सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
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पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी

Posted On: 08 AUG 2024 12:08PM by PIB Delhi

सड़क निर्माण के लिए पर्यावरण अनुकूल, हरित एवं टिकाऊ सामग्री तथा अत्याधुनिक निर्माण पद्धतियों एवं प्रौद्योगिकी का अंगीकरण एक सतत प्रक्रिया है। अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम पद्धतियों और स्वदेशी अनुसंधान के परिणामों के आधार पर भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) द्वारा नए मानक/दिशानिर्देश तैयार किए जाते हैं और ऐसी सामग्रियों और प्रौद्योगिकी के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए आईआरसी के विद्यमान मानकों/दिशानिर्देशों में समय-समय पर संशोधन किया जाता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय/राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भी ऐसी पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों/प्रक्रियाओं के उपयोग के संबंध में नीतिगत दिशानिर्देश जारी किए हैं। परीक्षण खंडों में उपयोग के लिए नई/नवोन्‍मेषी सामग्रियों/प्रक्रियाओं को आईआरसी द्वारा मान्यता भी दी जाती है। आईआरसी मानकों/दिशानिर्देशों, अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ स्टेट हाईवे एंड ट्रांसपोर्टेशन ऑफिशियल्स (एएएसएचटीओ), अमेरिकन सोसाइटी फॉर टेस्टिंग ऑफ मैटेरियल्स (एएसटीएम), यूरो कोड्स, ब्रिटिश कोड्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ-साथ आईआरसी द्वारा मान्यता प्राप्त सभी सामग्रियों और प्रक्रियाओं को राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में अनुमति दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं सामान्यतः ईपीसी/एचएएम/बीओटी मोड पर क्रियान्वित की जाती हैं, जहां ठेकेदार/रियायतग्राही लागू मैनुअल, मानकों/दिशानिर्देशों/कोडों आदि के अनुसार अपना स्वयं का डिजाइन तैयार करते हैं और फिर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में इसके वास्तविक उपयोग से पहले एई/आईई द्वारा इसकी समीक्षा/अनुमोदन किया जाता है।

बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का कार्यान्वयन मंत्रालय की कार्यान्वयन एजेंसियों जैसे एनएचएआई, राज्य आरसीडी के साथ-साथ मंत्रालय की अपनी पीआईयू द्वारा किया जाता है और वे सुनिश्चित करते हैं कि मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए।

विभिन्न प्रकार की पर्यावरण अनुकूल हरित एवं टिकाऊ सामग्री जैसे फ्लाई ऐश, स्लैग, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट, अपशिष्ट प्लास्टिक, क्रम्ब रबर संशोधित बिटुमेन, जूट एवं कॉयर सहित जियोसिंथेटिक्स, ग्राउंड ग्रेनुलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग आदि का उपयोग विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में उपलब्धता एवं उपयोग की व्यवहार्यता के आधार पर किया जाता है।

यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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