आयुष
एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान केन्द्र
Posted On:
30 JUL 2024 5:48PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 11 मई 2023 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर के बीच स्वास्थ्य अनुसंधान पर सहयोग और सहभागिता को बढ़ावा देना और विकसित करना है-
क. सम्पूर्णात्मक स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए आयुष मंत्रालय और आईसीएमई के बीच सहयोग, विचारों की सहमति और तालमेल के क्षेत्रों का पता लगाना।
ख. आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर के बीच अनुसंधान क्षमता को मजबूत करना।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एकीकृत स्वास्थ्य में उन्नत अनुसंधान के लिए आयुष-आईसीएमआर केन्द्र की स्थापना करना है।
इन केन्द्रों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
- आयुष प्रणाली को पारंपरिक जैव-चिकित्सा और आधुनिक प्रौद्योगिकी से जोड़कर सम्पूर्णात्मक स्वास्थ्य अनुसंधान का गतिशील और जीवंत इकोसिस्टम तैयार करना, ताकि निदान, निवारक, स्वास्थ्य संवर्धन, पुनर्स्थापना और उपचार विधियों से संबंधित नवाचारों के माध्यम से लोगों तक सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाई जा सके।
- मौजूदा मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे और उपलब्ध संसाधनों को दिशा प्रदान करके राष्ट्रीय महत्व की बीमारियों के लिए सम्पूर्ण स्वास्थ्य दृष्टिकोण को मुख्यधारा में लाने के लिए मजबूत साक्ष्य उत्पन्न करना।
सरकार ने 4 मार्च 2024 को आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) और आयुष अस्पतालों के लिए भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) प्रकाशित किए। इन मानकों का उद्देश्य एक मानकीकृत ढांचा प्रदान करके सेवा वितरण में मौजूदा अंतराल को पाटना है। यह ढांचा न केवल आयुष स्वास्थ्य सुविधाओं के भौतिक बुनियादी ढांचे को शामिल करता है, बल्कि प्रदान की जाने वाली देखभाल की गुणवत्ता, मानव संसाधनों की उपलब्धता, क्षमता निर्माण, दवाओं, निदान, उपकरण और शासन आदि के मानकों को भी शामिल करता है, जिससे पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण के उच्चतम मानकों की उपलब्धता सुनिश्चित होती है।
यह जानकारी आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एआरएम/केपी
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