विधि एवं न्‍याय मंत्रालय

नालसा ने पैरा-लीगल स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए आवश्यक सभी पहलुओं को शामिल करते हुए व्यापक मॉड्यूल तैयार किया


वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 (मई, 2024 तक) के दौरान कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा पैरा-लीगल स्वयंसेवकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विवरण

Posted On: 26 JUL 2024 1:24PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) द्वारा वर्ष 2009 में पैरालीगल स्वयंसेवक स्कीम शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से चुने गए स्वयंसेवकों को विधिक (लीगल) प्रशिक्षण प्रदान करना था ताकि न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करते हुए सभी वर्गों को विधिक सहायता पहुंचाई जा सके। इस योजना को 2017 में संशोधित किया गया और इसका नाम बदलकर 'पैरा-लीगल वालंटियर्स (संशोधित) योजना' कर दिया गया। पैरा-लीगल स्वयंसेवकों (पीएलवी) से न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के अंतर को पाटने के लिए सामान्य नागरिकों और विधिक सेवा संस्थाओं के बीच मध्यस्थों के रूप में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है।

नालसा ने पीएलवी की क्षमताओं, विशेष रूप से उनके कौशल और प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए "पैरा-लीगल स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए मॉड्यूल" नामक एक व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया है। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल में पीएलवी के प्रशिक्षण के लिए आवश्यक सभी पहलू शामिल हैं। इसका उद्देश्य न्याय के संवैधानिक विजन, आपराधिक कानून, श्रम कानून, किशोरों के लिए कानून और महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए कानूनों की मूल बातों से पीएलवी को सूचित और संवेदनशील बनाना है। यह प्रक्रिया ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक संवेदनशीलता, नरम व्यवहार कौशल और संचार कौशल पर बल देता है जो एक विविध आबादी से निपटने के लिए आवश्यक हैं।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के अध्यक्ष की देखरेख में पीएलवी को एक साझा स्थान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना पड़ता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसी दिए गए समय विशेष पर प्रशिक्षित किए जाने वाले पीएलवी की संख्या 50 से अधिक नहीं होनी चाहिए। ओरिएंटेशन और इंडक्शन प्रशिक्षणों के अतिरिक्त पीएलवी को समय-समय पर उनके कौशल में वृद्धि करने के लिए आवधिक रिफ्रेसर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। विधिक सेवा प्राधिकरण आवधिक रूप से पीएलवी के कार्य का मूल्यांकन करते हैं और कमियों की पहचान करने तथा फील्ड में समस्याओं से निपटने में उनकी सहायता करते हैं। डीएलएसए अपनी शंकाओं का समाधान करते हैं और मॉड्यूल के अनुसार ज्ञान प्राप्ति और अपने कौशल के उन्नयन की सुविधा प्रदान करते हैं। पीएलवी की अनुकरणीय सेवाओं को मान्यता दी जाती है और लाभार्थियों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए पुरस्कृत किया जाता है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 (मई 2024 तक) के दौरान राजस्थान सहित कानूनी सेवा प्राधिकरणों द्वारा पीएलवी के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विवरण अनुलग्नक-ए में दिए गए हैं।

अनुलग्नक-ए

यह जानकारी आज लोकसभा में विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री  श्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखित उत्तर में दी।

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