पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
राष्ट्रीय जलमार्गों के माध्यम से कार्गों की आवाजाही
Posted On:
30 JUL 2024 2:07PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) के माध्यम से कार्गों (माल) की आवाजाही बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम अनुलग्नक-1 में दिए गए हैं।
वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक राष्ट्रीय जलमार्गों के माध्यम से कार्गो आवाजाही का वर्ष-वार विवरण अनुलग्नक-2 में संलग्न है।
पांच राष्ट्रीय जलमार्गों (राष्ट्रीय जलमार्ग-1 से राष्ट्रीय जलमार्ग-5 तक) के विकास के अलावा, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और असम राज्यों में सरकार द्वारा 14 नए राष्ट्रीय जलमार्गों के चरण-I विकास को मंजूरी दी गई है, जिसका विवरण अनुलग्नक-3 में दिया गया है।
अनुलग्नक-1 जलमार्ग पर कार्गों परिवहन के विकास के लिए उठाए गए कदम
- फेयरवे विकास कार्य:
जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (एनडब्ल्यू-1) पर हल्दिया-बाढ़ में 3.0 मीटर, बाढ़-गाजीपुर में 2.5 मीटर और गाजीपुर-वाराणसी खंडों में 2.2 मीटर की न्यूनतम उपलब्ध गहराई (एलएडी) सुनिश्चित करने के लिए फेयरवे विकास कार्य प्रगति पर हैं, जिसे विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता से आईडब्ल्यूएआई द्वारा शुरू किया गया है।
इसी प्रकार भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के माध्यम से एनडब्ल्यू-1 और एनडब्ल्यू-2/एनडब्ल्यू-16 के बीच संपर्क बेहतर बनाने के लिए, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग होते हुए संख्या 1 और 2 पर सिराजगंज और दाइखोवा के बीच, प्रोटोकॉल मार्ग संख्या 3 और 4 पर आशुगंज और जाकीगंज के बीच महत्वपूर्ण और उथले खंडों में फेयरवे विकास का काम भारत और बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग पर जहाजों के सहज नौवहन क्षमता (2.5 मीटर के लक्षित एलएडी के साथ) के लिए सुन्दरवन में राष्ट्रीय जनमार्ग 97 पर विकास कार्य चल रहा है ताकि पूरे वर्ष नौवहन क्षमता उपलब्ध रहे।
- नये राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास:
आईडब्ल्यूएआई ने तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययनों के माध्यम से 26 नए राष्ट्रीय जलमार्गों की पहचान की है, ताकि परिवहन के उद्देश्य से जलमार्गों को जहाजों के चलने योग्य बनाने के लिए तकनीकी उपाय किया जा सके। ये नए जलमार्ग तैयार होने के बाद, संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों में परिवहन का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान कर सकते हैं।
- विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों पर रो-रो/रो-पैक्स सेवा शुरू हुई-
फरवरी 2021 के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा निम्नलिखित मार्गों के लिए रो-रो/रो-पैक्स जहाजों के संचालन का उद्घाटन किया गया:
पोत का नाम
|
रो-रो/रो-पैक्स सेवाएं
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माननीय प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की तिथि
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एमवी रानी गाइदिन्ल्यू और
एमवी सचिन देव बर्मन
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नेमाती और कमलाबाड़ी (माजुली)
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18.02.2021
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एमवी जेएफआर जैकब
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गुवाहाटी और उत्तर गुवाहाटी
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18.02.2021
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एमवी बॉब खाथिंग
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धुबरी और फकीरगंज (यू/एस हत्सिंगीमारी)
|
