सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय
एमएसएमई को ऋण प्राप्ति और वित्तीय पहुंच
Posted On:
05 AUG 2024 4:23PM by PIB Delhi
सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को ऋण उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ कदम इस प्रकार हैं:
i. सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना, जिसके अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि ट्रस्ट अपने सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) को सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को दिए जाने वाले ऋण के लिए गारंटी प्रदान करता है। ऋण गारंटी योजना के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को 500 लाख रुपये की सीमा तक बिना किसी जमानत के ऋण प्रदान किया जाता है, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के ऋणों के लिए 85 प्रतिशत तक की गारंटी कवरेज शामिल है। योजना की शुरुआत से लेकर 30 जून 2024 तक 91.76 लाख गारंटियां स्वीकृत की गईं, जिनमें 6.78 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
ii. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक प्रमुख ऋण-से जुड़ा सब्सिडी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और ग्रामीण/शहरी बेरोजगार युवाओं की मदद करके गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के द्वारा स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है। इस योजना के तहत विनिर्माण क्षेत्र के लिए 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इसकी शुरुआत से लेकर अब तक 9.69 लाख से अधिक सूक्ष्म उद्यमों को 25,500 करोड़ रुपये से अधिक की मार्जिन मनी सब्सिडी के साथ सहायता प्रदान की गई है, जिससे अनुमानित 79 लाख लोगों को रोजगार मिला है।
iii. पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पकारों को गारंटी कवरेज के साथ 5 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण सहायता सहित संपूर्ण सहायता प्रदान करती है।
iv. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के सदस्य ऋण संस्थानों द्वारा 10 लाख रुपये तक का जमानत मुक्त ऋण प्रदान करती है। कोई भी व्यक्ति जो अन्यथा ऋण लेने के लिए पात्र है और उसके पास लघु व्यवसाय उद्यम के लिए व्यवसाय योजना है, वह विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्रों में आय सृजन गतिविधियों के लिए तीन ऋण श्रेणियों में ऋण प्राप्त कर सकता है, जिसमें कृषि से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं, अर्थात शिशु (50,000 रुपये तक का ऋण), किशोर (50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक का ऋण) और तरुण (5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक का ऋण)।
v. स्टैंड-अप इंडिया (एसयूआई) योजना अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) से प्रति बैंक शाखा कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच मूल्य के ऋण की सुविधा प्रदान करती है।
ट्रेड रिसीवेबल्स इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के व्यापार के लिए वित्तपोषण/छूट के लिए एक मंच है। इन प्लेटफार्मों पर फैक्टरिंग इकाइयों (एफयू) के वित्तपोषण से एमएसएमई को वित्त उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलती है। सिडबी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मई, 2024 तक देश में टीआरईडीएस परिचालन करने के लिए चार डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को अधिकृत किया गया है। 5,000 से अधिक खरीदार और 53 से अधिक बैंक/13 एनबीएफ़सी वित्तपोषक के रूप में पंजीकृत हैं।
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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