भारी उद्योग मंत्रालय

ई-बसों का उत्पादन

Posted On: 09 AUG 2024 3:47PM by PIB Delhi

सरकार को सार्वजनिक परिवहन उपयोगिता के लिए राज्य सरकारों से ई-बसों के उत्पादन के लिए कोई ऑर्डर नहीं मिला है। भारी उद्योग मंत्रालय ई-बसों के उत्पादन या विनिर्माण के किसी भी व्यवसाय से जुड़ा हुआ नहीं है।

य़द्यपि, भारी उद्योग मंत्रालय ने भारत में इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड वाहनों (एक्सईवी) को अपनाने की दिशा में प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2015 में भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण (एफएएमई-फेम इंडिया) के लिए इस योजना का खाका तैयार किया। इस योजना का प्रथम चरण 895 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 31 मार्च, 2019 तक उपलब्ध था। इसके अलावा, फेम (एफएएमई) इंडिया योजना के दूसरे चरण को 1 अप्रैल, 2019 से कुल 11,500 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन के साथ 5 साल की अवधि के लिए लागू किया गया था।

फेम इंडिया योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत देश के विभिन्न शहरों में 425 इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड बसों की तैनाती के लिए प्रोत्साहन स्वीकृत किया गया। विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है

फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के अंतर्गत, विभिन्न शहरों/एसटीयू/सीटीयू/राज्य सरकार की संस्थाओं को इंट्रा-सिटी और इंटरसिटी संचालन के लिए 6862 इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए प्रोत्साहन स्वीकृत किया गया। 06.08.2024 तक 6,862 ई-बसों में से, 4,901 ई-बसें तैनात की जा चुकी हैं। विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है

यह जानकारी भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

अनुलग्नक I के लिए यहां क्लिक करें।

अनुलग्नक II के लिए यहां क्लिक करें।

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