सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने एमएसएमई क्षेत्र में सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी


पिछले 100 दिनों में शुरू की गई विभिन्न पहलों का उद्देश्य विकास को बढ़ावा देना, उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना है

ये उपलब्धियाँ एमएसएमई क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं

Posted On: 17 SEP 2024 5:53PM by PIB Delhi

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और  मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने आज नई दिल्ली के उद्योग भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया संगठनों को “एमएसएमई क्षेत्र में सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों” के बारे में जानकारी दी। ब्रीफिंग के दौरान एमएसएमई सचिव श्री एस.सी.एल. दास और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ने राष्ट्रव्यापी आर्थिक विकास, रोजगार सृजन के अवसर पैदा करने और उद्यमशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वर्ष 15 अगस्त को देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एमएसएमई की महत्ता पर प्रकाश डाला और सरकार के सततता, नवाचार और एमएसएमई के लिए व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देने के फोकस पर जोर दिया, जिससे भारत को एक वैश्विक नेता बनाने के व्यापक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ सामंजस्य स्थापित हो सके।

पिछले 100 दिनों में, भारत सरकार ने विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को तेजी से लागू किया  है और एमएसएमई को सशक्त बनाने और सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और प्रभावशाली पहलों को लागू किया है। पिछले 100 दिनों में लागू की गई योजनाओं का उद्देश्य विकास, उद्यमशीलता को बढ़ाना और रोज़गार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ ये सुनिश्चित करना है कि हमारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।

पिछले 100 दिनों में मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और पहलों के तहत एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से हासिल की गईं कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

एमएसएमई का औपचारिकीकरण अभियान

27 जून 2024  को  महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश राज्य सरकारों के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य सरकारों और एमएसएमई संघों के सहयोग से देशभर में औपचारिकता अभियानों और जन जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया, ताकि एमएसएमई को उद्यम पंजीकरण प्लेटफॉर्म और उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म ((UAP) पर शामिल किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य अनौपचारिक एमएसएमई को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करना है। इस त्वरित अभियान के तहत, उद्यम/यूएपी पर पंजीकृत एमएसएमई की कुल संख्या 5 करोड़ के पार हो गई है।1 अप्रैल 2023 को MSME पंजीकरण की संख्या 1.06 करोड़ थी, जो अब 2024 में बढ़कर 5.07 करोड़ हो गई है। एमएसएमई पंजीकरण में वृद्धि के साथ, रोजगार सृजन की संख्या अब 21 करोड़ तक पहुँच चुकी है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत, पिछले 10 वर्षों में लगभग 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत कई नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना:

पीएमईजीपी (PMEGP)  के तहत 9  जून के बाद से पिछले 100 दिनों में कई उद्यमों को मंजूरी दी गई है, जिससे 3148 करोड़ रूपए के ऋण वितरण के साथ 26,426 नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए। सरकार की इस पहल से लगभग 2.11 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में लाभ होने की उम्मीद है।

देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में एमएसएमई (MSME) का संवर्धन और विकास:

मंत्रालय ने  सिक्किम समेत देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के लिए 26 जून 2024 को 12 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।  इनमें नए तकनीकी केंद्रों की स्थापना और औद्योगिक संपदा का पुनर्विकास शामिल है। इनका उद्देश्य तकनीकी सहायता और व्यापार सेवाएं देकर रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इन परियोजनाओं से 2290 बेरोज़गार युवकों को फ़ायदा मिलेगा और सिक्किम समेत देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों की स्थानीय अर्थव्यवस्था में रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। 

महिला उद्यमियों के लिए यशस्विनी अभियान:

एमएसएमई (MSME) मंत्रालय ने 27 जून 2024 को उद्यमी भारत दिवस के अवसर पर  यशस्विनी अभियान की शुरुआत की । यह दिवस अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई (MSME) दिवस भी है।  इस पहल का उद्देश्य महिला-नेतृत्वित विकास को बढ़ावा देना और उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस पहल के तहत, विभिन्न मंत्रालयों जैसे ग्रामीण विकास, जनजातीय मामलों, महिला एवं बाल विकास, कौशल विकास और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की गई है। इसमें  नीति आयोग के वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफार्म (डब्ल्यूईपी) ने भी सहयोग दिया है।

