खान मंत्रालय
राष्ट्रपति कल राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2023 प्रदान करेंगी
Posted On:
19 AUG 2024 5:05PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु कल (20 अगस्त, 2024) नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2023 प्रदान करेंगी। इस अवसर पर केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी व कोयला और खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे की भी गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए), भूविज्ञान के क्षेत्र में सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है। इसे साल 1966 में भारत सरकार के खान मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया था। साल 2009 से पहले इन पुरस्कारों को राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार कहा जाता था। इन पुरस्कारों का उद्देश्य भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित करना है। इन क्षेत्रों में खनिज खोज और अन्वेषण, खनन प्रौद्योगिकी और खनिज लाभकारीकरण, बुनियादी/अनुप्रयुक्त भूविज्ञान शामिल हैं। भूविज्ञान के किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कोई भी भारतीय नागरिक इस पुरस्कार के लिए पात्र है।
खान मंत्रालय हर साल तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान करता है:
- आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
- राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
- राष्ट्रीय युवा भू-वैज्ञानिक पुरस्कार
एनजीए- 2023 के लिए विभिन्न पुरस्कार श्रेणियों के तहत 240 नामांकन प्राप्त हुए और तीन-चरणीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से उनकी जांच की गई। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद खान मंत्रालय ने आखिर में 12 पुरस्कारों का चयन किया है, जिनमें 9 व्यक्तिगत पुरस्कार और 3 टीम पुरस्कार शामिल हैं। इन 9 व्यक्तिगत पुरस्कारों में 1 राष्ट्रीय भूविज्ञान आजीवन उपलब्धि पुरस्कार और 1 राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार भी शामिल हैं। ये 12 राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार भारत की राष्ट्रपति की ओर से प्रतिष्ठित भूवैज्ञानिकों, विद्वानों, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में 21 भूवैज्ञानिकों को प्रदान किए जाएंगे।
आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार आईएनएसए के सेवामुक्त (एमेरिटस) वैज्ञानिक प्रोफेसर धीरज मोहन बनर्जी को प्रदान किया जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के सहायक प्रोफेसर डॉ. आशुतोष पाण्डेय को प्रदान किया जाएगा। भारत की माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाने वाले राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2023 के लिए पुरस्कार विजेताओं की अंतिम सूची निम्नलिखित है:
आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2023
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प्रोफेसर धीरज मोहन बनर्जी,
सेवामुक्त वैज्ञानिक, आईएएनएस
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राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2023
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खंड- I – खनिज खोज और अन्वेषण
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क्षेत्र (i)- आर्थिक और/या सामरिक महत्व के खनिज खोज और अन्वेषण (जीवाश्म ईंधनों को छोड़कर)। इस क्षेत्र में दो पुरस्कारों में से कम से कम एक पुरस्कार महत्वपूर्ण खनिजों के लिए दिया जाएगा।
1. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम, जिसमें शामिल हैं
i. श्री अभिषेक कुमार शुक्ला, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक
ii. श्रीमती दानिरा स्टीफन डिसिल्वा, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक
iii. श्री परशुराम बेहरा, निदेशक
iv. डॉ. एम.एन. प्रवीण, उप महानिदेशक
2. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम, जिसमें शामिल हैं
i. श्री संजय सिंह, निदेशक
ii. श्री शैलेन्द्र कुमार प्रजापति, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक
iii. श्री शशांक शेखर सिंह, भू-वैज्ञानिक
iv. श्री केविनगुजो चासी, भू-वैज्ञानिक
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टीम पुरस्कार
टीम पुरस्कार
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क्षेत्र (ii)- आर्थिक और/या सामरिक महत्व के कोयला, लिग्नाइट व कोल बेड मीथेन की खोज और अन्वेषण व अभिनव तकनीकों का अनुप्रयोग और तेल, प्राकृतिक गैस, शेल गैस और गैस हाइड्रेट्स की खोज व अन्वेषण (संसाधनों के दोहन और जलाशय प्रबंधन के लिए परियोजना विकास और योजना सहित)
डॉ. पवन देवांगन,
वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक
सीएसआईआर- राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा
