सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
विश्व मस्तिष्काघात दिवस (वर्ल्ड स्ट्रोक डे) 2024 पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत राष्ट्रीय संस्थानों और क्षेत्रीय केंद्रों में राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित
उद्देश्य - स्ट्रोक के बारे में जागरूकता बढ़ाना विकलांगता और मृत्यु दर को कम करना
Posted On:
30 OCT 2024 2:15PM by PIB Delhi
विश्व मस्तिष्काघात दिवस (वर्ल्ड स्ट्रोक डे) 29 अक्टूबर 2024 के अवसर पर, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों ने इस बीमारी की गंभीरता, इसकी रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। इस वर्ष का उद्देश्य मस्तिष्काघात के कारण होने वाली विकलांगता और मृत्यु दर को कम करना है।

आंकड़ों के अनुसार, मस्तिष्काघात दुनिया भर में लोगों की मौत का दूसरा सबसे बड़ा और विकलांगता का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। हर साल लगभग 1.8 मिलियन लोग मस्तिष्काघात से प्रभावित होते हैं। इसकी गंभीरता को देखते हुए, इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा पूरे देश में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

कोलकाता में राष्ट्रीय लोकोमोटर विकलांग संस्थान (एनआईएलडी) ने मस्तिष्काघात के बारे में लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटक और जागरूकता सत्र आयोजित किए। इन सत्रों में, विशेषज्ञों ने मस्तिष्काघात से जुड़े लक्षणों, जोखिमों और निवारक उपायों पर चर्चा की।
नेल्लोर में समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) ने एक जागरूकता सत्र आयोजित किया, जहाँ उन्होंने मस्तिष्काघात के कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समय पर प्रतिक्रिया और उचित उपचार से कई लोगों की जान बच सकती है। इसके अतिरिक्त, सीआरसी ने मस्तिष्काघात से प्रभावित लोगों के लिए उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की।
कुल्लू, बोलनगीर, राजनांदगांव और अन्य स्थानों में समग्र क्षेत्रीय केंद्रों ने भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें लोगों को मस्तिष्काघात के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और समय पर चिकित्सा सहायता लेने के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।


इन प्रयासों के माध्यम से, विभाग का उद्देश्य मस्तिष्काघात के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और इस बात पर ज़ोर देना है कि सही जानकारी और सतर्कता से इससे जुड़े जोखिमों को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से, विभाग मस्तिष्काघात और इसके प्रभावों के बारे में लोगों को ज़्यादा जागरूक बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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(Release ID: 2069521)