18.02.2021
|
एमवी आदि शंकर एवं
एमवी सी.वी. रमन
|
वेलिंगडन द्वीप और बोलघाटी
|
14.02.2021
|
आईडब्ल्यूएआई द्वारा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामारन पोत एमवी निषादराज और एमवी गुह को वाराणसी और अयोध्या में परिचालन के लिए क्रमशः 13.03.2024 और 15.03.2024 को पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश को सौंप दिया गया है।
- लेवी में संशोधन और शुल्क का संग्रहण:
परिवहन के एक पूरक साधन के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ावा देने के बारे में भारत सरकार के विज़न को आगे बढ़ाते हुए, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने प्रारंभ में तीन वर्षों की अवधि के लिए जलमार्ग उपयोगकर्ता शुल्क माफ करने पर विचार किया है।
- व्यवसाय को आसान बनाने के लिए डिजिटल समाधान
- सीएआर-डी (कार्गो डेटा) पोर्टल : सीएआर-डी राष्ट्रीय जलमार्गों के सभी कार्गो और क्रूज आवागमन डेटा के संग्रहण, विश्लेषण और हितधारकों तक प्रसार के लिए एक वेब-आधारित पोर्टल है।
- पानी (पोर्टल फॉर एसेट एंड नेविगेशन इन्फॉर्मेशन) : ‘पानी’ एक एकीकृत समाधान है जो नदी नेविगेशन और बुनियादी ढांचे की जानकारी को एक ही मंच पर उपलब्ध कराता है।
यह राष्ट्रीय जलमार्गों की विभिन्न विशेषताओं और परिसंपत्तियों जैसे कि फेयरवे, बुनियादी ढांचा सुविधाएं, नदी पार संरचनाएं, जेटी पर कनेक्टिविटी, माल के परिवहन की सुविधा के लिए आपातकालीन सेवाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
ये समाधान विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ाते हैं, संगठनात्मक स्थिरता को बेहतर बनाते हैं, संसाधन की दक्षता को बढ़ाते हैं, प्रत्येक हितधारक के लिए स्वामित्व और जवाबदेही को बढ़ाते हैं जिससे गतिविधियों के बेहतर प्रबंधन को बढ़ावा मिलता है। इस क्षेत्र के लिए आईडब्ल्यूएआई द्वारा किए जा रहे प्रमुख कार्यों तक सार्वजनिक पहुंच होने से, बाजार में आईडब्ल्यूएआई की स्थिति में सुधार होगा और इस क्षेत्र में विश्वास भी बढ़ेगा।
- आईडब्ल्यूटी मोड का उपयोग करके क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि:
ए. पीआईडब्ल्यूटीएंडटी के तहत भारत और बांग्लादेश में नयी पोर्ट्स ऑफ कॉल और मार्गों को शामिल करना : भारत और बांग्लादेश में पीआईडब्ल्यूटीएंडटी के तहत मौजूदा 8 मार्गों के अलावा 2 जलमार्गों के विस्तार के साथ प्रत्येक साइड पर 6 मौजूदा न्यू पोर्ट्स ऑफ कॉल के 7 नए पोर्ट्स ऑफ कॉल हैं। जिनसे भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार के लिए आईडब्ल्यूटी मोड की पहुंच में वृद्धि होने को अनुमान है और इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय जलमार्गों पर यातायात में वृद्धि होगी। मैया रिवराइन पोर्ट को चालू कर दिया गया है और पीआईडब्ल्यूटीटी रूट नंबर 5 और 6 के माध्यम से सुल्तानगंज (गोदागरी-राजशाही) के बीच 5 परीक्षण आवाजाही पूरी हो चुकी हैं।
बी. भूटान और बांग्लादेश के बीच व्यापार : भूटान के पत्थर निर्यातकों ने जलमार्ग मोड से जुड़े लाभों जैसे कम परिवहन लागत, सड़क की तुलना में बड़े शिपमेंट आकार, भूमि मार्गों पर भीड़ से बचाव आदि पर विचार करते हुए अंतर्देशीय जलमार्ग को परिवहन के वैकल्पिक मोड के रूप में पहचान की है। आईडब्ल्यूएआई की देखरेख में पहली आवाजाही का जुलाई 2019 में सफल निष्पादन किया गया था। आईडब्ल्यूटी मोड का उपयोग करके इस व्यापार के जारी रहने और आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- हितधारकों को अंतर्देशीय जल परिवहन का उपयोग करने और राष्ट्रीय जलमार्ग से संबंधित विभिन्न सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी)
विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए मानक प्रचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की जो सूची, आईडब्ल्यूएआई वेबसाइट पर उपलब्ध है, नीचे दी गई है:
