रक्षा मंत्रालय
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पूर्व सैनिकों के लिए कल्याण और पुनर्वास योजनाएं

Posted On: 02 AUG 2024 4:47PM by PIB Delhi

भूतपूर्व सैनिकों/ उनकी विधवाओं और उनके आश्रितों को उपलब्ध कराई जाने वाली कल्याणकारी एवं पुनर्वास योजनाओं तथा वित्तीय सहायता का विवरण इस प्रकार है:

1. रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण निधि (आरएमईडब्ल्यूएफ) के अंतर्गत सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) से दी गई वित्तीय सहायता/लाभ:

क्रम संख्या

अनुदान

राशि (रुपये में)

(i)

अभाव अनुदान (65 वर्ष और उससे अधिक)

 

(ii)

(गैर-पेंशनभोगी हैवी रैंक तक)

4,000/-रुपये प्रति माह (जीवन भर)

(iii)

शिक्षा अनुदान (दो बच्चों तक)

 

(iv)

i. लड़के/ लड़कियां स्नातक तक

1,000/-रुपये प्रति माह

ii. परास्नातक के लिए विधवाएं

(v)

(पेंशनर/गैर-पेंशनर हवलदार रैंक तक) और दो बच्चों तक

3,000/-रुपये प्रति माह

(vi)

  • दिव्यांग बच्चों के लिए अनुदान
 

(vii)

(पेंशनर/गैर-पेंशनर जेसीओ रैंक तक)

50,000/-रुपये *

       

 

2. सभी रैंकों के गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों को सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष से गंभीर बीमारियों के लिए अनुदान:

(i)

नीचे सूचीबद्ध गंभीर रोग: - एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी, सीएबीजी, ओपन हार्ट सर्जरी, वाल्व रिप्लेसमेंट, पेसमेकर इम्प्लांट, रीनल इम्प्लांट, प्रोस्टेट सर्जरी, जॉइंट रिप्लेसमेंट और सेरेब्रल स्ट्रोक।

अधिकारी और अधिकारी रैंक से नीचे के कार्मिक (पीबीओआर) को कुल व्यय का क्रमशः 75% और 90%।

 

एक बार में अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक।

(ii)

अन्य रोग: जहां उपचार पर 1.00 लाख रुपये से अधिक खर्च किया गया हो डायलिसिस और कैंसर उपचार

कुल व्यय का 75% और 90%

 

अधिकारी और पीबीओआर क्रमशः।

 

अधिकतम रु. 75,000/- प्रति वित्तीय वर्ष तक।

 

3. संशोधित स्कूटर अनुदान: एक लाख रुपये उन पूर्व सैन्य कर्मियों को प्रदान किए जाते हैं, जो सेवा के बाद 50% या उससे अधिक दिव्यांगता के साथ दिव्यांग हो जाते हैं और जो एकीकृत रक्षा मुख्यालय (सेना, नौसेना और वायु सेना) की एडजुटेंट जनरल शाखा की योजना के अंतर्गत शामिल नहीं होते हैं।

4. गृह ऋण पर सब्सिडी: केन्द्रीय सैनिक बोर्ड युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों, युद्ध में दिव्यांग हुए सैन्य कर्मियों तथा शांति काल में हताहत हुए सैनिकों को घर बनाने के लिए बैंक/सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों से गृह ऋण पर सब्सिडी के रूप में अधिकतम 1.00 लाख रुपये यानी ब्याज की 50% प्रतिपूर्ति करता है।

5. प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना: पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए योग्यता के आधार पर पात्र बच्चों को कुल 5500 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इसमें छात्रवृत्ति की दरें इस प्रकार हैं:

(अ) बालकों के लिए 2500/- रुपये प्रति माह।

(ब) बालिकाओं के लिए 3000/- रुपये प्रति माह।

6. पूर्व-सैनिकों के पुनर्वास में शामिल संस्थाओं को वित्तीय सहायता: -

Sl. No.

संगठन

सहायता/अनुदान की मात्रा

(i)

पैराप्लेजिक पुनर्वास केंद्र

 

(i) किरकी

 

(ii) मोहाली

स्थापना अनुदान (प्रति वर्ष)

 

(i) रु. 1.20 करोड़

अप्रैल, 2016 से रु. 30,000/- प्रति वर्ष

प्रति व्यक्ति

(ii) रु. 10,00,000/-

(अप्रैल, 2015 से)

(ii)

अखिल भारतीय गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण संघ, देहरादून

रु. 12,00,000/- प्रति वर्ष

 

(iii)

चेशायर होम्स

(i) लखनऊ, दिल्ली और देहरादून

 

प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 15,000/- रुपये

(iv)