यशस्विनी पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जो वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफार्म (डब्ल्यूईपी) के माध्यम से संचालित होती है । इससे इस पहल को उद्योग-स्तरीय क्षमता और ध्यान मिलता है। इस पहल के तहत, महिला उद्यमियों के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने, औपचारिककरण को प्रोत्साहित करने, पंजीकरण और क्षमता निर्माण के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। यह पहल महिला उद्यमियों को वित्तीय समर्थन पहुंच, प्रशिक्षण, बाजार संपर्क, परामर्श, अनुपालन और कानूनी/व्यवसाय समर्थन सेवाओं में सहायता प्रदान करती है।

पहला अभियान 19 जुलाई 2024 को जयपुर में आयोजित हुआ। इसमें लगभग 650 महिला उद्यमियों ने भाग लिया। इसके परिणामस्वरूप 4,000 से अधिक उद्यम और यूएपी पंजीकरण हुए। दूसरा अभियान 11 सितंबर 2024 को रांची में आयोजित पीएम विश्वकर्मा सम्मेलन के अंतर्गत आयोजित किया गया जिसमे 200 महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) ने हिस्सा लिया। इस वर्ष 17 और ऐसे अभियान आयोजित किए जाएंगे, जिनका लक्ष्य एक लाख महिलाओं को लाभ पहुँचाना है । इस अभियान को भविष्य में और बढ़ाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकें।

सीजीटीएमएसई (CGTMSE) के तहत महिलाओं को कोलैटरल फ्री ऋण के लिए विशेष प्रावधान:

सीजीटीएमएसई (CGTMSE) बोर्ड ने 9 सितम्बर 2024 को सीजीटीएमएसई (CGTMSE) योजना को मंजूरी दी। इसके तहत महिला उद्यमियों को 90% गारंटी कवरेज के साथ ऋण मिलेगा । इस योजना का उद्द्येश्य  वार्षिक गारंटी शुल्क को काम करना, और महिला उद्यमियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है। इससे महिला उद्यमियों को बैंकों द्वारा कोलैटरल फ्री ऋण आसानी से मिल जाएगा। इस योजना से 27 लाख  महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को फ़ायदा पहुंचेगा।

बाज़ार समर्थन के लिए टीम (व्यापार सक्षमता और विपणन) योजना का शुभारंभ:

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा RAMP कार्यक्रम के तहत 27 जून 2024 को एक नई योजना TEAM का शुभारम्भ किया गया। इसका उद्देश्य एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स में सहभागिता को सुगम बनाना है। इस  पहल से, ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के जरिये  MSMEs को डिजिटल प्लेटफार्मों पर प्रवेश करने में मदद मिलती है। मंत्रालय द्वारा डिजिटल मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए 150 कार्यशालाओं की योजना बनाई गई है। अब तक पुणे और रांची में दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें प्रत्येक में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इससे 5 लाख एमएसएमई (MSME)  को डिजिटल सशक्तिकरण का लाभ मिलेगा जिनमें से 50% महिला संचालित उद्यम होंगे।

अपनी तरह के 14 नए प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना:

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय, 14 नए तकनीकी केंद्रों (TCs) की स्थापना की प्रक्रिया में है। ये केंद्र महाराष्ट्र में  सिंधुदुर्ग, नागपुर, पुणे, उत्तर प्रदेश में झांसी, हरियाणा में अंबाला, जम्मू और कश्मीर में सांबा, झारखंड में बोकारो, तमिलनाडु में कोयंबटूर, मध्य प्रदेश में  जबलपुर, छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, ओडिशा में राउरकेला, केरल में तिरुवनंतपुरम , गुजरात में राजकोट, आंध्र प्रदेश में कोप्पार्थी में स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों की स्थापना के लिए 2800 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। ये केंद्र पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में स्थापित किए जाएंगे और स्थानीय एमएसएमई (MSME) को उन्नत निर्माण तकनीकों, कौशल विकास, और व्यावसायिक सलाहकार सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेंगे। इस पहल से 1,00,000 एमएसएमई (MSME)  को प्रौद्योगिकी का लाभ और अगले 5 वर्षों में 3,00,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।