-
- बांग्लादेश जनवादी गणराज्य सरकार और भारत गणराज्य सरकार के बीच भारत से माल की आवाजाही के लिए चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के उपयोग पर समझौते की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)।
- बांग्लादेश जनवादी गणराज्य सरकार और भारत गणराज्य सरकार के बीच तटीय और प्रोटोकॉल मार्ग पर यात्री और क्रूज सेवाओं पर समझौता ज्ञापन की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)।
- बांग्लादेश जनवादी गणराज्य सरकार और भारत गणराज्य सरकार के बीच द्विपक्षीय व्यापार और पारगमन कार्गो के परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग के उपयोग पर समझौता ज्ञापन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)।
- कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार (पीआईडब्ल्यूटीएंडटी) प्रोटोकॉल पर जहाजों की आवाजाही के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)।
- राष्ट्रीय जलमार्गों पर रो-रो/रो-पैक्स पोत परिचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और जांच सूची।
- कार-डी पोर्टल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)।
- कार्गो और क्रूज संवर्धन के लिए 2023-24 के दौरान निम्नलिखित समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए:
ए. ब्रह्मपुत्र में नदी धार्मिक पर्यटन सर्किट के विकास के लिए 19 मई को असम प्रशासनिक कॉलेज में, गुवाहाटी में असम पर्यटन, सागरमाला, आईडब्ल्यूटी असम और आईडब्ल्यूएआई के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
बी. दो आईडब्ल्यूएआई रो-पैक्स जहाजों एमवी राजेंद्र प्रसाद और एमवी स्वामी परमहंस के संचालन और प्रबंधन के लिए आईडब्ल्यूएआई और पर्यटन विभाग, बिहार सरकार के बीच दिनांक 24.07.2023 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
सी. 24.8.2023 को गुवाहाटी में अंतर्देशीय जल परिवहन का उपयोग करके नुमालीगढ़ रिफाइनरी के पेट्रोलियम उत्पाद कार्गो के परिवहन के लिए माननीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री की उपस्थिति में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) और आईडब्ल्यूएआई के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
डी. 25.09.2023 को वाराणसी में अंतर्देशीय जल परिवहन का उपयोग करते हुए अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में 6 इलेक्ट्रिक कैटामारन जहाजों के संचालन के लिए माननीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री की उपस्थिति में आईडब्ल्यूएआई और यूपी पर्यटन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
ई. कार्गो और नदी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जीएमआईएस 2023 के दौरान (आईडब्ल्यूएआई और ओडिशा सरकार, कोल इंडिया लिमिटेड और पारादीप पोर्ट अथॉरिटी, हेरिटेज रिवर जर्नीज़ प्राइवेट लिमिटेड, ए टू जेड एक्जिम, स्टार सीमेंट, अलकनंदा क्रूज लाइन, ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईआईटी रुड़की, परिवहन विभाग दिसपुर, असम सरकार, योगायतन पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और ए टू जेड एक्जिम और इंडो बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बीच) 10 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
- हितधारक परामर्श: आईडब्ल्यूएआई ने वित्त वर्ष 2020 में छह अलग-अलग स्थानों (कोलकाता, कोच्चि, मुंबई, पटना, गोवा और ढाका) में हितधारक परामर्श आयोजित किए। वित्त वर्ष 2022 के दौरान 9 और वित्त वर्ष 2023 में 6 सम्मेलन-सह-वेबिनार और कार्गो प्रमोशन के लिए वित्त वर्ष 2024 के दौरान तीन हितधारक बैठकें/सम्मेलन आयोजित किए।
