संस्कृति मंत्रालय
संस्कृति मंत्रालय ने स्वच्छता के संस्थागतकरण और कार्यालयों में लंबित मामलों को कम करने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए विशेष अभियान 4.0 पूरा किया
Posted On:
02 NOV 2024 4:56PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय (एमओसी) ने अपने संगठनों के साथ विशेष अभियान 4.0 में भाग लिया, जबकि मुख्य रूप से स्वच्छता के संस्थागतकरण और सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों को कम करने पर ध्यान केन्द्रित किया।
मंत्रालय ने 2 से 31 अक्टूबर, 2024 तक कार्यान्वयन चरण के दौरान, सभी नामित 529 स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाने में 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया। रिकॉर्ड प्रबंधन में 100 प्रतिशत फाइलों यानी 12,668 फाइलों और 3261 ई-फाइलों की समीक्षा की गई। 1167 फाइलों और 470 ई-फाइलों को क्रमशः छांट कर बंद कर दिया गया है। कबाड़ के निपटान से 31,73,667/- रुपये की आमदनी हुई। कुल 46876 वर्ग फुट क्षेत्र को मुक्त कराया गया। इसके अतिरिक्त, 100 प्रतिशत लोक शिकायतें; 60 प्रतिशत लोक शिकायत अपीलों, 73 प्रतिशत एमपी संदर्भ 55 प्रतिशत पीएमओ संदर्भों का निपटारा किया गया। मंत्रालय ने 5 प्रेस वक्तव्य जारी किए। मंत्रालय और उसके विभिन्न संगठनों द्वारा 187 ट्वीट भी जारी किए गए।
हैदराबाद के रामप्पा मंदिर और हैदराबाद के वारंगल किले में सफाई अभियान चलाया गया
हैदराबाद का रामप्पा मंदिर
पहले बाद में
वारंगल किला, हैदराबाद
पहले बाद में
अभिलेखों का डिजिटलीकरण
संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के पास लगभग 34 करोड़ पृष्ठों का संग्रह है। एनएआई की योजना अपने सभी संग्रहों को डिजिटल में परिवर्तित करने और उन्हें समाज के लिए ऑनलाइन सुलभ बनाने की है। एनएआई ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से डिजिटलीकरण कार्यक्रम शुरू किया है। एनएआई ने 30 करोड़ पृष्ठों के डिजिटलीकरण का काम शुरू कर दिया है और उन्हें विभागीय खोज पोर्टल यानी www.abhilekh-patal.in. पर अपलोड कर दिया है। यह काम दो साल में पूरा होने की उम्मीद है। अक्टूबर 2024 के महीने में 56,07,806 पृष्ठों को पूर्ण डीएमएस कार्यान्वयन, बार-कोडिंग और प्रत्येक रिकॉर्ड में 24 इंडेक्सिंग फ़ील्ड के साथ डिजिटल किया गया है।
अभिलेखों का संरक्षण
अभिलेखों के पुनरुद्धार संरक्षण के एक भाग के रूप में, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) ने 2380 शीटों की मरम्मत की; 14 खंडों और 160 फाइलों/मिली-जुली वस्तुओं की सिलाई और जिल्दबंदी की; तथा इस अवधि के दौरान 44 मानचित्रों की भी मरम्मत की।
(एनएआई में अभिलेखों का संरक्षण जारी)
अभिलेखों का मूल्यांकन
गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और सीआरपीएफ महानिदेशालय, नई दिल्ली ने क्रमशः 680, 1366, 81 और 102 फाइलों के मूल्यांकन के लिए एनएआई को सूचित किया है। एनएआई ने सार्वजनिक अभिलेख कानून और नियमों के प्रावधानों के अनुसार उपरोक्त फाइलों के संयुक्त मूल्यांकन के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
अभिलेख प्रबंधन प्रशिक्षण
विशेष अभियान 4.0 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा अभिलेख प्रबंधन में निम्नलिखित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए:-
- केन्द्र सरकार के अधिकारियों/विभागीय अभिलेख अधिकारियों के लिए अभिलेख प्रबंधन पर 178वां अभिविन्यास पाठ्यक्रम 23-25 अक्टूबर 2024 तक तीन दिनों के लिए एनएआई, अभिलेख केन्द्र, जयपुर में आयोजित किया गया। इस अभिविन्यास पाठ्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों जैसे वित्त मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और सार्वजनिक उपक्रमों आदि के 27 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
2. विशेष अभियान 4.0 के भाग के रूप में, 18 अक्टूबर, 2024 को कोयला मंत्रालय में एनएआई द्वारा ‘रिकॉर्ड प्रबंधन’ पर एक कार्यशाला/प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। कार्यशाला में एएसओ, एसओ और यूएस स्तर के अधिकारियों सहित लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रदर्शनी
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार ने स्वच्छता के लिए विशेष अभियान 4.0 के तहत "सुशासन और अभिलेख" नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 1 अक्टूबर 2024 को एनएआई में किया और यह 30 अक्टूबर, 2024 तक जनता के लिए खुली रहेगी।
सर्वोत्तम कार्य प्रणाली:
एसएचएस अभियान, 2024 और विशेष अभियान 4.0 में रचनात्मक आयाम जोड़ते हुए संस्कृति मंत्रालय के कुछ संगठनों ने अच्छे अभ्यास के हिस्से के रूप में नागरिक भागीदारी और सामूहिक कार्रवाई के साथ निम्नलिखित पहल की है:-
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- राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) द्वारा कचरे से कला पहल में समुदाय को शामिल करके कचरे से कला पहल: -
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- एनसीएसएम की एक इकाई, राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली में 24 से 26 सितम्बर, 2024 तक 3 दिवसीय कचरे से कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
ख) त्यागे गए इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और स्पेयर पार्ट्स से तैयार की गई छाया कलाकृति, और एनसीएसएम मुख्यालय, कोलकाता द्वारा कचरे का उपयोग करके तैयार की गई एक कॉफी टेबल बुक।
(कॉफी टेबल बुक)
ग. एनसीएसएम की एक इकाई गोवा विज्ञान केन्द्र और प्लेनेटेरियम द्वारा आयोजित उद्यान कचरे से खाद बनाने पर कार्यशाला)
एनसीएसएम की एक इकाई, जिला विज्ञान केन्द्र, धरमपुर, गुजरात द्वारा वर्मीकंपोस्टिंग पर कार्यशाला आयोजित की गई
- एनसीएसएम की एक इकाई गोवा विज्ञान केन्द्र और प्लेनेटेरियम गोवा द्वारा हस्तनिर्मित कागज पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- एनसीएसएम की एक इकाई, जिला विज्ञान केन्द्र, धर्मपुर, गुजरात द्वारा स्वच्छता और सफाई पर मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।.
- एशियाटिक सोसाइटी ऑफ कोलकाता (एएसके) द्वारा गांधी पत्रों का संरक्षण
- एशियाटिक सोसाइटी ऑफ कोलकाता (एएसके) द्वारा पांडुलिपियों और पुस्तक "रामायण" का उपचारात्मक संरक्षण।
संस्कृति मंत्रालय स्वच्छता को बढ़ावा देने और इसे संस्थागत बनाने तथा सभी संगठनों में लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान के दौरान किए गए अच्छे कार्यों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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