युद्ध स्मारक छात्रावास: यहां 36 युद्ध स्मारक छात्रावास हैं, जो युद्ध विधवाओं/युद्ध दिव्यांगों, उत्तरदायी और गैर-योग्य मामलों के बच्चों को आश्रय प्रदान करते हैं।

रु. 1350/- प्रति माह

 

7. भारत सरकार के नामित व्यक्ति के रूप में रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए चिकित्सा/दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में सीटों का आरक्षण दिया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत सरकार के नामित व्यक्ति के रूप में रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय सैनिक बोर्ड को कुल 42 एमबीबीएस सीटें और बीडीएस पाठ्यक्रमों में 3 सीटें आवंटित की गई हैं। इसमें पहली प्राथमिकता युद्ध में प्राण न्योछावर करने वाले रक्षा कर्मियों के बच्चों/विधवाओं को दी जाती है।

8. रेल यात्रा रियायत पहचान पत्र: केन्द्रीय सैनिक बोर्ड सचिवालय युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की विधवाओं को रेल यात्रा रियायत पहचान पत्र जारी करता है।

पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) द्वारा कार्यान्वित विभिन्न पुनर्वास योजनाओं का विवरण

(अ) भूतपूर्व सैनिकों को नए कार्यभार संभालने/नौकरी करने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके उनके कौशल को उन्नत करना और उन्हें पुनः रोजगार पाने में सहायता करना।

(ब) सरकारी/अर्धसरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करना।

(स) कॉर्पोरेट क्षेत्र में पूर्व सैनिकों की पुनर्नियुक्ति को सुविधाजनक बनाने के लिए सक्रिय कार्रवाई करना।

(द) स्वरोजगार के लिए निम्नलिखित योजनाओं के माध्यम से नौकरियां प्रदान करना।

  1. पुनर्वास महानिदेशालय में ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से प्लेसमेंट सहायता।
  • II. पुनर्वास महानिदेशालय प्रायोजित सुरक्षा एजेंसी योजना।
  1. पूर्व सैनिक कोयला लदान एवं परिवहन योजना।
  • IV. कोयला लदान एवं परिवहन की कोल टिपर अटैचमेंट योजना।
  1. विधवाओं और दिव्यांग सैनिकों के लिए टिपर अटैचमेंट योजना।
  • VI. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र/पुणे में पूर्व सैनिकों द्वारा आईजीएल/एमएनजीएल सीएनजी स्टेशनों का प्रबंधन।
  1. कंपनी के स्वामित्व वाली कंपनी संचालित खुदरा दुकानों का प्रबंधन।
  2. 8% आरक्षण कोटे के तहत तेल विपणन कंपनियों द्वारा विज्ञापित एलपीजी/खुदरा आउटलेट (पेट्रोल/डीजल) डिस्ट्रीब्यूटरशिप के आवंटन के लिए पुनर्वास महानिदेशालय पात्रता प्रमाण पत्र जारी करना।
  • IX. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मदर डेयरी मिल्क बूथ और फल एवं सब्जी (सफल) की दुकानों का आवंटन।
  1. डीजीआर तकनीकी सेवा योजना।
  • XI. पुनर्वास महानिदेशालय प्रशिक्षण/कौशल विकास पाठ्यक्रम।

9. रोजगार में आरक्षण: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) में भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) के लिए रोजगार में आरक्षण का मौजूदा कोटा सभी प्रत्यक्ष भर्ती समूह 'सी' पदों में 14.5% और सभी प्रत्यक्ष भर्ती समूह 'डी' पदों में 24.5% है। इसमें दिव्यांग हुए पूर्व सैनिक तथा युद्ध में शहीद हुए सैन्यकर्मियों के आश्रितों के लिए 4.5% शामिल है।  

रक्षा मंत्री स्वनिर्णयगत कोष का नाम बदलकर रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष (आरएमईडब्ल्यूएफ) कर दिया गया है। पिछले तीन वर्षों के दौरान (आरएमईडब्ल्यूएफ) के अंतर्गत पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को किए गए भुगतान का विवरण निम्नानुसार है:-

वित्तीय वर्ष

कुल भुगतान की गई राशि

कुल लाभार्थी

2021-22

रु. 395.69 करोड़

182728

2022-23

रु. 248.17 करोड़

98615

2023-24

रु. 366.54 करोड़

172133

 

केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) की मुख्य गतिविधियों का विवरण तथा भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए यह किस प्रकार लाभदायक है, इसकी जानकारी निम्न प्रकार है:

केन्द्रीय सैनिक बोर्ड निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन व संचालन करता है: -

