मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
गांव में डेयरी आधारित उद्योगों का विस्तार
Posted On:
06 AUG 2024 5:16PM by PIB Delhi
पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), भारत सरकार डेयरी आधारित उद्योग के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को पूरा और पूरक करने के लिए निम्नलिखित योजनाएं लागू कर रहा है, जिनकी सूची नीचे दी गई है:
i.डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीडीडी)
ii. डेयरी गतिविधियों में लगे डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (एसडीसीएफपीओ) का समर्थन करना
iii. पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ)
इन योजनाओं के लाभार्थियों (भाग (ए) में उल्लिखित) डेयरी सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), निजी कंपनियां, धारा 8 कंपनियां और व्यक्तिगत उद्यमी शामिल हैं, जो योजनाओं के संबंधित परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार हैं। डीएएचडी की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों की राज्य-वार और योजना-वार संख्या अनुबंध में दी गई है।
इस योजना का लाभ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, गोजातीय उत्पादकता, डेयरी अवसंरचना को मजबूत करने और आहार और चारे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए डेयरी क्षेत्र में लगे हुए 9 करोड़ से ज्यादा डेयरी किसानों को प्राप्त हो रहा है। ये मध्यवर्तन दूध उत्पादन की लागत को कम करने में मदद करते हैं और इस तरह दूध की कीमतों को स्थिर बनाने में मदद करते हैं और डेयरी फार्मिंग से आय बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2042308)
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