत के अपेक्षाकृत स्थिर राजनीतिक माहौल ने खासकर अमेरिकी बाजार में इसे परिधान सोर्सिंग के लिए एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में स्थापित किया है।
इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी खरीदार अपनी खरीदारी का ज्यादातर हिस्सा भारत की ओर स्थानांतरित कर रहे हैं, जहां उन्हें उत्पादन और डिलीवरी शेड्यूल दोनों की विश्वसनीयता पर भरोसा है। यह बदलाव खास तौर पर उच्च-मूल्य, फैशन-केंद्रित परिधानों में स्पष्ट है, जहां गुणवत्ता, समय पर उत्पादन और भरोसेमंद रसद सर्वोपरि हैं।
परिधान उत्पादन में भारत की ताकत
परिधान उद्योग में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता कई प्रमुख बिंदुओं से प्रेरित है:
वर्टिकल इंटीग्रेशन : भारत का वस्त्र उद्योग वर्टिकल तौर पर अत्यधिक इंटीग्रेटेड है, जो कपास की खेती से लेकर कताई, बुनाई, रंगाई और परिधान निर्माण तक उत्पादन के सभी चरणों को शामिल करता है। यह आत्मनिर्भरता बाहरी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता को कम करती है। इससे अधिक नियंत्रित और विश्वसनीय उत्पादन प्रक्रिया सुनिश्चित होती है।
कुशल श्रम शक्ति : भारत का विशाल एवं कुशल कार्यबल विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाले परिधान परिष्करण में निपुण है। यह उच्च मूल्य वाले फैशन वस्तुओं के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण लाभ है। देश का श्रम बल विस्तृत सिलाई और परिधान अनुकूलन में प्रशिक्षित है, जिससे भारतीय परिधान वैश्विक बाजारों के लिए अत्यधिक वांछनीय बन गए हैं।
सरकारी सहायता : भारत सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी नीतियां शुरू की हैं , जो घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ाने के लिए बनाई गई हैं। यह पहल परिधान निर्माताओं को उत्पादन क्षमता, प्रौद्योगिकी और नवाचार में निवेश करने में मदद कर रही है, जिससे भारत बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय मांग को पूरा करने की स्थिति में है।
कपास आधारित परिधान : कपास उत्पादन में भारत की ताकत कपास आधारित परिधानों के निर्माण में स्वाभाविक लाभ देती है। यह देश दुनिया में कपास के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, और यह एक मजबूत परिधान उद्योग का समर्थन करता है। यह अमेरिका को कपास के कपड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्यात करता है।
बढ़ता निर्यात बाज़ार : भारत ने अमेरिकी परिधान आयात में लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। 2023 में, अमेरिका को भारत का परिधान निर्यात कुल 4.6 बिलियन डॉलर था, जिससे यह अमेरिकी बाज़ार में परिधानों का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया।
भारत परिधान उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए चुनौतियों का समाधान भी कर रहा है। श्रम उत्पादकता को बढ़ावा देने, मानव निर्मित फाइबर में विविधता लाने और लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार के लिए समर्पित कदम उठाए गए हैं।
प्रतिस्पर्धी परिदृश्य:भारत बनाम अन्य आपूर्तिकर्ता
यूएसआईटीसी रिपोर्ट में भारत और अमेरिकी परिधान बाजार के अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं का विस्तृत तुलनात्मक विश्लेषण भी प्रस्तुत किया गया है, जिनमें बांग्लादेश, वियतनाम, इंडोनेशिया और पाकिस्तान शामिल हैं। इन देशों के सापेक्ष भारत की प्रतिस्पर्धी स्थिति को समझना इसकी विकास क्षमता का आकलन करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
आपूर्तिकर्ता
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अमेरिकी परिधान
आयात में बाजार हिस्सेदारी (2023)
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मुख्य ताकत
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चुनौतियां
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वियतनाम
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17.8 प्रतिशत
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कपास और एमएमएफ वस्त्र दोनों में विशेषज्ञता
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श्रम की बढ़ती लागत; सीमित घरेलू कपास उत्पादन
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बांग्लादेश
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6.2 प्रतिशत
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श्रम की कम लागत; अमेरिका तक शुल्क मुक्त मुक्त पहुंच
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राजनीतिक अस्थिरता; सीमित उच्च मूल्य
उत्पाद की पेशकश
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भारत
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5.8 प्रतिशत
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वर्टिकल इंटीग्रेशन; कुशल श्रम; सरकारी
सहायता
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श्रम की बढ़ती लागत; बुनियादी ढांचे की चुनौतियां; एमएमएफ का सीमित उत्पादन
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इंडोनेशिया
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8.5 प्रतिशत
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उच्च गुणवत्ता वाले मिश्रित वस्त्र(व्यापार,
आउटडोर, एथलेटिक)
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उत्पादन पर अपेक्षाकृत उच्च लागत; रसद संबंधी अक्षमताएं
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पाकिस्तान
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4.5 प्रतिशत
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मजबूत कपास
क्षेत्र; क्वालिटी डेनिम
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भू-राजनीतिक जोखिम; परिधान में सीमित विविधता
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उपरोक्त तालिका 2023 में अमेरिकी परिधान आयात के अन्य प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं के मुकाबले भारत की बाजार हिस्सेदारी और प्रतिस्पर्धी ताकत की तुलना
भारत का परिधान उद्योग वैश्विक बाजार में, विशेष रूप से अमेरिका में, अपनी निरंतर उन्नति के लिए अच्छी स्थिति में है। देश की राजनीतिक स्थिरता, वर्टिकल इंटीग्रेशन, कुशल कार्यबल और मजबूत सरकारी समर्थन इसे विश्वसनीयता और उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र चाहने वाले खरीदारों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं।
संदर्भ:-
https://www.usitc.gov/press_room/news_release/2024/er0930_65955.htm
https://www.usitc.gov/publications/332/pub5543.pdf
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