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पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने अहमदाबाद में 'आदर्श एवं महान डाक टिकट' चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया


चित्रकारी केवल कला नहीं, समाज का प्रतिबिम्ब भी है - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

चित्रकारी का मतलब केवल रंग भरना नहीं है, इसमें सामाजिक सरोकारों को भी प्रतिबिंबित होना चाहिए - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक टिकट सभ्यता, संस्कृति और विरासत के वाहक हैं - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

Posted On: 21 AUG 2024 7:29PM by PIB Delhi

'आदर्श एवं महान डाक टिकट' चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन 21 अगस्त को अहमदाबाद के उत्तर गुजरात क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने किया। अहमदाबाद के एलिसब्रिज स्थित रविशंकर रावल कला भवन में आयोजित तीन दिवसीय प्रदर्शनी में महात्मा बुद्ध और डाक टिकट की थीम पर आधारित कलाकार श्री बिपिनचंद्र नाथूराम धमेल की पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं। गुजरात राज्य ललित कला अकादमी द्वारा प्रायोजित यह प्रदर्शनी 23 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और फिर विभिन्न कलाकृतियों का अवलोकन किया। त्रिरत्न बौद्ध महासंघ के श्री धम्मचारी आनंद शाक्य, शेठ सीएन कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के प्रख्यात कलाकार एवं सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष श्री जयेंद्र पंचोली, जल रंग कलाकार श्री भरत भट्ट भी सम्मानित अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे।

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि यह चित्रकला प्रदर्शनी अनूठी है, जिसमें साहित्य, कला, संस्कृति शिक्षा, आध्यात्म और वास्तुकला के साथ महात्मा बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं को संजोया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चित्रकला केवल एक कला नहीं है, बल्कि हमारे समाज का प्रतिबिंब भी है। ये कलाकृतियाँ समाज की अनूठी झलक दिखाती हैं। चित्रकला का मतलब केवल रेखाएँ खींचना और उनमें रंग भरना नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक सरोकार भी होने चाहिए।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने महात्मा बुद्ध और विभिन्न विभूतियों एवं विषयों को डाक टिकटों के माध्यम से अपने चित्रों में दर्शाने के लिए कलाकार श्री बिपिनचंद्र के प्रयासों की सराहना की। श्री यादव ने आगे कहा कि डाक टिकट वास्तव में छोटे राजदूत हैं जो विभिन्न देशों में जाकर हमारी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से परिचित कराते हैं। प्रत्येक डाक टिकट के पीछे एक कहानी होती है और आज की युवा पीढ़ी को इस कहानी से जुड़ने की जरूरत है। गुजरात की धरती पर जन्मे 'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी ने अपने विचारों और कार्यों से दुनिया भर में पहचान बनाई, इसलिए महात्मा गांधी पर दुनिया में सबसे ज्यादा टिकट जारी किए गए। कला प्रदर्शनी की सराहना करते हुए पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए ताकि लोगों को कुछ नया देखने को मिले। उन्होंने कहा कि श्री बिपिनचंद्र की कलाकृतियाँ "अप्प दीपो भव" (स्वयं प्रकाश बनो) की संस्कृति को प्रोत्साहन देती हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग फिलैटली यानी डाक टिकटों के संग्रह और अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल कर रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता विकसित करने के साथ ही उन्हें डाक टिकटों के माध्यम से समसामयिक मुद्दों, घटनाओं, विभूतियों, जैव विविधता आदि से अवगत कराना है। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में भी फिलैटली की महत्वपूर्ण भूमिका है। डाक टिकटों को घर बैठे प्राप्त करने के लिए मात्र 200 रुपए की शुरुआती राशि से डाकघरों में फिलैटलिक डिपॉज़िट खाता खोला जा सकता है। इस पहल से न केवल युवाओं और बच्चों को ज्ञान मिलेगा बल्कि उन्हें कोई अच्छा शौक अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी।

कलाकार श्री बिपिन चंद्रा ने कहा कि ‘वन मैन एग्जीबिशन ऑफ पेंटिंग्स’ के तहत आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्देश्य महात्मा बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं, उल्लेखनीय व्यक्तित्वों, सांस्कृतिक चिंताओं और अन्य समकालीन विषयों को डाक टिकटों के माध्यम से दर्शाए गए चित्रों के द्वारा जागरूकता फैलाना है। उन्होंने यह भी बताया कि इन चित्रों की प्रदर्शनी अगली बार 19 से 21 अक्टूबर तक गोवा में उज्ज्वल आर्ट गैलरी में आयोजित की जाएगी।

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एमजी/एआर/पीएस



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