अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय
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केन्द्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने नई सरकार के पहले 100 दिनों के दौरान अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला

Posted On: 25 SEP 2024 3:52PM by PIB Delhi

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य तथा संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज नई दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया को अल्पसंख्यक कार्य और संसदीय कार्य मंत्रालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री श्री जॉर्ज कुरियन भी उपस्थित थे।

श्री रिजिजू ने सरकार के पहले 100 दिनों के दौरान अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की निम्नलिखित प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला:

लोक संवर्धन पर्व:

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने ‘लोक संवर्धन पर्व’ का उद्घाटन किया, जो अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के एनएमडीएफसी द्वारा 100 दिनों के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था। इस पर्व का आयोजन मंत्रालय की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और विभिन्न योजनाओं के तहत भागीदार संगठनों के साथ मिलकर की गई गतिविधियों एवं सफलता की कहानियों को रेखांकित करने के लिए किया गया था। वर्ष 2024-25 के दौरान 2.5 लाख से अधिक लाभार्थियों को 1000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण देने हेतु राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) की एक ऋण योजना भी केन्द्रीय मंत्री द्वारा जारी की गई।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) और तीन बैंकों एवं तीन राज्यों के राज्य कौशल विकास मिशनों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:

इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा पंजाब ग्रामीण बैंक के माध्यम से एनएमडीएफसी की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु एनएमडीएफसी और इन बैंकों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इससे गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों में ऋण देने में सुविधा होगी।

लद्दाख के लिए पैकेज की घोषणा और एनएमडीएफसी के लाभार्थियों के साथ बातचीत:

केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में, अल्पसंख्यक ककरी मंत्री ने 14 जुलाई, 2024 को कारगिल में आयोजित एक लाभार्थी बातचीत कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख वित्त निगम (जेकेएलएफसी) द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) के सहयोग से किया गया।

इस कार्यक्रम ने वित्तीय सहायता और समर्थन के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सिंधु इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) को 10 करोड़ रुपये और जेकेएलएफसी को 21.00 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई।

पीएम विकास का शुभारंभ:

"प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन" (पीएम विकास) अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की एक एकीकृत योजना है, जो अपनी पांच पूर्ववर्ती योजनाओं अर्थात् सीखो और कमाओ, उस्ताद, नई मंजिल, नई रोशनी और हमारी धरोहर को जोड़ती है। पीएम विकास योजना का उद्देश्य विभिन्न पहलों के माध्यम से अल्पसंख्यकों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान करना है, जिनमें शामिल हैं:

o आधुनिक और पारंपरिक दोनों प्रकार की नौकरियों को कवर करने वाले पाठ्यक्रमों में कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना।

o कारीगरों के लिए क्षमता-निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन करना

o अल्पसंख्यक समुदायों की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) का संरक्षण

o अल्पसंख्यक महिलाओं के नेतृत्व और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना

o राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से अल्पसंख्यक युवाओं को शैक्षिक सहायता प्रदान करना

o मंत्रालय की पीएमजेवीके योजना के अनुरूप बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करना

इसके अलावा, यह योजना लाभार्थियों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) द्वारा प्रस्तावित ऋण कार्यक्रमों से जोड़कर क्रेडिट लिंकेज की सुविधा प्रदान करेगी। लाभार्थियों को उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए ईपीसीएच (हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद) के माध्यम से बाजार संपर्क के लिए भी समर्थन दिया जाएगा।

हज सुविधा ऐप का शुभारंभ:

  1. हज-2024 के दौरान हज प्रबंधन में एक गेम चेंजर।
  2. तीर्थयात्रियों को प्रशिक्षण सामग्री, आवास और उड़ान विवरण, सामान की जानकारी, एक आपातकालीन हेल्पलाइन (एसओएस), शिकायत निवारण, प्रतिक्रिया, भाषा अनुवाद और तीर्थयात्रा से संबंधित विविध जानकारियां और सेवाएं सुलभ कराता है और केएसए में भारतीय प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के बेहतर समन्वय एवं नियंत्रण की सुविधा भी प्रदान करता है।
  3. बेहतर शिकायत निवारण तथा सूचना के प्रसार में और प्रशासन की ओर से अधिक सामंजस्यपूर्ण प्रतिक्रिया तंत्र के लिए भी यह अत्यंत सहायक रहा है।
  4. हज-2025 के लिए इच्छुक तीर्थयात्रियों की आवेदन प्रक्रिया को भी ऐप पर शामिल कर दिया गया है और इस तरह ऐप को तीर्थयात्रियों के लिए एक संपूर्ण डिजिटल समाधान बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
  5. हज प्रशासन के संबंध में भारत और सऊदी अरब के अधिकारियों के बीच समन्वय एवं सहयोग में सुधार हेतु सऊदी अरब की द्विपक्षीय यात्रा प्रस्तावित है।

दरगाह ख्वाजा साहब, अजमेर के उर्स के आयोजन के लिए परिचालन मैनुअल की तैयारी:

