मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
समुद्री उत्पादों का निर्यात
Posted On:
06 AUG 2024 5:17PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), देश में मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्यान्वित एक प्रमुख योजना है। यह योजना साल 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये करने की परिकल्पना करती है। पीएमएमएसवाई का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, मत्स्यपालन के बाद (पोस्ट-हार्वेस्ट) के बुनियादी ढांचे व प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला के आधुनिकीकरण व सुदृढ़ीकरण, मत्स्यपालन के बाद होने वाले नुकसान में कमी, पता लगाने की क्षमता आदि में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करना है। मत्स्यपालन क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए पीएमएमएसवाई गुणवत्तापूर्ण मत्स्य उत्पादन, प्रजातियों के विविधीकरण, निर्यातोन्मुखी प्रजातियों को बढ़ावा देने, ब्रांडिंग, मानक व प्रमाणन, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण, मत्स्यपालन के बाद बुनियादी ढांचे के निर्माण और मछली पकड़ने के स्वच्छ परिचालन के लिए आधुनिक मछली पकड़ने के पत्तनों और मत्स्य लैंडिंग केंद्रों के विकास आदि के लिए सहायता प्रदान करती है।
पिछले पांच वर्षों में कुल मत्स्य उत्पादन और मत्स्य निर्यात का वर्षवार विवरण निम्नलिखित है:
क्रम संख्या
|
वर्ष
|
कुल मत्स्य उत्पादन
|
मत्स्य निर्यात
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मात्रा (मीट्रिक टन में)
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धनराशि
|
1
|
2019-20
|
141.64
|
1289651
|
4666.85
|
2
|
2020-21
|
147.25
|
1149510
|
43720.98
|
3
|
2021-22
|
162.48
|
1369264
|
57586.48
|
4
|
2022-23
|
175.45
|
1735286
|
63969.14
|
5
|
2023-24
|
182.70 (अनुमानित)
|
1781602
|
60523.89
|
यह जानकारी केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
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