  1. केएसबी और निदेशक, डीएसडब्ल्यू/सचिव, आरएसबी की बैठक।
  2. सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष की प्रबंधन समिति का वार्षिक सम्मेलन।
  3. सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष की कार्यकारी समिति की आवधिक मुलाकात।
  4. संबंधित एजेंसियों के साथ लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन में प्रगति।
  5. भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के मामलों पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सैनिक कल्याण विभागों को रक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित नीति निर्देश प्रदान करना।
  6. केएसबी/रक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्यों में सैनिक कल्याण विभागों के कामकाज की निगरानी और मार्गदर्शन करना।
  7. राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को सैनिक कल्याण विभागों और जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों की स्थापना एवं रखरखाव लागत के लिए बजटीय सहायता प्रदान करना।
  8. निदेशक का सैनिक कल्याण विभाग/सचिव आरएसबी और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी/सचिव जेडएसबी के चयन के लिए राज्य के मुख्य सचिव के अधीन अनिवार्य रूप से बुलाई गई चयन समिति के सदस्य के रूप में उपस्थित रहना, जो पद रिक्त होने से एक माह पूर्व बुलाई जाती है।
  9. प्रत्येक वर्ष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सैनिक कल्याण विभाग का निरीक्षण करना तथा उनके कामकाज पर राज्य सरकार/रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट देना।
  10. प्रदेशों में राज्य सैनिक बोर्ड और संयुक्त निधि बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भाग लेना।
  11. सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि (एएफएफडीएफ) की प्रशासनिक व्यवस्था करना।
  12. भूतपूर्व सैनिकों और मृतक सैन्यकर्मियों के परिवारों के कल्याण से संबंधित शिकायतों एवं मुद्दों का समाधान करना।
  13. रक्षा मंत्रालय के कोटे के तहत मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग सीटों के आवंटन के लिए योजना का संचालन करना।
  14. दिल्ली स्थित केंद्रीय सरकारी विभागों में 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस संग्रह' का आयोजन व संचालन करना।
  15. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा विदेश स्थित भारतीय मिशनों में एएफएफडी के संचालन के लिए झंडे, पोस्टर तथा प्रचार सामग्री उपलब्ध कराना।
  16. आरएमईडब्ल्यूएफ (रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष) तथा प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजनाओं जैसी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का संचालन करना।
  17. युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की विधवाओं को रेल यात्रा रियायत पहचान पत्र जारी करना।
  18. पीआरसी किरकी और मोहाली, 36 युद्ध स्मारक छात्रावासों, चेशायर होम्स तथा विभिन्न संस्थानों में पैराप्लेजिक होम्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना व इसके उचित वितरण की जांच करने के लिए उनका दौरा करना।
  19. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य सैनिक बोर्ड द्वारा संयुक्त निधि के सही निवेश पर सलाह देना।
  20. जिला सैनिक बोर्ड की कार्यप्रणाली और प्रभावशीलता की जांच के लिए उनका आकस्मिक निरीक्षण करना।
  21. उपर्युक्त सभी गतिविधियां पूर्व सैनिकों/विधवाओं/आश्रितों के कल्याण से संबंधित वित्तीय सहायता प्रदान करने तथा देश भर में 34 राज्य सैनिक बोर्डों और 413 जिला सैनिक बोर्डों के माध्यम से शिकायतों के निवारण के लिए हैं।

प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा एकल खिड़की ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र (सीपीजीआरएएमएस) शुरू किया गया, जिसमें कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर एक क्लिक करके ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है और संबंधित विभाग से सहायता प्राप्त कर सकता है। भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने इस ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र (सीपीजीआरएएमएस/सीपीईएनजीआरएएमएस) को पूर्व सैनिकों के लिए भी विस्तारित किया है ताकि पूर्व सैनिकों की शिकायतों का कुशलतापूर्वक एवं समयबद्ध तरीके से निवारण किया जा सके।

भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा लेखा महानियंत्रक तथा सभी पेंशन स्वीकृति प्राधिकरणों की वेबसाइट पर भी सीपीजीआरएएमएस/सीपीईएनजीआरएएमएस वेबसाइट का लिंक दिया गया है, ताकि भूतपूर्व सैनिक pgportal.gov.in पर क्लिक करके घर बैठे ही किसी भी वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। इसके अलावा, पूर्व सैनिकों (ईएसएम) की पेंशन शिकायतों के निवारण के लिए एक विशेष पोर्टल (रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल) 14 जनवरी, 2022 को शुरू किया गया है। भूतपूर्व सैनिकों पेंशनभोगियों की शिकायतों के सुचारू निवारण के लिए एक टोल-फ्री नंबर 1800111971 भी प्रारंभ किया गया है।

यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने आज लोकसभा में श्री अरुण भारती को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/एआर/आरपी/एनके


(Release ID: 2040964)
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