सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
लघु और मध्यम उद्यम को सहायता
Posted On:
08 AUG 2024 5:05PM by PIB Bhopal
भारत सरकार ने लघु और मध्यम उद्यमों सहित भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रोत्साहन देने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए, मेक इन इंडिया कार्यक्रम, व्यापार करने में सुगमता को बढ़ावा देना, ऋण की उपलब्धता में सुधार करना, मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया आदि जैसी विभिन्न पहल की हैं। इसके अलावा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) को अपेक्षित परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए देश भर में विशेष रूप से 60 निर्यात सुविधा केंद्र (ईएफसी) स्थापित किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना के अंतर्गत, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को विदेशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/मेलों में उनकी भागीदारी की सुविधा प्रदान करके निर्यात बाजार में प्रवेश करने और वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में शामिल विभिन्न लागतों की प्रतिपूर्ति के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय विभिन्न योजनाओं जैसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) चैंपियंस योजना, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) प्रदर्शन को प्रोत्साहन (आरएएमपी) योजना, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना (सीएलसीएस-टीयूएस), सूक्ष्म और लघु उद्यम-क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी), प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम (टीसीएसपी), खरीद और विपणन योजनाएँ (पीएमएस) आदि के माध्यम से भी सहायता प्रदान कर रहा है।
सरकार ने अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए, एक निवेशक अनुकूल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति लागू की है, जिसमें कुछ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए खुले हैं। सरकार ने रक्षा, पेंशन, अन्य वित्तीय सेवाओं, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों, प्रसारण, औषधि, एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, निर्माण और विकास, नागरिक उड्डयन, पावर एक्सचेंज, ई-कॉमर्स गतिविधियों, कोयला खनन, अनुबंध विनिर्माण, डिजिटल मीडिया, बीमा मध्यस्थ, बीमा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और दूरसंचार, आदि जैसे क्षेत्रों में कई क्रांतिकारी और परिवर्तनकारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार लागू किए हैं। इसके अलावा, सरकार निरंतर आधार पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की समीक्षा करती है और समय-समय पर महत्वपूर्ण बदलाव करती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत आकर्षक एवं निवेशक अनुकूल गंतव्य बना रहे।
सरकार ने लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए, 13 अक्टूबर, 2021 को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) पहल शुरू की है और इसके पूरक में, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) को सितंबर, 2022 में अधिसूचित किया गया था। जबकि एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के माध्यम से विकास को संबोधित किया जाता है; सेवाओं (जैसे प्रक्रियाओं, डिजिटल सिस्टम और नियामक ढांचे) और मानव संसाधनों में दक्षता को राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) द्वारा अपने व्यापक लॉजिस्टिक्स एक्शन प्लान (सीएलएपी) के माध्यम से संबोधित किया जाता है। ये पहलें मिलकर देश में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक कुशल लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के लिए डेटा-संचालित निर्णय समर्थन व्यवस्था बनाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती हैं।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) व्यापार में सुगमता (ईओडीबी) के अंतर्गत पहल के समन्वय के लिए नोडल विभाग है, जिसका उद्देश्य भारत में एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाना है। इन प्रयासों का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों/उद्योगों को शामिल करना है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी), बी-रेडी मूल्यांकन जन विश्वास और व्यवसायों और नागरिकों पर अनुपालन बोझ को कम करने सहित कई प्रमुख पहलों के लिए नोडल विभाग है। इन पहलों को भारत के व्यापार इकोसिस्टम में सुधार करने, निवेश आकर्षित करने और नौकरशाही बाधाओं को कम करके और नियामक वातावरण को अधिक अनुकूल बनाकर आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसके अलावा, भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए व्यापार करने में सुगमता की सुविधा के लिए, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के पंजीकरण के लिए उद्यम पंजीकरण पोर्टल और उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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