गुणवत्ता में सुधार के लिए जेडईडी 2.0 (ZED 2.0) प्रमाणन योजना

एमएसएमई मंत्रालय द्वारा 11 सितंबर 2024 को चलाई गई  जेडईडी 2.0 (ZED 2.0) योजना जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देती  है। इस योजना के तहत 5 लाख एमएसएमई (MSME) को समर्थन मिलेगा। जेडईडी प्रमाणन के उच्च स्तर पर न्यूनतम लागत के साथ पहुंचने के लिए ₹5000 करोड़ का बजट रखा गया है। उन्नत गुणवत्ता मानकों और सतत प्रयासों के साथ 5 लाख एमएसएमई (MSME) पंजीकृत किए जा चुके हैं।

नवाचार के लिए एमएसएमई (MSME)  हैकाथॉन 4.0

MSME Hackathon 4.0 को 11 सितंबर 2024 को शुरू किया गया था। यह विशेष रूप से 18 से 35 वर्ष के युवा उद्यमियों के लिए नवाचार और तकनीकी अपनाने को प्रोत्साहित करता है। यह योजना पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कवर किए गए पारंपरिक उद्योगों, ग्रीन एनर्जी, फ्रंटियर टेक्नोलॉजी और निर्यात वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रति विचार ₹15 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 500 नवाचारकों को इस योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे स्टार्टअप इन्क्यूबेशन और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

झारखंड में बोकारो में आधुनिक  प्रौद्योगिकी केंद्र के लिए नींव का पत्थर रखना

11 सितंबर 2024 को झारखण्ड में  बोकारो में एक प्रौद्योगिकी केंद्र की आधारशिला रखी गई, जिसमें 198 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। यह केंद्र बोकारो में और उसके आस पास के क्षेत्रों में 8,000 एमएसएमई (MSME) को तकनीकी सहायता, कौशल विकास और व्यावसायिक सलाहकार सेवाएं प्रदान करेगा। इस केंद्र में अगले 5 वर्षों में 22,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी।

लेह में ग्रामीण उद्यम त्वरण केंद्र (सीआरईएटीई/ CREATE) का उद्घाटन

14 सितंबर 2024 को लेह में सीआरईएटीई/ क्रिएट सेंटर का संचालन किया गया। यह केंद्र विशेष रूप से पश्मीना ऊन प्रसंस्करण क्षेत्र और स्थानीय उत्पादों से आवश्यक तेलों के निष्कर्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसमें  प्रशिक्षण और उत्पाद विकास की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इस केंद्र का उद्द्येश्य पर्यावरण अनुकूल और स्थाई तरीके से स्थानीय उत्पादकता को बढ़ाने और विशेष रूप से महिलाओं सहित कारीगरों को सशक्त बनाना है। इस केंद्र से स्थानीय कारीगरों, विशेष रूप से पश्मीना ऊन प्रसंस्करण और जैव प्रसंस्करण क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर और अधिक वेतन की संभावना है।

एमएसएमई (MSME) मंत्रालय और यूएस- स्मॉल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (US-SBA) के बीच समझौता ज्ञापन

भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और संयुक्त राज्य अमेरिका के स्मॉल बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (US-SBA) के बीच 13 अगस्त 2024 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के MSME को प्रोत्साहित करने के लिए आपसी सहयोग स्थापित करना है। इस समझौते में विशेष रूप से MSME को हरित प्रौद्योगिकी और महिला उद्यमियों की दिशा में स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, MSME के डिजिटलीकरण और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना भी इस एजेंडे का हिस्सा है। महिलाओं के लिए क्षमता निर्माण और मार्गदर्शन हेतु पहले वर्चुअल वेबिनार के आयोजन पर भी बातचीत जारी है। इससे  एमएसएमई (MSME)  पहलों पर द्विपक्षीय सहयोग, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना और महिला उद्यमियों की क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी ।

ये उपलब्धियां भारत सरकार की MSME क्षेत्र की सतत वृद्धि सुनिश्चित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

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एमजी/एके/एनकेएस


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