वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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वाणिज्य सचिव ने एससीओ के व्यापार एवं अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया



एससीओ में भारत की प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री के सुरक्षा, आर्थिक विकास, एकता, सम्मान और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से आकार लेती हैं: वाणिज्य सचिव

वाणिज्य सचिव ने समाज के विकास के लिए ‘सभी के लिए एआई’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई

मंत्रियों ने निष्पक्ष व्यापार और सतत विकास पर दस्तावेजों को स्वीकार किया

Posted On: 13 SEP 2024 4:18PM by PIB Delhi

वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने कल विदेशी आर्थिक और विदेशी व्यापार गतिविधियों के मंच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मंत्रियों की 23वीं बैठक में वर्चुअली भाग लिया। वाणिज्य सचिव ने अपने संबोधन में बताया कि 2017 में एससीओ सदस्य के रूप में अपनी स्थापना के बाद से ही भारत एससीओ के विकास एजेंडे में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। इसके अलावा, एससीओ में भारत की प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'सिक्योर' एससीओ के दृष्टिकोण से आकार लेती हैं, जहां सिक्योर का मतलब सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण है।

विश्व आर्थिक व्यवस्था में एससीओ के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने एससीओ के शासनाध्यक्षों की अध्यक्षता के लिए पाकिस्तान को बधाई दी तथा संगठन में शामिल होने पर बेलारूस गणराज्य (नए सदस्य) का स्वागत किया।

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श्री बर्थवाल ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटलीकरण से तीव्र आर्थिक विकास और समृद्धि हासिल करने की संभावना है। इस बात पर जोर दिया गया कि भारत ने वित्तीय समावेशन, शिक्षा और देश में समग्र शासन में सुधार के लिए एक मजबूत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना मंच सफलतापूर्वक तैयार किया है। डिजिटल प्रौद्योगिकी के ‘सार्वजनिक सामान’ के रूप में उपयोग से आर्थिक पदानुक्रम में उनकी स्थिति के बावजूद सभी लोगों को व्यापक लाभ हुआ है, जिसे हरित ऊर्जा संक्रमण के क्षेत्र में दोहराया जा सकता है, जो हमारे शुद्ध शून्य लक्ष्यों को पूरा करने और सतत विकास के लिए कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के हमारे साझा प्रयास के लिए एक आवश्यकता है।

श्री बर्थवाल ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए कुशल लॉजिस्टिक के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें कागज रहित व्यापार सीमा पार लेनदेन को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वाणिज्य सचिव ने व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर जोर दिया। हालांकि, कनेक्टिविटी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए ऐसे प्रयास करते समय, हमारे सहकारी प्रयासों में विश्वास के साथ-साथ पारदर्शिता का निर्माण करना भी आवश्यक है। इस संदर्भ में श्री बर्थवाल ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम सदस्य राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित एससीओ चार्टर के सिद्धांतों को बनाए रखें।

वाणिज्य सचिव ने पिछले वर्ष एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की पहली अध्यक्षता के दौरान विभिन्न आयोजनों और बैठकों के माध्यम से एससीओ में भारत के सक्रिय और रचनात्मक योगदान को याद किया। इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि निष्पक्ष व्यापार प्रैक्टिस की दिशा में कोई भी प्रयास अर्थव्यवस्थाओं के भीतर सदस्य राज्यों के सामूहिक प्रयास और क्षेत्र में व्यापक आर्थिक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अधिक पारदर्शिता के बिना पूरा नहीं हो सकता। एससीओ क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्चित करना आवश्यक है, जिसके लिए सदस्य राज्यों को वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में वैल्यू चेन को आगे बढ़ाने के लिए एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए जो सीधे आर्थिक विकास और नागरिक कल्याण को प्रभावित करता है।

इस बात पर जोर दिया गया कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी की सदी है और भारत उन कुछ देशों में से है जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है और एआई मिशन शुरू किया है। उन्होंने दोहराया कि हमारे समाज की व्यापक भलाई के लिए जिम्मेदार विकास को प्राप्त करने में ‘सभी के लिए एआई’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए मिलकर काम करके साकार किया जा सकता है।

बैठक के दौरान, मंत्रियों ने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाले 3 दस्तावेजों को मंजूरी दी, अर्थात रचनात्मक अर्थव्यवस्था के विकास के क्षेत्र में एससीओ सदस्य राज्यों के सहयोग के लिए रूपरेखा, एससीओ सदस्य राज्यों के व्यापार संवर्धन संगठनों के बीच सहयोग की अवधारणा और एससीओ सदस्य राज्यों के आर्थिक वरीयता आधार के निर्माण की अवधारणा और निष्पक्ष व्यापार और सतत विकास के मुद्दों पर एक बयान को भी स्वीकार किया।

अपने हस्तक्षेप का समापन करते हुए वाणिज्य सचिव ने एससीओ गतिविधियों में रचनात्मक रूप से भाग लेने और सफल परिणाम के लिए हर संभव समर्थन देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

विदेशी आर्थिक और विदेशी व्यापार गतिविधियों के लिए जिम्मेदार एससीओ के मंत्रियों की 23वीं बैठक पाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

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एमजी/एआर/वीएस



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