कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए कर्मयोगी सप्ताह के दौरान 'सामुहिक चर्चा' को संबोधित किया


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नागरिक-केन्द्रित शासन और प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की

‘मिशन कर्मयोगी’ शासन से भूमिका की ओर एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है: केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह

नियमित सीखने की परंपरा विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विशिष्ट, चुस्त और उत्तरदायी कार्यबल सृजन करने में मदद करेगी

Posted On: 21 OCT 2024 4:58PM by PIB Delhi

डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, ने कर्मयोगी सप्ताह के लिए संदर्भ स्थापित करते हुए, कार्मिक, लोक शिकायत मंत्रालय के अधिकारियों के लिए 'सामूहिक चर्चा' मिशन कर्मयोगी, राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह और कर्मयोगी योग्यता मॉडल के बारे में जानकारी दी।

मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि मिशन कर्मयोगी "शासन" से "भूमिका" की ओर एक आदर्श बदलाव को रेखांकित करता है और इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि सिविल सेवकों को शासन से नहीं बल्कि जिम्मेदारियों से बंधे रहना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियमित सीखने की परंपरा शुरू करने वाला पहला मंत्रालय रहा है। इस अवसर पर मंत्री ने मिशन कर्मयोगी की स्थापना को याद किया, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेने के बाद शुरू की गई थी। उन्होंने इस कार्य को करने के लिए क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) की भी सराहना की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिशन कर्मयोगी ने शासन में एक नई संस्कृति के विकास को बढ़ावा दिया है, जो उत्तरदायी, गतिशील और समकालीन भारत के साथ संबद्ध है। उन्होंने आगे बताया कि मिशन कर्मयोगी नौकरशाहों को विभिन्न मंत्रालयों में सरकार के विविध प्रकार के कार्यों को करने में मदद करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मिशन कर्मयोगी विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए 'एक सरकार' दृष्टिकोण के साथ सतत पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बदलते समय की जरूरतों को देखते हुए, सीखने की प्रक्रियाओं में लगातार लगे रहना चाहिए। यह उन नौकरशाहों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा जो विकसित भारत 2047 में सबसे आगे होंगे।

 

उन्होंने कहा कि सामूहिक चर्चा का यह विचार-मंथन चक्र एक विशाल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सहायता करेगा, जो उद्योगों, विभागों और पूरी सरकार के लिए सहायक होगा।

इसके अलावा, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधिकारियों के लिए 'सामूहिक चर्चा' का उद्देश्य मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को एक साथ लाकर चुने गए विषय पर सीखने को सुगम बनाना है। 'सामूहिक चर्चा' का उद्देश्य अधिकारियों को 'राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह' कार्यक्रम के भाग के रूप में शामिल वेबिनार से प्राप्त चुने गए विषय पर चिंतन और विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना है।

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