सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

यातायात मानचित्रण

Posted On: 07 AUG 2024 1:06PM by PIB Delhi

शहरी नियोजन एक राज्य का विषय है। इसके अनुसार, बड़े शहरों में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए यातायात मानचित्रण और प्रारूपण मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी)/शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा किया जाता है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने यातायात की भीड़ को कम करने की दिशा में यातायात मानचित्रण सहित विभिन्न परिवहन संबंधित विषयों से निपटने हेतु स्थायी उपाय अपनाने के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जैसे राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति, 2006, मैट्रो नीति, 2017 और पारगमन उन्मुख विकास नीति जारी की है।

इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने अपने प्रशिक्षण संस्थान, भारतीय राजमार्ग इंजीनियर्स अकादमी (आईएएचई) के माध्यम से, उन्नत परिवहन प्रौद्योगिकी और प्रणाली केंद्र (सीएटीटीएस) की स्थापना के लिए न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय (यूएनएसडब्ल्यू) को नियुक्त किया है, जिसमें भीड़भाड़ वाले बिंदुओं/क्षेत्रों का मानचित्रण करने के लिए 02 शहरों, नागपुर और मेरठ के लिए भारतीय विशिष्ट शहरी व्यापक डेटा मॉडल को विकसित किया जाएगा।

इसके अलावा, राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर, भारतीय राजमार्ग इंजीनियर्स अकादमी (आईएएचई) ने बिड दस्तावेजों को अंतिम रूप देने, यातायात मानचित्रण की अवधारणाओं और भीड़भाड़ की समस्या को हल करने के लिए मॉडलिंग की दिशा में अपनी विशेषज्ञता का विस्तार किया है। आईएएचई ने दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार को अपने छह शहरों (मुंबई, पुणे, नवी मुंबई, छत्रपति संभाजी नगर, नासिक और ठाणे) के लिए संबंधित राज्य सरकारों की लागत पर अपनी विशेषज्ञता प्रदान की है।

शहर की भीड़भाड़ को कम करने और शहरी सार्वजनिक परिवहन के मॉडल शेयर को बढ़ाने के लिए, सरकार ने 34 किलोमीटर दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) सहित लगभग 945 किलोमीटर मेट्रो रेल लाइनों के विकास में योगदान प्रदान किया है, जो 21 विभिन्न शहरों में कार्यरत हैं। इसके अलावा, देश के विभिन्न शहरों में लगभग 939 किलोमीटर मेट्रो रेल परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। सरकार ने 10,000 इलेक्ट्रिक बसों को तैनात करने के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को 20,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ शहरी क्षेत्रों में बस संचालन को बढ़ाने के लिए 16 अगस्त, 2023 को पीएम-ई-बस सेवाका शुभारंभ भी किया है।

राज्य का विषय होने के कारण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सामान्यतः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात अध्ययन का संचालन नहीं करता है। यद्यपि सरकार ने निम्नलिखित राजमार्ग परियोजनाओं की शुरूआत द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अंतर्गत सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0014UK9.png

राजमार्ग परियोजनाओं के अलावा, सरकार ने मेट्रो सेवाएं विकसित की हैं, जो लगभग 393 किलोमीटर के नेटवर्क पर संचालित हैं, जिनमें प्रतिदिन औसतन लगभग 70,000 यात्री यात्रा करते हैं। इसके अलावा, लगभग 86 किलोमीटर की कुल लंबाई की मेट्रो लाइनें निर्माणाधीन हैं, जिनके पूरा होने पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सुविधाजनक और किफायती सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को और बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने भारी उद्योग मंत्रालय की इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने और विनिर्माण (एफएएमई) योजना के तहत दिल्ली सरकार को 1221 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए केन्‍द्रीय सहायता को स्वीकृति भी दी है। इससे निजी वाहनों की संख्या कम करने में भी सहायता मिलेगी, जिससे न केवल भीड़भाड़ कम होगी, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा ।

यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

***

एमजी/एआर/पीकेए/एमबी



(Release ID: 2042629) Visitor Counter : 84


Read this release in: English , Urdu , Tamil