वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
निवेश पर भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त कार्यबल की 12वीं बैठक
भारत और यूएई के बीच अधिक सहयोग और निवेश के लिए फूड पार्क सहित कई क्षेत्र शामिल हैं: श्री पीयूष गोयल
अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) गिफ्ट सिटी में एक सहायक कंपनी स्थापित करेगा: श्री पीयूष गोयल
यूएई में इन्वेस्ट इंडिया का कार्यालय खुलेगा: श्री पीयूष गोयल
दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा के लिए दो राष्ट्रीय भुगतान प्लेटफार्मों – यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) को आपस में जोड़ा जाएगा: श्री पीयूष गोयल
Posted On:
07 OCT 2024 5:09PM by PIB Delhi
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के उच्च स्तरीय संयुक्त निवेश कार्यबल (एचएलजेटीएफआई) की 12वीं बैठक आज मुंबई में हुई। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के प्रबंध निदेशक महामहिम शेख हामिद बिन जायद अल नाहयान ने इस बैठक की सह-अध्यक्षता की।
भारत और यूएई के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 2013 में एचएलजेटीएफआई की स्थापना की गई थी। अपने गठन के बाद से इसने भारत और यूएई में भविष्य में निवेश के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए एक प्रभावी तंत्र प्रदान किया है और दोनों देशों के निवेशकों के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया है।
12वीं एचएलजेटीएफआई बैठक के दौरान, भारत और यूएई के सह-अध्यक्षों ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधी मामलों सहित द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास और मजबूती को स्वीकार किया। फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की यूएई यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश संधि को दोनों पक्षों द्वारा अनुमोदित किया गया है और यह 31 अगस्त 2024 से प्रभावी होगी।
सह-अध्यक्षों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से वृद्धि को भी स्वीकार किया, जो मई 2022 में लागू हुआ था। संयुक्त कार्य बल ने भारत-यूएई सीईपीए के कामकाज की समीक्षा की जो अब तक के सबसे जल्दी हुए मुक्त व्यापार समझौतों में से एक था। यह ऐतिहासिक समझौता व्यापार को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। पिछले दो वर्षों के दौरान, सीईपीए ने अधिकांश उत्पाद लाइनों पर टैरिफ को कम करने में मदद की है, व्यापार में अन्य बाधाओं को दूर करने की कोशिश की है और सहयोग के नए रास्ते बनाए हैं। इसके परिणामस्वरूप, द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि हुई है। 2024 की पहली छमाही में गैर-तेल व्यापार बढ़कर 28.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो प्रत्येक वर्ष 9.8 प्रतिशत की वृद्धि है। इस समझौते ने वर्ष 2023 तक एफडीआई को भी बढ़ावा दिया है। यूएई, भारत का चौथा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है जिसने विभिन्न क्षेत्रों में 3.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है जो 2022 की तुलना में तीन गुना वृद्धि दर्शाता है। 2023 में यूएई में भारतीय एफडीआई कुल 2.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो 2021 और 2022 के संयुक्त निवेश से अधिक है। ये आंकड़े वास्तविक वृद्धि और वास्तविक ज़मीनी प्रभाव को दर्शाते हैं। इसके अलावा इसने भारतीय बाजार में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है और श्रम-उन्मुख क्षेत्रों से निर्यात तेजी से बढ़ रहा है।
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस (शहजादे) महामहिम शेख खालिद बिन मोहम्मद अल नाहयान की हाल ही में भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित रणनीतिक समझौतों और पहलों पर विचार करते हुए, दोनों पक्षों ने ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रसद, खाद्य और कृषि सहित भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में यूएई संस्थाओं के मौजूदा और भविष्य के निवेश और परियोजनाओं पर ध्यान दिया जिनकी कुल राशि लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। बैठक में भारतीय बुनियादी ढाँचा परिसंपत्तियों में यूएई के निवेश की भी समीक्षा की गई।
एचएलजेटीएफआई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने कई प्रमुख पहलों पर प्रगति की समीक्षा की जिनमें कुछ ऐसी पहल भी शामिल हैं जिनकी घोषणा पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने की थी और कार्यान्वयन की तीव्र गति पर संतोष व्यक्त किया। इन पहलों में स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार, भारत और यूएई की भुगतान प्रणालियों का एकीकरण, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं पर सहयोग, वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर से संबंधित कार्य की शुरूआत और अहमदाबाद में एक फूड पार्क का विकास शामिल है।
भारत और यूएई के बीच अधिक सहयोग और निवेश के लिए खाद्य पार्क एक क्षेत्र है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार सृजन होगा और यूएई के लिए खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और यूएई सरकार के बीच छोटे कार्य समूह मिशन-मोड के आधार पर दोनों देशों के बीच खाद्य गलियारों को आगे बढ़ाएंगे। इन पहलों पर की गई प्रगति उनके संबंधित नेताओं के दृष्टिकोण के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों की उच्च स्तर की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है।
