पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना

Posted On: 05 AUG 2024 12:15PM by PIB Delhi

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) ने राष्ट्रीय वेटलैंड (आर्द्रभूमि) संरक्षण कार्यक्रम (एनडब्ल्यूसीपी) और राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना (एनएलसीपी) के तहत इस साल तक देश में चिह्नित आर्द्रभूमि (झीलों सहित) और शहरी और उप-शहरी झीलों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की। बेहतर तालमेल और ओवरलैप से बचने के लिए फरवरी 2013 में एनडब्ल्यूसीपी और एनएलसीपी योजनाओं को 'जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय योजना (एनपीसीए)' नामक केंद्र प्रायोजित योजना में मिला दिया गया। इसके तहत एमओईएफएंडसीसी वर्तमान में केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों के बीच लागत साझा करने के आधार पर देश में आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एनपीसीए योजना को लागू कर रहा है। एनडब्ल्यूसीपी/एनपीसीए के तहत बिहार में चिह्नित की गई झीलों के लिए जारी की गई और खर्च की गई धनराशि के साथ अब तक हुई प्रगति का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

अनुलग्नक

 

एनडब्ल्यूसीपी/एनपीसीए के तहत बिहार में चिह्नित झीलों का विवरण इस प्रकार है। जारी की गई और खर्च की गई धनराशि और अब तक हुई प्रगति इस प्रकार है

(राशि लाख रुपये में)

वेटलैंड/झील का नाम

जिला

धनराशि जारी की गई

(केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप में)

निधि का उपयोग किया गया

(जैसा कि राज्य सरकार द्वारा सूचित किया गया है)

अब तक की प्रगति

(स्वीकृत कार्यों हेतु व्यय प्रतिशत में)

नागी और नकटी

जमुई

10.99

10.99

100%

 

मोती झील

पूर्वी चंपारण

989.55

767.90

77.60%

कुशेश्वरस्थान

दरभंगा

44.16

30.34

68.7%

बरैला

वैशाली

37.73

24.31

64.43%

कबरताल

बेगूसराय

64.10

Nil

0%

 

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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एमजी/एआर/आरकेजे


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