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व्यक्तिगत पुरस्कार
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खंड- II - खनन, खनिज लाभकारीकरण और टिकाऊ खनिज विकास
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क्षेत्र- (iii) खनन प्रौद्योगिकी, जिसमें नई विधियों और प्रौद्योगिकियों का विकास व अनुप्रयोग, अनुसंधान और विकास शामिल है। खनिज संसाधनों का संरक्षण, व्यवस्थित खान नियोजन, खान सुरक्षा, खान में आग, खान संबंधी खतरे, खान सुधार और पुनर्वास।
डॉ. हर्ष कुमार वर्मा,
वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक,
सीएसआईआर- केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान, बिलासपुर
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व्यक्तिगत पुरस्कार
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क्षेत्र (iv): खनिज लाभकारीकरण (जिसमें खनिज प्रसंस्करण, निम्न-श्रेणी के अयस्कों के उपयोग के लिए परियोजना विकास व मूल्य-वर्धित खनिज उत्पादों का उत्पादन और खनिज अर्थशास्त्र शामिल हैं) व टिकाऊ खनिज विकास (जिसमें खदान बंद करना, परियोजना विकास, संस्थागत विकास और क्षमता निर्माण शामिल हैं)
प्रोफेसर नरसिम्हा मंगदोड्डी,
रसायन इंजीनियरिंग विभाग,
आईआईटी- हैदराबाद
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व्यक्तिगत पुरस्कार
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खंड- III – बुनियादी भूविज्ञान
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क्षेत्र (v): बुनियादी भूविज्ञान, जिसमें स्ट्रेटीग्राफी, संरचनात्मक भूविज्ञान, जीवाश्म विज्ञान, भूगतिकी, भू-रसायन विज्ञान, भू-कालक्रम व समस्थानिक भूविज्ञान, महासागर विकास (समुद्र विज्ञान और समुद्री भूविज्ञान), ग्लेशियोलॉजी और आर्कटिक व अंटार्कटिक अनुसंधान, जिसमें भू-वैज्ञानिक अभियान शामिल हैं और विज्ञान सर्वेक्षण/बेसलाइन भूविज्ञान डेटा संग्रहण, जिसमें भूवैज्ञानिक और भू-रासायनिक मानचित्रण व सर्वेक्षण और व्यवस्थित विषयगत मानचित्रण शामिल हैं।
1. डॉ. राहुल मोहन, वैज्ञानिक एफ, राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर), गोवा
2. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम, जिसमें शामिल हैं
i. श्री कृष्ण कुमार, निदेशक
ii. डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय, भू-वैज्ञानिक
iii. श्रीमती त्रिपर्णा घोष, भू-वैज्ञानिक
iv. श्री देबाशीष भट्टाचार्य, उप महानिदेशक
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व्यक्तिगत पुरस्कार
टीम पुरस्कार
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खंड- IV – अनुप्रयुक्त भूविज्ञान
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क्षेत्र (vi): अनुप्रयुक्त भूविज्ञान: इंजीनियरिंग भूविज्ञान, भूतापीय ऊर्जा, भूकंप विवर्तनिकी (सिस्मोटेक्टोनिक्स), भू-सांख्यिकी, सुदूर संवेदन व भू-सूचना प्रणाली (स्थानिक डेटा प्रबंधन अनुप्रयोगों और डेटा एकीकरण सहित), भूजल अन्वेषण (परियोजना विकास, जल विज्ञान अध्ययन और भूजल संसाधनों के प्रबंधन सहित, खनन, शहरी, औद्योगिक, तटीय व रेगिस्तान प्रबंधन, पुराजलवायु, पुरापर्यावरण, चिकित्सा भूविज्ञान, जलवायु परिवर्तन और इकोसिस्टम पर उनके प्रभाव से संबंधित अध्ययन संबंधी भू-पर्यावरण अध्ययन।
प्रोफेसर विक्रम विशाल,
पृथ्वी विज्ञान विभाग
आईआईटी- बॉम्बे
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व्यक्तिगत पुरस्कार
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क्षेत्र- (vii): भूभौतिकी / अनुप्रयुक्त भूभौतिकी: भूभौतिकीय अन्वेषण में नई प्रौद्योगिकियां, भूभौतिकीय विधियों का अनुप्रयोग, भू-चुंबकत्व, भूभौतिकीय सर्वेक्षण तकनीक और उपकरण।
डॉ. बंटू प्रशांत कुमार पात्रो,
मुख्य वैज्ञानिक,
सीएसआईआर, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद
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व्यक्तिगत पुरस्कार
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क्षेत्र (viii) प्राकृतिक आपदा जांच, जिसमें भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित वैज्ञानिक अध्ययन शामिल हैं।
प्रोफेसर श्रीमथ तिरुमाला गुडेमेला रघुकांत, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी- मद्रास, चेन्नई
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व्यक्तिगत पुरस्कार
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राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार- 2023
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डॉ. आशुतोष पाण्डेय,
सहायक प्रोफेसर
पृथ्वी, पर्यावरण और सततता विज्ञान स्कूल,
भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), तिरुवनंतपुरम
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एमजी/एआर/एचकेपी/डीवी
(Release ID: 2046755)
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