इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसंधान और विकास संस्थान ‘समीर’ ने दो निजी संस्थाओं को शर्करा अवयव मापन की तकनीक हस्तांतरित की
माइक्रोवेव आधारित ब्रिक्स मापन प्रौद्योगिकी से गन्ना किसानों को अधिक सटीक और कुशलतापूर्वक गन्ना शीरा का उत्पादन करने में मदद मिलेगी: सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
Posted On:
10 AUG 2024 5:48PM by PIB Delhi
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत अनुसंधान एवं विकास संस्थान सोसायटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) ने तोशनीवाल हाइवैक प्राइवेट लिमिटेड और सर ऑटोमेशन इंडस्ट्रीज के साथ माइक्रोवेव आधारित इनसिटू ब्रिक्स मापन प्रणाली के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते पर हस्ताक्षर किए, ताकि बड़ी संख्या में इस प्रणाली का विनिर्माण किया जा सके। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आज मुम्बई में इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
शर्करा अवयव मापन (एससीओआरई) प्रणाली की इस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को दो निजी उद्योग भागीदारों को इसलिये हस्तांतरित किया गया है, ताकि इस प्रणाली का बड़े पैमाने पर विनिर्माण किया जा सके। ‘समीर’ द्वारा डिजाइन और विकसित की गई नवोन्मेषी माइक्रोवेव-आधारित ब्रिक्स मापन प्रणाली, चीनी उत्पादन के दौरान चीनी मिलों में इनसिटू चीनी सांद्रता (ब्रिक्स) को मापने के उद्देश्य से एक तीव्र, गैर-हानिकारक व सटीक विधि प्रदान करती है। यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी हाथों से नमूने एकत्र की आवश्यकता को समाप्त कर देती है और उत्पादन समय में कमी लाने को सक्षम बनाती है।
यह पहल प्रधानमंत्री के जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान के विजन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत में गन्ना किसानों और संबंधित चीनी उत्पादन उद्योग को समर्थन देने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों विकसित करना है।
इस अवसर पर बोलते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने कहा कि द सोसायटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च द्वारा निर्मित माइक्रोवेव आधारित ब्रिक्स माप प्रौद्योगिकी गन्ना किसानों को अधिक सटीक और कुशलता से गन्ना शीरा का उत्पादन करने में मदद करती है। उन्होंने आगे बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की प्राथमिकता अपने स्वयं के आईपी के साथ और कृषि सहित आईसीटी के सभी क्षेत्रों में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को विकसित करना है। मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास पहलों के माध्यम से ‘समीर’ द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियां/उत्पाद जीवन को आसान बनाएंगे, सुरक्षा प्रदान करेंगे, ऊर्जा की बचत करेंगे, कार्बन फुटप्रिंट को कम करेंगे आदि। उन्होंने चीनी उद्योग के लिए माइक्रोवेव आधारित कॉम्पैक्ट लागत प्रभावी ब्रिक्स मीटर बनाने के उनके प्रयासों के लिए ‘समीर’ के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इन समाधानों को भारतीय विशिष्ट परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन और विकसित किया गया है। सचिव ने आग्रह किया कि ‘समीर’ जैसे अनुसंधान एवं विकास संस्थान पारंपरिक उद्योगों में रेट्रोफिटिंग तकनीक के उपयोग का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
द सोसायटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च के महानिदेशक डॉ. पी. हनुमंत राव ने कहा कि भारत के कृषि और औद्योगिक खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में माइक्रोवेव के अनुप्रयोग में ‘समीर’ के प्रयासों की यात्रा में यह एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि ‘समीर’ भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित उन्नत रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) और माइक्रोवेव अनुसंधान कार्यक्रमों में अनुसंधान एवं विकास कर रहा है। "मेक इन इंडिया" पहल के तहत विकसित तकनीक गन्ना किसानों को ब्रिक्स पर बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता और उच्च सटीकता के साथ मदद करेगी। "माइक्रोवेव आधारित ब्रिक्स माप प्रणाली" का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, परियोजना की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह आयोजन ‘समीर’ अनुसंधान टीम से उद्योग भागीदारों और हितधारकों को अभिनव अनुप्रयोगों और प्रभाव के लिए अत्याधुनिक तकनीक के सफल हस्तांतरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक में चीनी उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता है।
ब्रिक्स प्रौद्योगिकी का परीक्षण पुणे स्थित श्री संत तुकाराम चीनी मिल में किया गया और इसे पुणे स्थित वसंत दादा चीनी संस्थान ने भी प्रमाणित किया।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. प्रकाश शामिल थे, जिन्होंने इस तकनीक के लिए परियोजना समीक्षा और संचालन समूह का नेतृत्व किया। इनके अलावा वीएसआई के चीनी प्रौद्योगिकी विभाग के तकनीकी सलाहकार व प्रमुख डॉ. आर. वी. दानी, श्रीमती सुनीता वर्मा, समूह समन्वयक, अनुसंधान एवं विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अनुसंधान व विकास की समूह समन्वयक श्रीमती सुनीता वर्मा, दो निजी विनिर्माण कंपनियों के प्रतिनिधियों और समीर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।
माइक्रोवेव आधारित ब्रिक्स मापन प्रणाली के बारे में:
कतारबद्ध (इनलाइन) चीनी सांद्रता माप प्रौद्योगिकी की अन्य खाद्य और पेय उद्योगों में भी बड़ी संभावना है। इन उद्योगों में डेयरी, शराब की भट्टी, फलों के रस, मिष्ठान्न शामिल हैं। स्वास्थ्य को लेकर जागरूक समाज के युग में विश्वसनीय शर्करा अवयव मापन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि, उपभोक्ता के लिए यह जानकारी पैकेज पर अनिवार्य रूप से उल्लिखित की जानी चाहिए। विकसित प्रौद्योगिकी इस आवश्यकता के लिए आदर्श समाधान प्रदान करती है।
समीर के बारे में:
सोसाइटी फोर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक प्रमुख अनुसंधान और विकास संस्थान है। समीर को माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स, विद्युत चुंबकीय प्रौद्योगिकी और अन्य संबंधित क्षेत्रों के अनुसंधान, विकास व व्यावसायीकरण में विशेषज्ञता प्राप्त है।
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