विद्युत मंत्रालय
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घरेलू वायरिंग को लेकर सुरक्षा ऑडिट

Posted On: 05 AUG 2024 3:47PM by PIB Delhi

विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 53 और धारा 177 की उपधारा 2 के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने "केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा और विद्युत आपूर्ति से संबंधित उपाय) विनियम, 2023" जारी किए हैं।

इन विनियमों के अनुसार, किसी भी उपभोक्ता, आपूर्तिकर्ता, स्वामी या रहने वाले के परिसर में या उसकी ओर से ऐसे उपभोक्ता, आपूर्तिकर्ता, स्वामी या रहने वाले को आपूर्ति करने के उद्देश्य से विद्युत स्थापना कार्य नहीं किया जाएगा, जिसमें मौजूदा स्थापनाओं में परिवर्धन, परिवर्तन, मरम्मत और समायोजन शामिल है। इसमें ऐसे लैंप, पंखे, फ्यूज, स्विच, अधिकतम 250 वोल्ट वाले घरेलू उपकरणों और फिटिंग्स के प्रतिस्थापन का कार्य शामिल नहीं है, जो किसी भी तरह से उनकी क्षमता या विशेषता को नहीं बदलते हैं। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार और उसकी ओर से सक्षमता प्रमाणपत्र रखने वाले व्यक्ति और राज्य सरकार द्वारा जारी या मान्यता प्राप्त परमिट रखने वाले व्यक्ति के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के तहत किसी भी उपभोक्ता, आपूर्तिकर्ता, स्वामी या रहने वाले के परिसर में या उसकी ओर से ऐसे उपभोक्ता, आपूर्तिकर्ता, स्वामी या रहने वाले व्यक्ति के लिए इन कार्यों की अनुमति होगी।

इन विनियमों के तहत, यह शासनादेश जारी किया गया है कि अधिसूचित वोल्टेज से नीचे या उसके बराबर विद्युत स्थापनाओं को, जैसा भी मामला हो, स्वामी या उपभोक्ता द्वारा स्व-प्रमाणित किया जाएगा। हालांकि, स्वामी या आपूर्तिकर्ता या उपभोक्ता के पास उपयुक्त सरकार के विद्युत निरीक्षक द्वारा अपनी स्थापना का निरीक्षण और परीक्षण करवाने का विकल्प है। यह भी प्रावधान है कि अधिसूचित वोल्टेज के बराबर या उससे कम वोल्टेज स्तर के मामले में, चार्टर्ड इलेक्ट्रिकल सेफ्टी इंजीनियर (सीईएसई) भी मालिक के अनुरोध पर स्थापना का परीक्षण कर सकता है। सीईएसई के संबंध में दिशा-निर्देश केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा 21 जून, 2018 को सभी राज्य सरकारों को जारी किए गए हैं। संबंधित राज्य सरकार या केंद्र सरकार, जैसा भी मामला हो, अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में किए जाने वाले स्व-प्रमाणन के लिए वोल्टेज को अधिसूचित कर सकती है। केंद्र सरकार ने इस उद्देश्य के लिए 11 केवी अधिसूचित किया है।

विद्युत तार का जीवनकाल कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें तार की गुणवत्ता के साथ-साथ विद्युत कार्य, स्विच, सॉकेट, कनड्यूट आदि जैसे अन्य उपकरणों की गुणवत्ता, लोडिंग और पर्यावरण की स्थिति शामिल हैं।

विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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