विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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नया उच्च-प्रदर्शन वाला गैस सेंसर निम्न स्तर के नाइट्रोजन आक्साइड प्रदूषण की निगरानी कर सकता है

Posted On: 03 SEP 2024 4:38PM by PIB Delhi

वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नई नैनो संरचना कमरे के तापमान में बहुत ही कम सान्द्रता में नाइट्रोजन के आक्साइड का पता लगा सकती है, जो कि शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में सटीक वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली की तात्कालिक आवश्यकता को पूरा कर सकती है।

आधुनिक प्रौद्योगिकी में गैस सेंसर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जहां ये पर्यावरण निगरानीे, औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा नैदानिक सुविधायें प्रदान करते हैं। सामग्रियों और प्रौद्योगिकी में नवाचार के माध्यम से गैस सेंसर का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, इसका उद्देश्य संवेदनशीलता, चयनात्मकता, प्रतिक्रिया और रिकवरी समय, स्थिरता और परिचालन तापमान जैसे महत्वपूर्ण पैरामीटर को बढ़ाना है। सेंसर तकनीक के क्षेत्र में वर्तमान में चल रही अनुसंधान और विकास गतिविधियों का प्राथमिक उद्देश्य इन सभी मानदंडों में उत्तम प्रदर्शन करने वाला सेंसिंग उपकरण हासिल करना है, हालांकि इसमें महत्वपूर्ण तकनीकी चुनौतियां बनी हुई हैं। गैस सेंसर के मामले में सामग्री का चुनाव महत्वपूर्ण है, इसका उनके परिचालन प्रदर्शन पर गहरा प्रभाव होता है।

पिछले कुछ दशकों में विभिन्न गैसों का पता लगाने के लिये विभिन्न प्रकार के द्विआधारी धातु आक्साइड अर्धचालकों का उपयोग करते हुये, रासायनिक गैस सेंसर का व्यापक तौर पर अध्ययन किया गया जिससे कि सामग्रियों में प्रतिरोध भिन्नता पर आधारित गैस अणुओं का पता चलता है। हालांकि, इनमें से अधिकांश सेंसर में सामान्य तौर पर विशिष्ट गैसों के मामले में चयनात्मकता की कमी होती है और फिर पीपीबी स्तर पर निम्न संवेदनशीलता और उच्च तापमान परिचालन की आवश्यकता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिससे कि इनका प्रायोगिक उपयोग सीमित हो जाता है।

मौजूदा सेंसिंग सामग्री की सीमाओं को ध्यान में रखते हुये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायतशासी संस्थान सेंटर फार नैनो एण्ड साफट मैटर साइंसिज (सीईएनएस) के शोधकर्ताओं ने मिश्रित स्पाइनल जिंक फेराइट  (ZnFe2O4)  नैनोस्ट्रक्चर आधारित गैस सेंसर विकसित किया है। यह सेंसर प्रति अरब हिस्से (पीपीबी) स्तर की बहुत निम्न सान्द्रता पर, यहां तक कि कमरे के तापमान पर भी नाइट्रोजन आक्साइड (एनओ एक्स) का पता लगा सकता है जो कि गैस सेंसिंग प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता है।

ए - एनओ2 की विभिन्न सान्द्रताओं में मिश्रित स्पाइनल  ZnFe2O4  सेंसर की गतिशील प्रतिक्रिया

बी - वाहन उत्सर्जन से एनओएक्स अणुओं की सान्द्रता का आकलन करने के लिये प्रायोगात्मक चरणों का योजनाबद्ध चित्रण।

 

श्री विष्णु जी नाथ और डा. एस. अंगप्पणे वैज्ञानिकों की एक टीम ने जानबूझकर मिश्रित स्पाइनेल  ZnFe2O4 संरचना को संशलेषित किया, जहां चतुष्फलकीय और अष्टफलकीय जाली साइट के भीतर जैडएन और एफई आयनों का कार्य आमतौर पर देखे जाने वाले सामान्य स्पाइनेल विन्यास से हट जाता है।

