सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उदमों में रोजगार के अवसर

Posted On: 01 AUG 2024 4:54PM by PIB Delhi

सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करती है। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), खरीद और विपणन सहायता (पीएमएस) योजना, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएमएसई), सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी), पारंपरिक उद्योगों की पुनर्जनन के लिए निधि की योजना (स्फूर्ति), नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक योजना (एएसपीआरई) आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का ध्यान विशेष रूप से नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार सृजन पर है।

पिछले 3 वर्षों के दौरान उद्यम और उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म (यूएपी) के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में रोजगार का विवरण नीचे दिया गया है:

(सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और रोजगार की संख्या लाखों में)

वित्त वर्ष

कुल पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या

रोज़गार

उद्यम

यूएपी

कुल योग

उद्यम

यूएपी

कुल योग

2021-22

51.36

-

51.36

349.54

-

349.54

2022-23

72.33

13.32

85.66

446.95

133.25

460.27

2023-24

96.00

153.14

249.13

559.13

185.46

744.59

 

पिछले 3 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत उत्पन्न अनुमानित रोजगार का विवरण नीचे दिया गया है:

वर्ष

सहायता पाने वाली इकाइयों की संख्या

एमएम सब्सिडी

(करोड रुपये)

अनुमानित सृजित रोज़गार*

औसत परियोजना का आकार (लाख रुपये)

कुल स्वीकृत ऋणों की संख्या

(करोड रुपये)

वित्त वर्ष 2021-22

1,03,219

2,977.66

8,25,752

9.01

8,773.23

वित्त वर्ष 2022-23

85,167

2,722.17

6,81,336

10.04

8,084.74

वित्त वर्ष 2023-24

89,118

3,093.88

7,12,944

11.14

9,385.00

* प्रति इकाई औसत रोजगार 8 होने का अनुमान है।

उद्यम पंजीकरण और उद्यम सहायता मंच पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में रोजगार 7.44 करोड़ होने की सूचना है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रोजगार 3.49 करोड़ बताया गया था। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत, पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रति यूनिट औसत वार्षिक अनुमानित रोजगार सृजन 8 है। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को ऋण वितरण 16.97 लाख करोड़ से बढ़कर  वित्त वर्ष 2023-24 में 22.04 लाख करोड़ हो गया है। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को उच्च ऋण वितरण का संकेत देता है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत, सूक्ष्म उद्यमों को स्वीकृत ऋण वित्त वर्ष 2021-22 में 8,773.23 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 9,385.00 करोड़ रुपये हो गया है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों को प्रोत्साहित करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को सृजित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में शामिल हैं:

  1. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी):
  1. विनिर्माण क्षेत्र के लिए स्वीकार्य अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख से 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये बढ़ा दी गई है।
  2. आकांक्षी जिलों के आवेदकों और ट्रांसजेंडरों को विशेष श्रेणी में शामिल किया गया है।
  3. योजना के अंतर्गत पशुपालन से संबंधित उद्योगों जैसे डेयरी, मुर्गी पालन, जलीय कृषि, कीड़े (मधुमक्खी, रेशम उत्पादन आदि) को अनुमति दी गई है।
  4. प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कारक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत दूसरे ऋण के लिए आवेदन करने वाली मौजूदा प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कारक्रम (पीएमईजीपी)/ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम/मुद्रा इकाइयों की लाभप्रदता पर विचार करते समय कोविड वर्ष यानी वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 को छूट दी गई है।
  5. 2 लाख रुपये तक की परियोजनाओं और प्रशिक्षण की छोटी अवधि (5 दिनों तक) की 5 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत के लिए कोई अनिवार्य ईडीपी नहीं।
  1. 200 करोड़ रुपये तक की खरीद के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं।
  2. सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए क्रेडिट गारंटी योजना: सीजीएसएमएसई के अंतर्गत, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से, विभिन्न श्रेणियों के ऋणों के लिए 85 प्रतिशत तक की गारंटी कवरेज के साथ एमएसई को 500 लाख रुपये (01.04.2023 से) की सीमा तक संपार्श्विक मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है।
  3. अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक दायरे में लाने के लिए उदयम पोर्टल, उद्यम सहायता मंच का शुभारंभ, जिसने पंजीकृत अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण का लाभ उठाने में सहायता की।
  4. ऋण उद्देश्य के लिए 02.07.2021 से खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई के रूप में शामिल करना।
  5. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की स्थिति में ऊपर की ओर बदलाव की स्थिति में गैर-कर लाभ 3 साल के लिए बढ़ाए गए।
  6. 18 पारंपरिक व्यापारों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को ऋण सहायता, कौशल प्रशिक्षण, विपणन सहायता आदि जैसे लाभ प्रदान करने के लिए 17.09.2023 को "पीएम विश्वकर्मा" योजना का शुभारंभ किया गया। यह योजना औपचारिक एमएसएमई इकोसिस्टम में "उद्यमियों" के रूप में लाभार्थियों को उद्यम सहायता मंच पर शामिल करेगी।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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