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आयुष के लिए राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) 2021-2022 बैच से प्रभावी होगा: केंद्रीय आयुष मंत्री श्री प्रतापराव जाधव
केंद्रीय मंत्री ने एक प्रमुख राष्ट्रव्यापी अभियान “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” की भी शुरुआत की
Posted On:
05 SEP 2024 7:43PM by PIB Delhi
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने आज घोषणा की कि आयुष के लिए राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) 2021-2022 बैच से प्रभावी होगा। श्री जाधव आज नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि यह निर्णय इस मामले में छात्रों की चिंताओं की समीक्षा करने के लिए गठित समिति की सिफारिश पर लिया गया है। समिति ने सिफारिश की है कि एनसीआईएसएम और एनसीएच अधिनियम, 2020 के तहत 2021-22 शैक्षणिक सत्र में नामांकित छात्रों पर राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी-नेक्स्ट) लागू किया जाएगा, ताकि इसके कार्यान्वयन में किसी भी तरह की अस्पष्टता को दूर किया जा सके।
इस समिति की अध्यक्षता राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के वाइस चांसलर प्रो. संजीव शर्मा ने की, जिन्हें छात्रों से प्राप्त सुझावों की समीक्षा करने और मंत्रालय को सिफारिशें प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी प्रदान की गई थे।
एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद लाइसेंस और राज्य या राष्ट्रीय रजिस्टर में नामांकन के लिए यह परीक्षा अनिवार्य है। यह समस्या-आधारित परीक्षा है जिसमें व्यावहारिक कौशल का मूल्यांकन करने के लिए नैदानिक मामले के परिदृश्य, चित्र और वीडियो शामिल हैं।
वे छात्रा जिन्होंने अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं की है, लेकिन राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) में उत्तीर्ण हैं, वे एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद ही राज्य या राष्ट्रीय पंजीकरण बोर्ड में पंजीकरण के लिए पात्र होंगे।
यह घोषणा आयुष पाठ्यक्रम के छात्रों की ओर से राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) के कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन आने के बाद की गई है। एनसीआईएसएम और एनसीएच की नेक्स्ट परीक्षा के मुद्दे पर चर्चा के संबंध में बीएएमएस/बीएचएमएस के छात्रों के कुछ प्रतिनिधियों की केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के साथ बातचीत भी हुई थी।
राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) अधिनियम 2020 और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) अधिनियम, 2020 क्रमशः 11 जून, 2021 और 5 जुलाई, 2021 से लागू हुए। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) अधिनियम 2020 और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) अधिनियम, 2020 के प्रावधानों के तहत दोनों आयोगों द्वारा इन अधिनियमों के लागू होने की तिथि से तीन वर्षों के भीतर राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) आयोजित किया जाना आवश्यक है।
केंद्रीय मंत्री श्री जाधव ने कहा कि हमारा उद्देश्य आयुष शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा मानकों की गुणवत्ता बनाए रखने के साथ-साथ निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।
नेक्स्ट, एनसीआईएसएम अधिनियम, 2020 के तहत राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) की शुरू की गई एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। इसे आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और सोवा-रिग्पा में स्नातकों के लिए नैदानिक योग्यता, चिकित्सा नैतिकता की समझ और चिकित्सा-कानूनी मामलों को संभालने की क्षमता का आकलन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
आज के संवाददाता सम्मेलन में आयुष मंत्री श्री जाधव ने ने सभी नागरिकों के स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती पर केंद्रित एक प्रमुख राष्ट्रव्यापी अभियान “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” भी शुरू किया। उन्होंने यह भी बताया कि अभियान का नेतृत्व आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) करेगा। इस पहल का उद्देश्य प्राकृतिक तरीकों के माध्यम से स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। इस अभियान में 4.5 लाख से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे, जिनमें 1,35,000 छात्र, 20,000 स्नातकोत्तर छात्र, 18,000 शिक्षक और 3 लाख चिकित्सक शामिल हैं। इसका लक्ष्य आयुर्वेद में लोगों की रुचि बढ़ाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
विश्व रिकॉर्ड बनाने की महत्वाकांक्षा: केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस अभियान का लक्ष्य पांच गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना है और यह प्रधानमंत्री के दैनिक जीवन में आयुर्वेद को शामिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो ‘जन-जन तक आयुर्वेद’ ‘हर-घर आयुर्वेद’ के मंत्र में समाहित है।
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