एक्स-रे डिफ्रेक्शन (एक्सआरडी), एक्स-रे फोटोइलेक्ट्रान स्पेक्ट्रोस्कोपी (एक्सपीएस) और फोरियर- ट्रांसफार्म इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी (एफटीआईआर) जैसी उन्नत तकनीकों से पता चलता है कि नैनोकण संश्लेषण के दौरान निस्तापन तापमान में बदलाव करके चतुष्फलकीय और अष्टफलकीय जालियों में धनायनों के वितरण को प्रभावी ढंग से समायोजित किया जा सकता है।

विस्तृत संवेदन अध्ययनों में परिवेशी परिस्थितियों में एनओ एक्स अणुओं का पता लगाने में मिश्रित स्पाइनेल ZnFe2O4 संरचना पर आधारित सेंसर के असाधारण प्रदर्शन को रेखांकित किया है। सेंसर ने उल्लेखनीय रूप से उच्च प्रतिक्रिया मूल्यों (30 पीपीबी तक का पता लगाना) का प्रदर्शन किया है, त्वरित प्रतिक्रिया और रिकवरी समय के साथ कमरे के तापमान पर परिचालन किया है, उच्च गुणवत्ता की चयनात्मकता का प्रदर्शन किया और उत्कृष्ट चक्रीय स्थिरता (लगभग 100 चक्र) और दीर्घकालिक स्थायित्व (तीन माह से अधिक) का बनाये रखा है।

एनओ2 के लिये पता लगाने की गणना सीमा (एलओडी) संयुक्त राज्य पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (यूएस ईपीए) द्वारा अनुशंसित सीमा (53 पीपीबी) के मुकाबले उल्लेखनीय रूप से कम (लगभग 9 पीपीबी) रही। इसके अलावा, अनुसंधान टीम ने वाहन निकास उत्सर्जन से एकत्रित गैस नमूनों का विश्लेषण करने के बाद विकसित सेंसर की व्यवहारिक उपयोगिता को विधिमान्य किया। उन्होंने निकले वायु नमूनों में एनओ-एक्स गैस सांद्रता ट्रेस स्तर का सफलतापूर्वक पता लगाया और ज्ञात एनओ एक्स सान्द्रता और संबंधित सेंसर प्रतिक्रियाओं से प्राप्त अंशाकन डेटा का उपयोग करके सान्द्रता का सही ढंग से निर्धारण किया। विकसित सेंसर के लिये कम उर्जा मांग उसकी परिचालन लागत में उल्लेखनीय रूप से कमी ला सकती है जिससे कि अधिक किफायती और आसानी से मिलने वाले पर्यावरण निगरानी समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा।

कर्नाटक स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के भौतिकी विभाग से डा. शुभास्मिता रे और डा. कार्तिक तरफदार के सहयोग से की गई कंप्यूटेशनल गणनायें प्रयोगात्मक खोज को मान्यता देती है। इन गणनाओं से यह पुष्टि हो जाती है कि मिश्रित स्पाइनल संरचना के निर्माण से सामान्य रूप से देखी जाने वाली सामान्य स्पाइनल  ZnFe2O4 संरचना के मुकाबले एनओ-एक्स अणुओं की  उच्च अवशोषण उर्जा प्राप्त होती है।

कैमिकल इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित इस शोध में न केवल मिश्रित स्पाइनेल  ZnFe2O4 आधारित सेंसर को भविष्य के उच्च प्रदर्शन वाले गैस सेंसर के संभावित प्रतिस्पर्धी के तौर पर रेखांकित किया गया है बल्कि इसमें धनायन वितरण संशोधनों के माध्यम से स्पाइनल फेराइट्स के गुणों का लाभ उठाने के लिये एक प्रभावी रणनीति पर भी प्रकाश डाला गया है। इस क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ते रहने से एक व्यापक वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली तैयार हो सकती है, जो कि प्रदूषण कम करने और जन स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये महत्वपूर्ण है।

प्रकाशन लिंक:  https://doi.org/10.1016/j.cej.2024.151873

अधिक जानकारी के लिये, डा. अंगप्पणे से संपर्क करें (ईमेल: angappane[at]cens[dot]res[dot]in )

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एम जी/ए आर/एम एस / डीए



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