पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
संसद में एमओपीएसडब्ल्यू: जलमार्गों पर माल की आवाजाही में 2013-14 से छह गुना वृद्धि
जलमार्गों पर कुल यातायात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 133.03 एमएमटी जो वित्त वर्ष 2014-15 में 29.16 एमएमटी था, यह 18.07 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज करता है
2014 के बाद 106 नए राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए, 2024 तक परिचालन जलमार्ग 3 से बढ़कर 26 हो गए
Posted On:
02 AUG 2024 6:44PM by PIB Delhi
केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज लोकसभा में श्री बिप्लब कुमार देब और श्री शंकर लालवानी द्वारा उठाए गए प्रश्न का लिखित उत्तर दिया। मंत्री महोदय से वर्ष 2013-14 से राष्ट्रीय जलमार्गों तथा अन्य जलमार्गों के माध्यम से माल की आवाजाही, इस आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों तथा नए राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास पर विचार किया जा रहा है, या नहीं, इस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी।
अपने जवाब में, श्री सोनोवाल ने राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) के माध्यम से माल की आवाजाही को बढ़ाने में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। 2013-14 से, इन जलमार्गों के माध्यम से परिवहन किए जाने वाले माल की मात्रा में तेजी से वृद्धि देखी गई है, वित्त वर्ष 2014-15 में कुल यातायात 29.16 एमएमटी से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 133.03 एमएमटी हो गया है, जो 18.07 प्रतिशत की प्रभावशाली चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाता है।
यह उछाल वित्त वर्ष 2013-14 में दर्ज 18.07 एमएमटी की तुलना में छह गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 के तहत निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ, सरकार का लक्ष्य कार्गो यातायात को और बढ़ावा देना है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 200 एमएमटी और 2047 तक 500 एमएमटी है।
2016 में, 106 नए राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए, जिसके साथ परिचालन जलमार्गों की संख्या 2013-14 में सिर्फ 3 से बढ़कर 2024 तक 26 हो गई।
श्री सोनोवाल ने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का समग्र विकास पर ध्यान और 'परिवहन के माध्यम से परिवर्तन' का उनका मंत्र, जलमार्गों को भारत के नए राजमार्गों में बदल रहा है। पिछले दशक में इस क्षेत्र में जबरदस्त सुधार हुए हैं, जो कि सस्ते और पर्यावरण अनुकूल हैं। जलमार्ग मंत्रालय समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप अंतर्देशीय जलमार्गों को और विकसित करने एवं आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में 14,500 किलोमीटर से अधिक जलमार्ग हैं और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य 2047 तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में काम करते हुए पूरी क्षमता का एहसास करना है।’
जलमार्गों के ज़रिए माल की आवाजाही बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण उपायों में अंतर्देशीय पोत कानून, 2021 की शुरुआत शामिल है। यह एक महत्वपूर्ण विधायी सुधार के रूप में सामने आया है, जिसने एक सदी पुराने कानून की जगह ली है। इस आधुनिक नियामक ढांचे ने अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में निर्बाध परिवहन, व्यापार और व्यापार करने में आसानी की सुविधा प्रदान की है।
2018 में शुरू की गई जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) का उद्देश्य हल्दिया से वाराणसी तक एनडब्ल्यू 1 (गंगा- भागीरथी- हुगली नदी प्रणाली) की क्षमता को बढ़ाना है, जिसकी कुल लंबाई 1,390 किलोमीटर है। इस परियोजना को 5,369.18 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ लागू किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने 2022 में 13 नए एनडब्ल्यू के विकास को मंजूरी दी है।
भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट के खुलने से एनडब्ल्यू 1 और एनडब्ल्यू 2 (ब्रह्मपुत्र नदी) को जोड़कर कार्गो की आवाजाही को और बढ़ावा मिला है, जिससे पूर्वोत्तर में व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि हुई है। एनडब्ल्यू 2 और एनडब्ल्यू 16 (बराक नदी) पर भी महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं, जिनसे पूर्वोत्तर एवं भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट पर कार्गो की आवाजाही को और बढ़ावा मिलेगा।
जलमार्गों पर माल की आवाजाही बढ़ाने में डिजिटल पहल अहम भूमिका निभा रही है। आईडब्ल्यूएआई वेसल ट्रैकर और पानी पोर्टल जैसे नवाचार वास्तविक समय की ट्रैकिंग एवं नेविगेशन जानकारी प्रदान करते हैं, जबकि कार-डी पोर्टल कार्गो और यात्री डेटा प्रबंधन को सुव्यवस्थित करता है
नए जलमार्गों के विकास के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में श्री सोनोवाल ने बताया कि विकास के लिए 14 नए राष्ट्रीय जलमार्गों को मंजूरी दी गई है। केरल, गोवा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में स्थित इन जलमार्गों का विकास 400 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है।
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