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सरकारी ई-मार्केटप्लेस जीईएम ने अपना 8वां स्थापना दिवस मनाया


जीईएम प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं और खरीदारों की मदद कर रहा है सहायक कार्यक्रम: पी के सिंह, सीईओ जीईएम

जीईएम उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए जेनरेटिव एआई आधारित चैट बॉक्स का उपयोग करने वाली पहली सार्वजनिक खरीद एजेंसी है

Posted On: 09 AUG 2024 8:18PM by PIB Delhi

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने आज अपना 8वां स्थापना दिवस मनाया।

वित्त वर्ष 2024-25 में 8 अगस्त 2024 तक खरीद ₹1,92,433 करोड़ के स्तर तक पहुंच चुकी है, जो पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि की तुलना में लगभग 136 प्रतिशत (%) वृद्धि है और वित्त वर्ष 2024-25 में यह नए रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए तैयार है।

जीईएम पर सेवाओं की खरीद में तेजी आई है और इसकी शुरुआत से लेकर अब तक सेवाओं की ग्रॉस वैल्यू मर्चेंडाइज/ सकल वाणिज्यिक मूल्य (जीएमवी) 3.91 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में, जीईएम पर सेवा खरीद पहले ही 80,493 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। इस प्लेटफॉर्म ने पिछले 3 वित्त वर्षों में साल दर साल 100% वृद्धि दर्ज की है, जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जीईएम के जीएमवी में लगभग 4.03 लाख करोड़ रुपये के 62.86 लाख ऑर्डर पूरे किए गए हैं। आज, 1.5 लाख से ज़्यादा सरकारी खरीदार पूरे भारत में लगभग 23 लाख विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से 11,523 उत्पाद और 327 सेवा श्रेणियों में बिना किसी बिचौलिए के बातचीत कर रहे हैं और सामान एवं सेवाएं खरीद रहे हैं।

समारोह की अध्यक्षता जीईएम के सीईओ श्री पी. के. सिंह ने की और उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी और स्टाफ भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री पी. के. सिंह ने जीईएम सहायक कार्यक्रम की शुरुआत का उल्लेख किया, जो जीईएम प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं और खरीदारों को सहायता प्रदान करने के लिए 6-7 हजार प्रशिक्षित, प्रमाणित/ मान्यता प्राप्त प्रशिक्षकों का अखिल भारतीय समूह बनाने की पहल है।

पोर्टल ने अपने #vocalforlocal जीईएम आउटलेट स्टोर्स और बाजार हस्तक्षेपों, अर्थात् - "बाजारों तक पहुंच", "वित्त तक पहुंच" और "मूल्य-संवर्धन तक पहुंच" के माध्यम से महिलाओं, आदिवासी और एससी/ एसटी एमएसएमई, स्टार्टअप्स, कारीगरों और बुनकरों, ओडीओपी/ जीआई शिल्पकारों, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और सहकारी समितियों के सामाजिक समावेशन को बढ़ावा दिया है।

वर्तमान में, 9,56,465 उद्यम-सत्यापित एमएसई पोर्टल पर पंजीकृत हैं जिन्होंने ₹3,87,407 करोड़ के ऑर्डर पूरे किए हैं जो संचयी जीएमवी का लगभग 39.24 प्रतिशत (%) है। इसके अलावा, 1,63,996 महिला एमएसई ने ₹37,430 करोड़ के ऑर्डर पूरे किए हैं और लगभग 50,000 एससी/ एसटी एमएसई ने ₹7,828 करोड़ के ऑर्डर पूरे किए हैं। 25,816 से अधिक स्टार्टअप्स ने जीईएम के माध्यम से ₹27,598 करोड़ से अधिक के ऑर्डर प्राप्त किए हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सरकारी खरीदारों के लिए बेहतर उत्पाद तुलना और मूल्य खोज सुनिश्चित कर रहा है। सरकारी खरीदार किसी भी असामान्य गतिविधि की वास्तविक समय की पहचान और खरीदारों एवं विक्रेताओं के बीच संभावित मिलीभगत को रोकने के उद्देश्य से बेहतर दृश्यता के लिए बाजार की जानकारी, उत्पाद समानता, मूल्य अंतर विश्लेषण, विसंगति का पता लगाने, अन्य सुविधाओं का लाभ उठाने में सक्षम हैं। जीईएम उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बढ़ाने के लिए एक जनरेटिव एआई आधारित चैट बॉक्स का उपयोग करने वाली पहली सार्वजनिक खरीद एजेंसी है।

9 अगस्त 2016 को लॉन्च होने के बाद से, जीईएम ने विभिन्न केंद्रीय/ राज्य, मंत्रालयों/ विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू), स्वायत्त निकायों, पंचायतों और सहकारी समितियों द्वारा आम उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान की है। जीईएम की स्थापना श्री प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण से हुई है, जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का लाभ उठाकर एक नकदी रहित, संपर्क रहित और कागज रहित एकीकृत राष्ट्रीय खरीद पोर्टल की शुरुआत की गई।

जीईएम के बारे में

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) - जीईएम एक धारा 8 की कंपनी है जो केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और स्वायत्त निकायों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत स्थापित की गई है।

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