कोयला मंत्रालय
विषैले खदान जल का उपचार
Posted On:
31 JUL 2024 3:47PM by PIB Bhopal
खनन के दौरान, जल स्तर और अंदर के एक्विफर्स को नुकसान हो सकता है जिसके चलते खदान के नाबदान में पानी एकत्र हो जाता है। कोयला कंपनियों द्वारा किये जा रहे जल प्रदूषण नियंत्रण उपाय इस प्रकार हैं-
- खदान के डिस्चार्ज से निकलने वाले पानी को पंप से निकाल कर उसके निर्वहन से पहले खदान के नाबदान और सतह पर अवसादन तालाब/सेटलिंग टैंक दोनों में अवसादन के माध्यम से उपचारित किया जाता है।
- खदान के पानी के साथ-साथ वर्कशॉप के अपशिष्ट (उपचार के बाद) की गुणवत्ता की नियमित रूप से निगरानी की जाती है, एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला के माध्यम से मानदंडों के अनुसार परीक्षण किया जाता है और पुन: उपयोग से पहले और स्थानीय आबादी में प्रवाहित करने से पहले उपचारित किया जाता है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान, सामुदायिक उद्देश्यों (घरेलू और सिंचाई) के लिए कोयला/लिग्नाइट पीएसयू द्वारा 18,513 लाख किलो लीटर (एलकेएल) उपचारित खदान पानी की पर्याप्त मात्रा की पेशकश की गई है, जैसा कि नीचे दिया गया है:
पीएसयू का नाम
|
डॉमेस्टिक/ड्रिंकिंग
(एलकेएल)
|
सिंचाई
(एलकेएल)
|
कुल
(एलकेएल)
|
सीआईएल
|
6309
|
7496
|
13805
|
एनएलसीआईएल
|
613
|
1161
|
1774
|
एससीसीएल
|
88
|
2846
|
2934
|
कुल योग
|
7010
|
11503
|
18513
|
समुदायों के लिए लाभकारी उपयोग के लिए कोयला/लिग्नाइट पीएसयू द्वारा उपचारित खदान जल को कोयला धारक राज्यों की राज्य सरकारों को भी पेश किया जाता है।
कोयला/लिग्नाइट पीएसयू द्वारा किए गए अन्य पर्यावरण-अनुकूल उपाय ग्रीनिंग से जुड़े हैं जैसे- कोयला खनन क्षेत्रों में और उसके आसपास जैव-पुनर्ग्रहण/वृक्षारोपण, इको-पार्क/खदान पर्यटन स्थलों का विकास, ओबी प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना करके ओवरबर्डन (ओबी) का लाभकारी उपयोग और एम-रेत संयंत्र और विभिन्न ऊर्जा दक्षता उपाय जैसे पारंपरिक लाइटों को एलईडी लाइटों से बदलना, ऊर्जा-कुशल एयर कंडीशनर, सुपर पंखे की स्थापना, इलेक्ट्रिक वाहनों की तैनाती और कुशल वॉटर हीटर, पंपों के लिए ऊर्जा कुशल मोटर और स्ट्रीट लाइट में ऑटो टाइमर आदि।
यह जानकारी केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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