ख्वाजा मोइन उददीन चिश्ती का उर्स, जो लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से एक जटिल कार्यक्रम है, को दरगाह समिति, जिला प्रशासन, विभिन्न धार्मिक पदाधिकारियों और आम जनता के घनिष्ठ  समन्वय द्वारा आयोजित किया जाता है और सफल बनाया जाता है।

उर्स अजमेर की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा देता है और छोटे एवं मध्यम व्यवसायों को लाभ पहुंचाता है और आय एवं रोजगार सृजित करता है। पहली बार, ख्वाजा मोइन उददीन चिश्ती के उर्स के संचालन को संहिताबद्ध और मानकीकृत करने के लिए एक परिचालन मैनुअल बनाया गया है, ताकि उर्स के दौरान अजमेर आने वाले अनगिनत तीर्थयात्रियों के लिए एक सहज और संतोषजनक अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।

दरगाह ख्वाजा साहब, अजमेर के विभिन्न पहलुओं में तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग:

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने दरगाह ख्वाजा साहब के लिए एक डीकेएस सुविधा मोबाइल ऐप और एक वेब पोर्टल भी विकसित किया है।

यह वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन दरगाह की गतिविधियों में भाग लेने और ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की गर्मजोशी एवं आशीर्वाद को महसूस करने हेतु अजमेर जाने में असमर्थ रहने वाले देश के दूर-दराज के तीर्थयात्रियों के लिए सहायक साबित होगा।

जियो पारसी वेब पोर्टल का शुभारंभ:

 

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री द्वारा 13 अगस्त, 2024 को “जियो पारसी योजना पोर्टल” शुभारंभ किया गया था।

यह पोर्टल उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने, अपने आवेदन की स्थिति की जांच करने और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से ऑनलाइन वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम करेगा।

अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यकों को लक्षित करने वाला सर्किट आधारित दृष्टिकोण अपनाना:

 अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अल्पसंख्यकों विशेषकर पारसियों, बौद्धों, जैनियों, सिखों के भीतर अल्पसंख्यकों के विकास के लिए एक सर्किट-आधारित दृष्टिकोण अपना रहा है। इसके लिए, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों/केन्द्र- शासित प्रदेशों में बौद्ध समुदाय और जैन, सिख एवं पारसी समुदायों के लिए 401.37 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू व स्वीकृत की गई हैं।

आंगनवाड़ी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:

पीएमजेवीके ने परियोजनाओं को मंजूरी देने के मामले में भी अपना दृष्टिकोण बेहतर किया है। अब यह योजना नागरिक बुनियादी ढांचे के अलावा डिजिटल बुनियादी ढांचे को भी अपने दायरे में लाई है। इसके हिस्से के रूप में, आंगनवाड़ी केन्द्रों को निरंतर वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ  अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय डिजिटल इंडिया के लिए प्रशिक्षित कार्यबल सुनिश्चित करने हेतु एनआईटी जालंधर में 5जी और साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के माध्यम से एआई को बढ़ावा देने के लिए शत-प्रतिशत वित्त पोषण के लिए अपने पीएमजेवीके के तहत एक महत्वपूर्ण पहल करता है।

गतिशक्ति पोर्टल के साथ एकीकरण:

इन 100 दिनों के दौरान डिजिटलीकृत योजना प्रक्रियाओं और मूल्यांकन तंत्र के माध्यम से मौजूदा इकोसिस्टम को मजबूत करने पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। पीएमजेवीके के तहत, धन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने हेतु, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इस योजना के तहत जरूरतमंद क्षेत्रों को शामिल करने के लिए पीएम गतिशक्ति पोर्टल का उपयोग शुरू किया है। इससे प्रयासों में शून्य ओवरलैपिंग सुनिश्चित होगी और कार्यान्वयन के क्षेत्रों की पहचान होगी।

यह योजना बुनियादी ढांचे की परिसंपत्तियों की जमीनी निगरानी को मजबूत करने की दिशा में भी काम कर रही है क्योंकि इसने पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर इन इकाइयों की उपस्थिति के अलावा इसरो / एनआरएससी के भुवन पोर्टल पर राज्यों / केन्द्र-शासित प्रदेशों में अपनी सभी बुनियादी ढांचा इकाइयों की जियो-टैगिंग में प्रगति की है। डिजिटलीकरण संबंधी पहल की निरंतरता में, समग्र डिजिटलीकृत अनुमोदन प्रक्रियाओं के लिए नया पीएमजेवीके वेब-पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक भाषा के लिए भाषिनी प्रौद्योगिकी अनुकूलन:

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने भाषिनी पहल को अपनी आधिकारिक वेबसाइट, minorityaffairs.gov.in. में सफलतापूर्वक एकीकृत कर दिया है। भाषिनी प्लेटफॉर्म के वेब अनुवाद को शामिल करके, मंत्रालय का लक्ष्य अपनी सेवाओं और सूचनाओं को बहुभाषी रूप से सुलभ कराना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विविध भाषाई पृष्ठभूमि के नागरिक आसानी से सरकारी कार्यक्रमों तक पहुंच व जुड़ सकें। यह कार्यान्वयन समावेशिता को बढ़ावा देने और सभी समुदायों के लिए संसाधनों तक समान पहुंच को सक्षम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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