विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन ने अपनी शुरुआती दो पहलों - प्रधानमंत्री प्रारंभिक कैरियर अनुसंधान अनुदान (पीएमईसीआरजी) और व्यापक प्रभाव वाले क्षेत्रों में उन्नति से संबंधित मिशन – विद्युत चालित वाहन (एमएएचए-ईवी) मिशन - का शुभारंभ किया
Posted On:
14 OCT 2024 3:40PM by PIB Delhi
नव संचालित अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) ने आज अपनी शुरुआती दो पहलों - प्रधानमंत्री प्रारंभिक कैरियर अनुसंधान अनुदान (पीएमईसीआरजी) और व्यापक प्रभाव वाले क्षेत्रों में उन्नति से संबंधित मिशन – विद्युत चालित वाहन (एमएएचए- ईवी) मिशन के शुभारंभ की घोषणा की।
पीएमईसीआरजी जहां प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ताओं को देश की परिवर्तनकारी यात्रा में शामिल होने तथा भारत की वैज्ञानिक उत्कृष्टता एवं नवाचार की उन्नति में योगदान करने हेतु आमंत्रित करता है, वहीं एमएचए-ईवी मिशन को विद्युत चालित वाहनों (ईवी) के विभिन्न कल-पुर्जों, विशेष रूप से बैटरी सेल, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनें एवं ड्राइव (पीईएमडी) तथा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसंधान एवं विकास से संबंधित एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने हेतु डिजाइन किया गया है।
एएनआरएफ के सीईओ प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, “अब जबकि एएनआरएफ ने अपनी दो महत्वपूर्ण पहलों के शुभारंभ के साथ अपनी गतिविधियों की शुरुआत की है, ये दोनों पहल एएनआरएफ के प्रमुख लक्ष्यों में से एक, अकादमिक अनुसंधान एवं औद्योगिक अनुप्रयोग के बीच अंतर को पाटने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकते हैं। जहां पीएमईसीआरजी प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ताओं की रचनात्मकता, नवाचार एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा और भारत की अनुसंधान-संचालित आकांक्षाओं को गति दे सकता है, वहीं एमएचए-ईवी मिशन विद्युत चालित वाहनों, जो कि राष्ट्रीय प्राथमिकता वालाक्षेत्र है, के संबंध में उद्योग जगत के हितों के अनुरूप स्थानांतरित किए जा सकने वाले अनुसंधान का समर्थन करेगा।”
एएनआरएफ के संचालन की शुरुआत 10 सितंबर, 2024 को गवर्निंग बोर्ड (जीबी) की पहली बैठक के साथ की गई थी, जिसकी अध्यक्षता गवर्निंग बोर्ड (जीबी) के अध्यक्ष के रूप में माननीय प्रधानमंत्री ने की थी।
इस बैठक में एएनआरएफ के रणनीतिक हस्तक्षेपों पर चर्चा हुई जिसमें प्रमुख क्षेत्रों में भारत की वैश्विक स्थिति, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप अनुसंधान एवं विकास को दिशा देने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने, क्षमता निर्माण, वैज्ञानिक प्रगति एवं नवाचार से जुड़े इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के साथ-साथ उद्योग जगत के हितों के अनुरूप स्थानांतरित किए जा सकने वाले अनुसंधानों के जरिए अकादमिक अनुसंधान एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच अंतर को पाटना शामिल है। पीएमईसीआरजी और एमएएचए-ईवी इन चर्चाओं के अनुरूप घोषित की गई दो शुरुआती पहल हैं।
प्रधानमंत्री प्रारंभिक कैरियर अनुसंधान अनुदान (पीएमईसीआरजी)
इस अनुदान को एक लचीले बजट के साथ डिजाइन किया गया है और इसमें अनुसंधान को आसान बनाने हेतु प्रगतिशील पहल शामिल हैं। यह उच्च गुणवत्ता वाले रचनात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देगा, शोधकर्ताओं को ज्ञान की सीमाओं का विस्तार करने में सक्षम बनाएगा, तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाएगा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में योगदान देगा।
पीएमईसीआरजी युवा शोधकर्ताओं को निखारने के प्रति एएनआरएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ताओं में निवेश करके, यह देश भर में अनुसंधान एवं नवाचार की एक मजबूत संस्कृति का बीज बोने, उसका विकास करने और उसे बढ़ावा देने में मदद करेगा।
एएनआरएफ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है। इन शोधकर्ताओं को सशक्त बनाकर, एएनआरएफ अनुसंधान से संबंधित एक ऐसा जीवंत इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उत्कृष्टता का समर्थन करे और असाधारण खोजों को बढ़ावा दे।
व्यापक प्रभाव वाले क्षेत्रों में उन्नति से संबंधित मिशन (एमएएचए) योजना के तहत मिशन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी)
एमएएचए- ईवी मिशन आयात पर निर्भरता कम करने, घरेलू नवाचार को बढ़ावा देने और भारत को विद्युत चालित वाहन (ईवी) क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने हेतु विद्युत चालित वाहनों (ईवी) से संबंधित प्रमुख प्रौद्योगिकियों के विकास पर केन्द्रित है।
एमएएचए- ईवी मिशन, एएनआरएफ के व्यापक प्रभाव वाले क्षेत्रों में उन्नति (एमएएचए) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक चुनौतियों से निपटने हेतु बहु-संस्थागत, बहु-विषयी और बहु-जांचकर्ता सहयोग को उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। यह सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसका लक्ष्य उन प्रमुख क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति में तेजी लाना है, जो इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक हैसियत बनाने से संबंधित देश के भावी विकास पर व्यापक प्रभाव डालते हैं।
प्रौद्योगिकी के तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों - ट्रॉपिकल ईवी बैटरी एवं बैटरी सेल, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनें एवं ड्राइव (पीईएमडी) और विद्युत चालित वाहनों के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, यह मिशन विद्युत चालित वाहनों (ईवी) के आवश्यक कल-पुर्जों के डिजाइन एवं विकास में घरेलू क्षमताओं को बढ़ाएगा।
एमएएचए-ईवी मिशन देश के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और उभरती तकनीकी सीमाओं के अनुरूप अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के प्रति एएनआरएफ की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
ईवी-मिशन का नेतृत्व करते हुए, एएनआरएफ का लक्ष्य अनुसंधान एवं विकास से संबंधित एक ऐसे जीवंत इकोसिस्टम का निर्माण करना है जो शैक्षणिक, अनुसंधान एवं औद्योगिक क्षेत्रों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा दे। इस मिशन से एक स्थायी और तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य की दिशा में भारत की प्रगति में तेजी आने की उम्मीद है, जो 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, यह फाउंडेशन देश के अनुसंधान से जुड़े इकोसिस्टम को मजबूत करने और वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति में तेजी लाने से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने के लिए तैयार है और इसकी शुरुआती दो पहल भारत के अनुसंधान एवं विकास से संबंधित इकोसिस्टम के कायाकल्प के प्रारंभिक कदम के रूप में काम करेंगे।
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