- वाराणसी में 11 से 12 नवंबर 2022 तक आयोजित पीएम गतिशक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग संपर्क शिखर सम्मेलन में माननीय केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (पीएसडब्लू), माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, माननीय केंद्रीय वाणिज्य मंत्री, माननीय मंत्री-पीएसडब्लू ने भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन में पीएम गतिशक्ति के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया और 07 सामुदायिक घाटों का उद्घाटन किया गया तथा गंगा पर 08 सामुदायिक घाटों की आधारशिला रखी गई।
- माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 13 जनवरी 2023 को वाराणसी में माननीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री, उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज और जलमार्ग विकास परियोजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। गंगा विलास नदी क्रूज ने 28.02.2023 को भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग होते हुए ब्रह्मपुत्र पर डिब्रूगढ़ में 3200 किलोमीटर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की।
- माननीय केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) को बढ़ावा देने के लिए 12.6.2023 को आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष एवं सदस्य (तकनीकी) की उपस्थिति में आईडब्ल्यूएआई धुबरी टर्मिनल पर भारत-बांग्लादेश-भूटान आईडब्ल्यूटी ऑपरेटरों के साथ हितधारकों की बैठक आयोजित की।
- तीसरा वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन-2023 का 17 से 19 अक्टूबर तक मुंबई में आयोजन किया गया जिसमें 70 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
- देश में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन का समग्र विकास में तेजी लाने के लिए राज्यों के साथ सक्रिय सहयोग से कार्गो, यात्री आवागमन और नदी क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, राष्ट्रीय जलमार्गों, अन्य अंतर्देशीय जलमार्गों और संबंधित ईकोसिस्टम के व्यापक विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ माननीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग और आयुष मंत्री की अध्यक्षता में एक अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) की स्थापना की गई है। आईडब्ल्यूडीसी की पहली बैठक 8 जनवरी 2024 को कोलकाता में आयोजित की गई थी।
- राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर कार्गो की आगे की आवाजाही की संभावनाओं का पता लगाने के लिए, आईडब्ल्यूएआई के चेयरमैन की अध्यक्षता में 04.05.2023 को कोलकाता में हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
- केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने 12.6.2023 को आईडब्ल्यूएआई धुबरी में भारत-बांग्लादेश-भूटान आईडब्ल्यूटी ऑपरेटरों के साथ हितधारकों की बैठक आयोजित की।
- परिवहन के लिए राष्ट्रीय जलमार्गों के उपयोग पर हितधारकों का सम्मेलन 27.03.2024 को कोलकाता में आयोजित किया गया, जिसमें अन्य हितधारकों के अलावा, बीपीसीएल, एससीआई, इफको, एफसीआई, कॉनकॉर, सेल आदि जैसे सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों ने भाग लिया।
- विश्व बैंक समर्थित जेएमवीपी-II (अर्थ गंगा ) के अंतर्गत हस्तक्षेप:
जेएमवीपी-II (अर्थ गंगा) गंगा नदी अर्थात् एनडब्ल्यू-1 के आसपास रहने वाली आबादी के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक परियोजना है और इसे आर्थिक गतिविधियों को सक्रिय करने के लिए सतत विकास मॉडल के सिद्धांतों पर आधारित दृष्टिकोण पर विकास के लिए शुरू किया गया है, जिसका नदी के किनारे समग्र ईकोसिस्टम पर प्रभाव पड़ेगा।
इससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा और राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के माध्यम से माल और यात्रियों (पर्यटकों सहित) के आवागमन में वृद्धि होगी। आबादी की आजीविका में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकेगी। इस परियोजना की लागत 746.00 करोड़ रुपये है।