दोनों पक्षों ने अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) द्वारा गिफ्ट सिटी में एक सहायक कंपनी स्थापित करने की घोषणा का स्वागत किया। यह भारत की बढ़ती और गतिशील अर्थव्यवस्था में यूएई के संस्थागत निवेशकों की मजबूत रुचि और एक मजबूत नियामक और मजबूत कानूनी ढांचे के तहत संचालित विश्व स्तरीय वित्तीय सेवा केंद्र के रूप में गिफ्ट सिटी की प्रतिष्ठा को रेखांकित करता है।
संबंधों को बढ़ाने के लिए, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), अपनी अंतर्राष्ट्रीय सहायक कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) के माध्यम से यूएई में घरेलू कार्ड योजना जेएवाईडब्ल्यूएएन के निर्माण को सक्षम करने के लिए अल एतिहाद पेमेंट्स (एईपी) के साथ सहयोग कर रही है। जेएवाईडब्ल्यूएएन कार्ड योजना एनआईपीएल और एईपी के बीच गहन सहयोग का परिणाम है। यह RuPay कार्ड स्टैक (भारत में एनपीसीआई द्वारा बड़े पैमाने पर विकसित और शुरू किए गए ) पर आधारित है, जिसे एईपी के साथ साझा किया जाता है ताकि यूएई डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में संप्रभु हो सके। दोनों सरकारें अब दो राष्ट्रीय भुगतान प्लेटफार्मों - यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) को जोड़ने पर काम कर रही हैं जो दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा।
भारत सरकार ने भारत में निवेश करने के इच्छुक संभावित यूएई निवेशकों के लिए एक समर्पित संपर्क बिंदु के रूप में काम करने के लिए दुबई, यूएई में इन्वेस्ट इंडिया का एक कार्यालय खोलने का भी फैसला किया है। आज भारत-यूएई एचएलजेटीएफआई बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की गई। यह मध्य पूर्व क्षेत्र में इन्वेस्ट इंडिया का पहला ऐसा विदेशी कार्यालय होगा और सिंगापुर के बाद कुल मिलाकर इसका दूसरा विदेशी कार्यालय होगा।
एचएलजेटीएफआई की बैठक के दौरान सह-अध्यक्ष श्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, तथा अबू धाबी निवेश प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक महामहिम शेख हामिद बिन जायद अल नाहयान ने भी भारत मार्ट द्वारा की जा रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। ज़मीनी स्तर पर काम शुरू हो चुका है तथा खुदरा स्थानों और गोदामों के नक्शों पर डिजाइन का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
एचएलजेटीएफआई दोनों पक्षों से निवेश में तेजी लाने और वृद्धि को प्रोत्साहित करने के तरीकों और प्रोत्साहनों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस संदर्भ में, भारतीय पक्ष ने अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, फार्मास्यूटिकल्स और जीनोमिक्स जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को साझा किया। यूएई ने भारत के विमानन बाजार के तेजी से विकास के कारण उसके एयरोस्पेस क्षेत्र में निवेश के अवसरों को भी उठाया।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों के निवेश से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ दोनों देशों की कंपनियों के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों पर भी चर्चा की गई ताकि बाधाओं को दूर किया जा सके और उनके समाधान को सुगम बनाया जा सके। सह-अध्यक्षों ने दोनों टीमों को समयबद्ध और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य तरीके से इन मुद्दों को हल करने के लिए संबंधित सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।
एचएलजेटीएफआई की बैठक में भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया, संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत श्री संजय सुधीर, भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत महामहिम डॉ. अब्दुल नासिर जमाल अलशाली और दोनों सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा एचएलजेटीएफआई के सह-अध्यक्ष श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-यूएई साझेदारी नवाचार, निवेश और सतत विकास के आधार पर खड़ी है। आज संयुक्त कार्य बल की बैठक भारत और यूएई द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई सभी सराहनीय पहलों का जायज़ा लेने के लिए उपयोगी थी जैसे स्थानीय मुद्रा निपटान, आभासी व्यापार गलियारा, भारत मार्ट, इत्यादि। भारत-यूएई सीईपीए और द्विपक्षीय निवेश संधि द्वारा अब तक प्रदान किए गए मजबूत ढांचे के साथ, मैं हितधारकों को निवेश के अवसरों और व्यापार की संभावनाओं को और अधिक तलाशने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।
अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के प्रबंध निदेशक और एचयूटीएफआई के सह-अध्यक्ष हिज हाइनेस शेख हामिद बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि 2022 में हस्ताक्षरित भारत-यूएई सीईपीए आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और यूएई और भारत के बीच सीमा पार व्यापार को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक रहा है। इस सकारात्मक पृष्ठभूमि के साथ, संयुक्त कार्य बल नए निवेश अवसरों का पता लगाने, भविष्य के सहयोग में बाधाओं को दूर करने और साझा लक्ष्यों की खोज में एक साथ काम करने के लिए एक मंच के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखता है।
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