कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए योजनाबद्ध कार्यक्रम

Posted On: 09 AUG 2024 5:59PM by PIB Delhi

सरकार द्वारा वर्ष 2015 से ही मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसके तहत फसल उगाने वाली मिट्टी की क्षमता में सुधार लाने और इसके फलस्वरूप उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) जारी किए जाते हैं। इस तरह के कार्ड किसानों को जैविक खादों व जैव-उर्वरकों के साथ-साथ द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित उर्वरक के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु प्रोत्साहित करते हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिट्टी की पोषकता स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और वे मिट्टी के स्वास्थ्य तथा उर्वरता में सुधार लाने के लिए पोषक तत्वों की उचित मात्रा के बारे में अनुशंसा करते हैं।

देश भर में किसानों को अब तक 24.17 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जो फसल उत्पादकों को भूमि की मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। एक बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार हो जाने के बाद कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए), कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), कृषि सखी आदि के माध्यम से किसानों को सलाह एवं दिशानिर्देश दिए जाते हैं।

मृदा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार उर्वरकों के उचित उपयोग के बारे में किसानों को शिक्षित करने के उद्देश्य से आज तक देश भर में 6.8 लाख किसान प्रदर्शनी, 93781 किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम और 7425 किसान मेले आयोजित किए जा चुके हैं।

यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।

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एमजी/एआर/एनके/एसके


(Release ID: 2043838)
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