यह जानकारी केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
Annexure-2
The Details of Cargo Movement
National Waterways (NW)
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
NW-1 {Ganga-Bhagirathi-Hooghly River
System (Haldia-Allahabad)}
|
9.11
|
9.21
|
10.93
|
13.17
|
12.82
|
NW-2 {Brahmaputra River (Dhubri-Sadiya)}
|
0.39
|
0.31
|
0.43
|
0.63
|
0.59
|
NW-3 (West Coast Canal)
|
0.55
|
0.73
|
1.70
|
3.23
|
3.29
|
NW-4 (Krishna Godavari River Systems)
|
0.08
|
6.83
|
11.23
|
8.42
|
4.30
|
NW-5
(East Coast Canal And Matai River/Brahmani-Kharsua-Dhamra
Rivers/Mahanadi Delta Rivers)
|
-
|
|
0.02
|
0.40
|
0.64
|
NW-8 (Alappuzha-Changanassery Canal)
|
|
|
|
0.03
|
0.04
|
NW-9 (Alappuzha-Kottayam Athirampuzha
Canal)
|
|
|
|
0.02
|
0.02
|
NW-14 (Baitarni River)
|
|
|
-
|
0.001
|
|
NW-16 (Barak River)
|
0.00
|
0.00
|
0.01
|
0.01
|
0.003
|
NW-23 (BudhaBalanga)
|
|
|
|
0.03
|
0.02
|
NW-31 (Dhansiri/Chathe)
|
|
|
|
|
0.01
|
NW-44 (Ichamati River)
|
0.90
|
0.28
|
0.82
|
0.46
|
0.48
|
NW-64 (Mahanadi River)
|
-
|
-
|
0.02
|
0.45
|
0.67
|
NW-86 (Rupnarayan River)
|
-
|
0.00
|
0.00
|
0.09
|
0.10
|
NW-94 (Sone River)
|
0.80
|
-
|
-
|
-
|
1.16
|
NW-97 (Sunderbans Waterway)
|
3.46
|
3.86
|
6.10
|
5.47
|
5.19
|
Sub Total (National Waterways
1,2,3,4,5,16,44,64,86,94,&97)
|
15.30
|
21.22
|
31.24
|
32.41
|
29.34
|
Maharashtra Waterways
|
|
|
|
|
|
NW-10 (Amba River)
|
22.01
|
17.69
|
20.23
|
28.54
|
30.17
|
NW-83 (Rajpuri Creek)
|
0.67
|
0.21
|
0.23
|
0.24
|
0.45
|
NW-85 (Revadanda Creek-Kundalika River
System)
|
1.59
|
1.08
|
0.70
|
0.50
|
0.99
|
NW-91 (Shastri River - Jaigad Creek System)
|
0.12
|
9.24
|
22.45
|
33.87
|
37.05
|
TOTAL Maharashtra Waterways
|
24.39
|
28.21
|
43.61
|
63.15
|
68.66
|
Goa Waterways
|
|
|
|
|
|
NW-68 (Mandovi River)
|
1.58
|
4.00
|
2.62
|
2.54
|
2.42
|
NW-111 (Zuari River)
|
1.36
|
4.47
|
1.96
|
0.39
|
1.10
|
TOTAL Goa Waterways
|
2.93
|
8.46
|
4.58
|
2.93
|
3.52
|
Gujarat Waterways
|
|
|
|
|
|
NW-73 (Narmada River)
|
0.10
|
0.08
|
0.05
|
0.04
|
0.06
|
NW-100 (Tapi River)
|
30.92
|
25.63
|
29.32
|
27.62
|
31.46
|
TOTAL Gujarat Waterways
|
31.02
|
25.71
|
29.37
|
27.66
|
31.51
|
Grand Total Million Tonnes
|
73.64
|
83.61
|
108.79
|
126.15
|
133.03
|
IBP
|
3.46
|
3.60
|
5.43
|
5.20
|
4.70
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Annexure-3
List of new NWs sanctioned under Phase-I development
S/N
|
National Waterways (NWs)
|
Investment Sanctioned (Rs. in cr.)
|
1.
|
NW-8- Alappuzha-Changanassery Canal in Kerala
|
3
|
2.
|
NW-9- Alappuzha-Athirampuza Canal in Kerala
|
3
|
3.
|
NW-27-Cumberjua River in Goa
|
15
|
4.
|
NW-68- Mandovi River in Goa
|
5.
|
NW-111- Zuari River in Goa
|
6.
|
NW-86- River Rupnarayan in West Bengal
|
20
|
7.
|
NW-97- Sundarbans Waterways in West Bengal
|
20
|
8.
|
NW-40- Ghaghra River in U.P. & Bihar
|
15
|
9.
|
NW-44- Ichamati River in West Bengal
|
10
|
10.
|
NW-10- Amba River in Maharashtra
|
10
|
11.
|
NW-28-Dabhol Creek Vashisthi River in Maharashtra
|
12.
|
NW-57- Kopili River in Assam
|
32
|
13.
|
NW-31- Dhansiri River in Assam
|
84
|
14.
|
NW-16-River Barak in Assam
|
148
|
***
एमजी/एआर/आईपीएस/एमपी
(Release ID: 2039077)
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