पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
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परिवेश पोर्टल के माध्यम से मंजूरी

Posted On: 05 AUG 2024 12:19PM by PIB Delhi

'डिजिटल इंडिया' की भावना के अनुरूप और न्यूनतम सरकार तथा अधिकतम शासन के सार को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने पर्यावरण मंजूरी (ईसी), वन मंजूरी (एफसी), वन्यजीव (डब्ल्यूएल) और तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मंजूरी के लिए 10.08.2018 को एक सिंगल विंडो पोर्टल "परिवेश (प्रो एक्टिव एंड रिस्पॉन्सिव फैसिलिटेशन बाय इंटरएक्टिव एंड वर्चुअस एनवायरनमेंटल सिंगल-विंडो हब)" लॉन्च किया था। परिवेश पोर्टल पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, अब तक 50,000 से अधिक मंजूरियां (ईसी, एफसी, डब्ल्यूएल और सीआरजेड) प्रदान की जा चुकी हैं।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नीतिगत एवं तकनीकी युक्तियों के माध्यम से अनेक उपाय किए हैं, ताकि अनावश्यक अधिकता को दूर किया जा सके तथा सख्त पर्यावरण सुरक्षा उपायों से समझौता किए बिना मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके। उपरोक्त उपायों के कारण, पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने की तिथि से केंद्रीय स्तर पर पर्यावरण मंजूरी प्रदान करने में लगने वाला औसत समय 2023-2024 में 105 दिनों की निर्धारित समय-सीमा से काफी कम होकर दो अंकों में आ गया है। इसी प्रकार, 'सैद्धांतिक' वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने में लगने वाला औसत समय भी 2023-24 में घटकर 150 दिन रह गया है।

अगस्त 2018 में लॉन्च किए गए परिवेश पोर्टल ने अपने उद्देश्यों को पूरा किया है और कोविड की कठिन अवधि के दौरान भी उद्योगों को निर्बाध सेवाओं की सुविधा प्रदान की है। हालांकि, उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बढ़ाने के लिए, उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कि जीआईएस आधारित निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस), उन्नत डेटा एनालिटिक्स आदि पर आधारित नई कार्यात्मकताएं शामिल करके परियोजना प्रस्तावों की जांच करते समय उचित परिश्रम और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा परिवेश के दायरे का विस्तार किया गया है। विस्तारित दायरे में शामिल कुछ रूपांतरकारी मॉड्यूल हैं: नो योर अप्रूवल (केवायए)  मॉड्यूल जो आवश्यक मंजूरी की अनंतिम सूची प्रदान करता है और परियोजना के कार्यान्वयन से पहले पर्यावरणीय संवेदनशीलता और परियोजना की योजना का सही आकलन करने में परियोजना प्रस्तावक की सहायता करता है; निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) एक स्थानिक-आधारित विज़ुअलाइज़ेशन और विश्लेषणात्मक मॉड्यूल है जो परियोजना की निकटता की खोज के लिए टूल प्रदान करता है और सभी पर्यावरणगत चिंताओं को ध्यान में रखते हुए त्वरित तरीके से सुविचारित निर्णय लेने में विशेषज्ञ समितियों तथा नियामकीय प्राधिकारी की सहायता करता है; उपयोगकर्ताओं के दोहराव वाले प्रयासों को कम करने और साथ ही सभी लागू मंजूरियों में सत्यता का एकल वर्णन सुनिश्चित करने के लिए सामान्य आवेदन पत्र (सीएएफ) और आवेदन पत्र प्रबंधन मॉड्यूल तथा अनुपालन बोझ में कमी सुनिश्चित करने और व्यापार करने की सुगमता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन प्रबंधन मॉड्यूल। हालांकि, ईसी के अनुदान के प्रस्तावों पर विचार ईआईए/ईएमपी के आधार पर किया जाता है, जिसकी विधिवत गठित विशेषज्ञ मूल्यांकन समितियों (ईएसी) द्वारा जांच की जाती है और अंतिम मंजूरी केवल सामान्य और विशिष्ट शर्तों को शामिल करने के बाद दी जाती है ताकि पर्यावरण मानकों और सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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