आयुष

देश में आयुष अनुसंधान केंद्रों की स्थिति

Posted On: 30 JUL 2024 5:47PM by PIB Delhi

केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच), आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक शीर्ष अनुसंधान संगठन है, जो 27 अनुसंधान संस्थानों/इकाइयों और 07 होम्योपैथिक उपचार केंद्रों के अपने नेटवर्क के माध्यम से होम्योपैथी में वैज्ञानिक अनुसंधान का समन्वय, विकास, प्रसार और संवर्धन करता है तथा यह उत्कृष्टता संस्थानों के साथ सहयोग करने, होम्योपैथी को बढ़ावा देने और उपर्युक्त संस्थानों/इकाइयों और उपचार केंद्रों के ओपीडी/आईपीडी के माध्यम से स्वास्थ्य परिचर्या सेवाएं प्रदान करने सहित आंतरिक अनुसंधान कर रहा है।

सीसीआरएच ने अवसंरचना, प्रयोगशाला सुविधाओं के संदर्भ में अपने संस्थानों को अपग्रेड किया है और केंद्रीय अनुसंधान संस्थान, कोट्टायम को राष्ट्रीय होम्योपैथी मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनएचआरआईएमएच), कोट्टायम में अपग्रेड किया है। सीसीआरएच होम्योपैथी को बढ़ावा देने और आम लोगों के बीच इसे लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय आरोग्य मेलों/स्वास्थ्य शिविरों/प्रदर्शनियों में भी हिस्सा ले रहा है। आईईसी कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, सीसीआरएच ने सूचना और शिक्षा सामग्री विकसित की है जो प्रदर्शनियों/स्वास्थ्य मेलों/सेमिनारों/विश्व होम्योपैथी दिवस के समारोह/सोशल मीडिया, जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि के माध्यम से आम लोगों को मुफ्त में वितरित की जाती है। इसके अलावा, परिषद ने निम्नलिखित सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल कार्यक्रम शुरू किए हैं: स्वस्थ दांत के लिए होम्योपैथी; स्वास्थ्य रक्षण कार्यक्रम; अनुसूचित जाति घटक योजना (एससी घटक योजना) स्वास्थ्य शिविर; अपने केंद्रों के माध्यम से पोषण महा अभियान में भाग लेना; आजादी का अमृत महोत्सव से संबंधित गतिविधियों में शामिल होना आदि।

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) और केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में क्रमश आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों के लिए शीर्ष अनुसंधान संगठन हैं। सीसीआरएएस के पूरे देश में 30 अनुसंधान संस्थान/केंद्र हैं और सीसीआरएच के 27 अनुसंधान संस्थान/इकाइयां हैं। पिछले तीन वर्षों में, सीसीआरएच ने वर्ष 2023 में गोवा में एक नई नैदानिक अनुसंधान इकाई स्थापित की है, हालांकि, सीसीआरएएस ने पिछले तीन वर्षों में कोई नया अनुसंधान केंद्र स्थापित नहीं किया है। वर्ष 2022-23 के दौरान गोवा में क्लिनिकल रिसर्च यूनिट (एच) को उपयोग/आवंटित धनराशि 7.32 लाख रुपये और वर्ष 2023- 24 के दौरान 85.29 लाख रुपये है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से परिषद ने कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत होम्योपैथी को एकीकृत किया। कार्यक्रम का उद्देश्य व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से जनता का स्वास्थ्य संवर्धन, गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के शीघ्र निदान के माध्यम से रोग की रोकथाम, एनसीडी भार और उनके जोखिमों में कमी, अकेले होम्योपैथिक उपचार के माध्यम से एनसीडी का शीघ्र प्रबंधन या मानक देखभाल में वृद्धि करना है।

राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), कोलकाता आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक स्वायत्त संस्थान है, जो होम्योपैथिक चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने, उच्चतम पेशेवर मानकों और नैतिक मूल्यों के अनुसार होम्योपैथी के स्नातक, स्नातकोत्तर छात्रों और अनुसंधान विद्वानों को शिक्षित और प्रशिक्षित करता है। यह संस्थान वर्तमान में छह विशेषज्ञता में होम्योपैथी में डिग्री पाठ्यक्रम संचालित करता है अर्थात बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स यानी होम्योपैथी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन [एमडी (होम)]।

राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान, कोलकाता के एक उपग्रह संस्थान का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 11 दिसंबर 2022 को नरेला, दिल्ली में अवसंरचना और मानव संसाधनों के विस्तार, आयुष जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में उनकी सक्रिय भागीदारी और देश के प्रत्येक नागरिक और हर क्षेत्र को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के दृष्टिकोण से किया गया।

राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) - आयुष मंत्रालय ने 5 जुलाई, 2021 की अपनी अधिसूचना द्वारा होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 (1973 का 59) को निरस्त कर दिया और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 के प्रावधान के अंतर्गत होम्योपैथी आयोग नामक एक आयोग का गठन किया, जो प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और इसे सौंपे गए कार्यों का निर्वहन करने के लिए है। एनएचसी, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है, जिसने होम्योपैथी में अनुसंधान करने के लिए दिशा-निर्देशों को निर्दिष्ट करते हुए राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (होम्योपैथी में चिकित्सा अनुसंधान) विनियम, 2023 नामक एक विनियमन को अधिसूचित किया है।

इसके अलावा, एनसीएच होम्योपैथी चिकित्सा पेशेवरों को अपने काम में नवीनतम चिकित्सा अनुसंधान को अपनाने और होम्योपैथी में अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

अनुसंधान क्रियाविधि, डिग्री पाठ्यक्रम-बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस), होम्योपैथी में आधुनिक उन्नति, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के पूरक के लिए क्रियाविधि का प्रावधान (स्मार्ट-होम) की अवधारणाओं को विनियमन में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया है, अर्थात् राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (होम्योपैथी स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम-बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस)। विनियम 2020।

एनसीएच ने केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के सहयोग से स्नातकोत्तर छात्रों और शिक्षकों के लिए अनुसंधान पद्धति प्रशिक्षण भी आयोजित किया है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएम एंड एच) फार्माकोपिया और फॉर्मूलरी के विकास के लिए एक अधीनस्थ कार्यालय है और साथ ही यह भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी प्रणालियों के लिए केंद्रीय औषधि परीक्षण सह अपीलीय प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है। होम्योपैथिक दवाओं के लिए फार्माकोपिया मानक आयुष मंत्रालय की ओर से पीसीआईएमएंडएच द्वारा होम्योपैथिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया (एचपीआई) के प्रकाशन के माध्यम से स्थापित किए गए हैं।

यह जानकारी आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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